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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश में आज गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। देश के अलग.अलग हिस्सों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। लोगों में भी गणतंत्र दिवस को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। दरअसल, संविधान सभा की तरफ से 26 नवंबर, 1949 को संविधान अपनाया गया और फिर 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ और भारत एक गणतंत्र बना। इस दिन को याद करने के लिए हर साल 26 जनवरी को देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते हैं। वहीं 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस वाले दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। जहां राष्ट्रपति देश के राष्ट्रध्यक्ष होते हैं, वहीं प्रधानमंत्री केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं। भले ही झंडा फहराना और ध्वजारोहण सुनने में एक जैसे शब्द मालूम जान पड़ते हैं। लोग दोनों को एक जैसा ही मानते हैं। हालांकि, इन दोनों शब्दों में काफी अंतर है। आइए आज इन दोनों के बीच का अंतर जानते हैं। दरअसल, झंडा फहराने और ध्वजारोहण में महत्वपूर्ण अंतर गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के दौरान तिरंगे को रखने में है।

नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह एक युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। यह एक युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है। हमें अपने देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सुनहरा अवसर मिला है। हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए मैं सभी देशवासियों से संविधान में निहित हमारे मूल कर्तव्यों का पालन करने का अनुरोध करूंगी। ये कर्तव्य आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रत्येक नागरिक का आवश्यक दायित्व हैं।

राष्ट्रपति ने कर्पूरी ठाकुर को किया याद

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि सामाजिक न्याय के लिए अनवरत युद्धरत रहे, कर्पूरी ठाकुर जी की जन्म शताब्दी का उत्सव कल ही संपन्न हुआ है।

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार (25 जनवरी) को केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री तीनों श्रेणी में मिलाकर 132 हस्तियों के नामों की घोषणा की गई। इनमें विभूषण के लिए 5, पद्म भूषण के लिए 17 और पद्मश्री के लिए 110 नामों की घोषणा की गई है।

असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिए जाने वाले पद्म विभूषण के लिए पांच हस्तियों के नामों की घोषणा की गई, जिनमें पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, अभिनेता चिरंजीवी, हिंदी फिल्मों की मशहूर अदाकार वैजयंती माला, मशहूर नृत्यांगना पद्मा सुब्रमण्यम और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक (मरणोपरांत) शामिल हैं।

17 हस्तियां पद्म भूषण से सम्मानित

उच्च कोटि की सेवा के लिए दिए जाने वाले पद्म भूषण पुरस्कारों के लिए 17 लोगों के नामों की घोषणा की गई। इनमें मशहूर फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे राम नाईक का नाम भी शामिल हैं।

नई दिल्ली/पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर गुरुवार (25 जनवरी)को पूरे दिन सियासी अटकलें लगाई जाती रही। इस बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली पहुंचे और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बैठक के बाद नीतीश कुमार को लेकर बातचीत से सम्राट चौधरी ने इंकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा की तैयारी को लेकर चर्चा हुई है। नीतीश कुमार को लेकर कोई बात नहीं हुई है।‘‘ वहीं विजय सिन्हा ने भी कहा कि नीतीश कुमार को लेकर कोई बात नहीं हुई।

बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, विनोद तावड़े, सुशील मोदी, विजय सिन्हा, बिहार के संगठन मंत्री भिखु भाई दलसानिया, पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी, बीजेपी के बिहार झारखंड के क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र मौजूद थे।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार को उनके राजनीतिक कद के अनुसार विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) में स्थान नहीं मिलने के कारण जेडीयू नेता नाखुश हैं।

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