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नई दिल्ली: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने की मांग को लेकर किसान एक बार फिर दिल्ली कूच की तैयारी में हैं। शंभू बॉर्डर पर डटे किसान नेताओं ने प्रदर्शन की आगे की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि कल यानि बुधवार को किसान दिल्ली स्थित जंतर मंतर की ओर कूच करेंगे। किसान नेताओं का कहना है कि इस दौरान उनके साथ कई राज्यों के किसान जंतर मंतर जाएंगे।

किसान आंदोलन की आगे की रणनीति बताने के साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि देश में जो लूट हो रही है उसको बचाने के लिए किसान लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा, 'हमारी अभिव्यक्ति की आजादी को छीना जा रहा है। जनता को हमारे लिए सरकार से सवाल करना चाहिए।'

इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि कल यानि बुधवार को किसानों का जंतर मंतर कूच का कार्यक्रम जरूर होगा और ये कार्यक्रम सफल भी जरूर होगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ तानाशाहीपूर्ण रवैया अपना रही है।

नई दिल्‍ली: दुनिया भर में सोशल मीडिया इस्‍तेमाल करने वाले हजारों यूजर्स को मंगलवार को परेशानी का सामना करना पड़ा। यूजर्स ने फेसबुक और इंस्‍टाग्राम के ठप होने की रिपोर्ट कर रहे हैं। मेटा अकाउंट के क्रैश होने से फेसबुक अकाउंट लॉग आउट हो गए। अब लोगों को फेसबुक और इंस्‍टाग्राम के हैक होने का डर सता रहा है। डाउन डिटेक्टर के मुताबिक, परेशानी रात साढ़े आठ बजे के बाद शुरू हुई, जो अब तक जारी है। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्‍टाग्राम डाउन हो गया। इससे जुड़े कई ट्वीट्स यूजर ने एक्‍स अकाउंट पर किए हैं। इसमें कहा गया है कि मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम पर फीड लोड नहीं हो रही है और न ही वह कुछ कर पा रहे हैं। यूजर्स के साथ ऐसा क्यों हो रहा है इस बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि व्हाट्सएप पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। 

फेसबुक और इंस्टाग्राम के डाउन को लेकर मेटा की तरफ से प्रतिक्रिया दी गई है। मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि हम जानते हैं कि लोगों को हमारी सेवाओं तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। हम अभी इस पर काम कर रहे हैं।

नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने राजनीतिक दलों के इलेक्टोरल बॉन्ड (की जानकारी का खुलासा करने के लिए 30 जून तक की मोहलत मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 6 मार्च तक चुनाव आयोग को जानकारी देने का निर्देश दिया था। एसबीआई ने कोर्ट में आवेदन दायर करके कहा कि उन्हें डिटेल निकालने के लिए समय चाहिए। अब इसे लेकर कांग्रेस ने एसबीआई के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ब्योरे को छिपाने के लिए बैंक को ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।

कांग्रेस ने बीजेपी पर लोकसभा चुनाव के बाद तक असंवैधानिक इलेक्टोरल बॉन्ड पर डेटा को सीक्रेट रखने की कोशिश का भी आरोप लगाया है। कांग्रेस के ऑफिशियल एक्स हैंडल से पोस्ट किया गया, "इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च तक का वक्त दिया, लेकिन एसबीआई ने 30 जून तक का वक्त मांगा है। 30 जून का मतलब- लोकसभा चुनाव के बाद जानकारी दी जाएगी। आखिर एसबीआई ये जानकारी लोकसभा चुनाव से पहले क्यों नहीं दे रहा? महालूट के सौदागर को बचाने में एसबीआई क्यों लगा है?"

नई दिल्ली: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट से चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने एसबीआई को चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देने को कहा था। दरअसल, एसबीआई ही चुनावी बॉन्ड जारी करता था।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने 15 फरवरी 2024 को चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक और आरटीआई का उल्लंघन करार देते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। सीजेआई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने एसबीआई को अप्रैल 2019 से अब तक मिले चंदे की जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को देने के लिए कहा था। कोर्ट ने चुनाव आयोग से 13 मार्च तक यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा था।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई ने अपने आवेदन में कोर्ट से कहा कि 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक विभिन्न पार्टियों को चंदे के लिए 22217 चुनाव बॉन्ड जारी किए गए हैं।

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