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संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को माओवादी संबंध मामले में बरी कर दिया गया था।

पीठ ने अपील को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू के मौखिक अपील को भी खारिज कर दिया और कहा कि यह सही समय पर आएगा। पीठ ने एसवी राजू ने कहा कि सजा को पलटने के आदेश में कोई जल्दबाजी नहीं की जा सकती। 

गौरतलब है कि पांच मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने 54 वर्षीय साई बाबा और अन्य को बरी कर दिया, यह देखते हुए कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। हाईकोर्ट ने साईबाबा की आजीवन कारावास की सजा को भी रद्द कर दिया था और मामले में पांच अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें केंद्र को 2023 के कानून के अनुसार नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से रोकने की मांग की गई है, जिसके प्रावधानों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद चुनाव आयुक्तों की दो रिक्तियां हैं।

याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी है। अपने आवेदन में, ठाकुर ने अदालत को सूचित किया कि उनकी याचिका के लंबित रहने के दौरान, जिसमें 12 जनवरी को एक नोटिस जारी किया गया था, चुनाव आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने 9 मार्च, 2024 को इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है।

याचिका में कहा गया है कि तथ्यों को ध्यान में रखते हुए लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव की घोषणा शीघ्र ही की जा सकती है, इसलिए नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति तुरंत आवश्यक है।

नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की याचिका खारिज करते हुए 12 मार्च तक ब्योरा देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चुनाव आयोग को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने एसबीआई सीएमडी को ब्योरा जारी कर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने से इंकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि हम एसबीआई को नोटिस देते हैं कि यदि एसबीआई इस आदेश में बताई गई समयसीमा के भीतर निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो यह न्यायालय जानबूझकर अवज्ञा के लिए उसके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए इच्छुक हो सकता है।

चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई पर बड़ी टिप्पणी की है। सीजेआई ने कहा कि हमने आपको डेटा मिलान के लिए नहीं कहा था, आप आदेश का पालन कीजिए। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आपको सिर्फ डेटा सील कवर से निकालना है और भेजना है। सीजेआई ने एसबीआई ने पूछा कि आपने पिछले 26 दिनों में क्या काम किया, कितना डेटा मिलान किया।

नई दिल्ली: अरुण गोयल के चुनाव आयुक्त पद से इस्तीफा देने के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कहा कि इस घटनाक्रम से सीधा सवाल उठता है कि आखिर चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर किसका दबाव है? कांग्रेस ने पूछा कि क्या अरुण गोयल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) या सरकार के साथ किसी मतभेद के कारण ये कदम उठाया है?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूछा कि क्या गोयल ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है, जैसा कि उन्होंने अपने त्याग पत्र में इसका उल्लेख किया है या कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हालांकि गोयल के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ये देखने के लिए इंतजार करना होगा कि वह आने वाले दिनों में क्या करते हैं।

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