नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के एलान होने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। इन तारीखों की घोषणा से पहले अचानक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के पद से इस्तीफा देने के फैसले ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। निवर्तमान चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का कार्यकाल 2027 तक था।
अभी 2027 तक था कार्यकाल
सूत्रों का मानना है कि चुनाव आयुक्त पद से अरुण गोयल के इस्तीफा देने को लेकर किसी को भनक तक नहीं थी। किसी को भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि अरुण गोयल जिनका अभी कार्यकाल 2027 तक था, इससे पहले वो अपना इस्तीफा दे देंगे।
बात अगर लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में उनकी सक्रियत को लेकर की जाए तो अगले 3 दिन बाद आयोग को जम्मू कश्मीर के दौरे पर जाना है। वहीं, चुनाव आयोग अभी 2 दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के दौरे से वापस लौटा है। ऐसे में अरुण गोयल के अचानक इस्तीफा देने की कोई खास वजह सामने नहीं आई है। उनके इस्तीफा स्वीकार करने को लेकर केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से एक अधिसूचना भी जारी की गई।
इस अधिसूचना में राष्ट्रपति से चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा को तत्काल प्रभाव से स्वीकृति देने का आग्रह किया गया है।
अरुण गोयल ही देख रहे थे चुनाव आयुक्त के तौर पर काम
सूत्र बताते हैं कि यह इस्तीफा इस वजह से भी और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि फिलहाल चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा अरुण गोयल ही चुनाव आयुक्त के तौर पर काम देख रहे थे। जबकि आयोग में कुल 3 लोग होते हैं। इसका मतलब यह है कि इस स्थिति के बाद सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त ही आयोग में बचे हैं।