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नई दिल्ली: देशभर से सीएए के खिलाफ दाखिल 200 से ज्यादा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सीएए पर किसी भी तरह की रोक लगाने से इंकार कर दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार से सीएए पर तीन हफ्ते में जवाब तलब किया है। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने केंद्र सरकार से पूछा कि नोटिफिकेशन पर रोक की मांग वाली याचिका पर जवाब देने के लिए उनको कितना समय चाहिए। जिस पर केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल ने 4 हफ्ते का का समय मांगा था। हालांकि अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को तीन हफ्ते का समय दिया है। मामले में अब अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।

याचिकाकर्ता में से एक की तरफ से पेश वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र को समय दिए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सीएए को चार साल हो गए। अगर एक बार लोगों को नागरिकता मिल गई तो फिर वापस करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद ये याचिकाएं निष्प्रभावी हो जाएंगी। सिब्बल ने कहा कि ये नोटिफिकेशन इंतजार कर सकता है। हम समय का विरोध नहीं कर रहे, चार साल बाद ऐसी क्या अर्जेंसी है।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया।

आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भी हटाया

आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटाने का भी आदेश दिया। साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य प्रशासनिक विभागों के सचिवों को हटा दिया गया है। लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के कुछ दिनों बाद आयोग ने बृह्नमुंबई महानगर पालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को हटाने का भी आदेश दिया।

आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जिन्होंने (पद पर) तीन साल पूरा कर लिया है या अपने गृह जिलों में तैनात हैं। महाराष्ट्र ने कुछ नगर निगम आयुक्तों, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों के संबंध में निर्देशों का पालन नहीं किया था।

नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से कहा है कि हम जो जानकारी आपसे चाहते हैं वो आप अभी तक नहीं दे पाएं है। हमने आपसे जो भी जानकारी मांगी है उसे देने के लिए आप बाध्य हैं और आपको हर जानकारी विस्तार से देनी होगी। कोर्ट ने आगे कहा है कि एसबीआई को बॉन्ड नंबर देना होगा। साथ ही बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी भी कोर्ट को देनी होगी। कोर्ट ने आगे कहा कि एसबीआई हलफनामा देकर बताए कि उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई है। इस पर एसबीआई ने कहा है कि हम चुनावी बॉन्ड नंबर देंगे।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने कहा कि हम चाहते हैं कि चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा किया जाए जो आपके पास है। जबकि एसबीआई का रवैया ऐसा है कि अदालत बताए कि किस किस का खुलासा करना है। इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों का डेटा मांगा था।

नई दिल्ली: सेवानिवृत्त नौकरशाह नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह पद चार साल से खाली था। वह ए. सूर्य प्रकाश का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल फरवरी 2020 में समाप्त हो गया था। प्रकाश 70 वर्ष के हो गए थे, जो इस पद के लिए अधिकतम आयु सीमा है।

नवनीत सहगल उत्तर प्रदेश कैडर के 1988 बैच के चर्चित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी रहे हैं। वह पिछले साल ही सेवानिवृत्त हुए हैं। सहगल ने उत्तर प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण कार्यभार संभाला है और अतिरिक्त मुख्य सचिव, खेल और युवा कल्याण के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, शनिवार को नवनीत सहगल ने प्रसार भारती के चेयरमैन का कार्यभार ग्रहण कर लिया।

सूचना व प्रसारण मंत्रालय द्वारा 15 मार्च को जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘‘...राष्ट्रपति को, चयन समिति की सिफारिश पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्नता है।

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