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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। अकाउंट फ्रिज किए जाने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को कांग्रेस को 1823 करोड़ रुपये का नया डिमांड नोटिस जारी किया है। यह डिमांड नोटिस 2017-18 से 2020-21 के लिए है। इसमें जुर्माने के साथ ब्याज भी शामिल हैं। नए नोटिस को लोकसभा चुनाव से पहले नकदी संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। एक दिन पहले 28 मार्च को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने टैक्स असेसमेंट को लेकर दायर कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी थी।

अब इसे पूरे मामले को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने सरकार बदलने पर उचित कार्रवाई की गारंटी भी दी है।

कांग्रेस को भेजे गए आईटी के फ्रेश नोटिस पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया दी। राहुल गांधी ने लिखा, "जब सरकार बदलेगी तो ‘लोकतंत्र का चीरहरण' करने वालों पर कार्रवाई ज़रूर होगी और ऐसी कार्रवाई होगी कि दोबारा फिर किसी की हिम्मत नहीं होगी, ये सब करने की। ये मेरी गारंटी है।"

नई दिल्ली: इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस पार्टी को 1,700 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा है, ये जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। कांग्रेस को यह नोटिस दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा टैक्स नोटिस को चुनौती देने वाली पार्टी की याचिका खारिज करने के एक दिन बाद भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक ताजा नोटिस एसेसमेंट इयर 2017-18 से 2020-21 के लिए है, इसमें जुर्माना और ब्याज दोनों शामिल है।

बीजेपी के खिलाफ 4600 करोड़ का नोटिस जारी करे आईटी: माकन

आयकर विभाग के नोटिस पर कांग्रेस नेता अजय कामन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस को अब तक 1823 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस जारी किया है। इसमें सीताराम केसरी के कार्यकाल 1993-94 से जुड़ी 53.5 करोड़ की डिमांड शामिल है। हम मांग करते हैं कि आयकर विभाग बीजेपी के खिलाफ 4600 करोड़ का टैक्स डिमांड नोटिस जारी करें।"

नई दिल्ली: देश के जाने-माने 500 से ज्यादा वकीलों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है। पत्र लिखने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत तमाम प्रमुख नाम शामिल हैं।

इन वकीलों ने चिट्ठी में न्यापालिका की अखंडता पर खतरे को लेकर चिंता जताई है। इन वकीलों का कहना है कि कुछ 'खास समूह' न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और कोर्ट के फैसलों पर असर डाल रहे हैं।

पत्र में कहा गया है कि यह समूह राजनीतिक एजेडों के साथ आधारहीन आरोप लगा रहे हैं और न्यायपालिका की छवि के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।

चिट्ठी में कहा गया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे राजनीतिक चेहरों से जुड़े केसों में यह हथकंडे जाहिर तौर पर दिखते हैं। ऐसे मामलों में अदालती फैसलों को प्रभावित करने और न्यायपालिका को बदनाम करने के प्रयास सबसे अधिक स्पष्ट होते हैं।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। इस बाबत आयोग ने भाजपा सांसद दिलीप घोष और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही आयोग ने दोनों नेताओं से इस नोटिस पर 29 मार्च 2024 शाम 5 बजे तक जवाब देने को भी कहा है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना की एक तस्वीर के साथ एक आपत्तिजनक पोस्ट साझा की थी। जब उनके पोस्ट को लेकर बवाल मचा तो कांग्रेस प्रवक्ता ने पोस्ट हटा ली और दावा किया कि उनके इंस्टा के अकाउंट पर कई लोगों का एक्सेस है। इसमें से किसी व्यक्ति ने घृणित और आपत्तिजनक पोस्ट किया था। हांलाकि भाजपा नेताओं ने उनकी पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर कर टीएमसी पर हमला बोला था।

वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद दिलीप घोष के एक वीडियो क्लिप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मजाक उड़ाते हुए विवादित टिप्पणी की थी।

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