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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में लगातार 11 दिनों से सरकार और विपक्ष में जारी टकराव अब तीखे दौर में पहुंच गई है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की बहस के जरिए मणिपुर पर सरकार को घेरने का इंतजार कर रहे विपक्ष ने राज्यसभा में नियम 267 के नोटिसों को लगातार खारिज किए जाने को तानाशाही करार दिया है।

साथ ही विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन के सभी दलों ने आरोप लगाया है कि राज्यसभा में मणिपुर पर विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा और सवाल उठाने पर सभापति के जरिए विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि आईएनडीआईए गठबंधन ऐसी धमकियों से डरे बिना संसद में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिशों का जोरदार मुकाबला करेगा। वहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्यसभा में वह मणिपुर पर नियम 176 के तहत चर्चा के लिए राजी है। सोमवार को इस नियम के तहत चर्चा की शुरूआत भी हो गई थी।

नई दिल्‍ली: मणिपुर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है संवैधानिक मशीनरी का पूरी तरह ब्रेक डाउन हो चुका है। वहां कोई कानून व्यवस्था नहीं बची है। किस तरह से जांच इतनी सुस्त है। इतने लंबे समय के बाद एफआईआर दर्ज की जाती है, गिरफ्तारी नहीं होती। बयान दर्ज नहीं किए जाते। इस पर सॉलिसीटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि अब वहां हालात सुधर रहे हैं। सीबीआई को जांच करने दें। अदालत इसकी मॉनिटरिंग करे। केंद्र की ओर से कोई सुस्ती नहीं है।

मणिपुर डीजीपी को किया तलब, शुक्रवार को होगी सुनवाई

इस मामले की सुनवाई अब शुक्रवार को होगी, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर डीजीपी को तलब किया है। इससे पहले सीजेआई ने कहा कि क्या 6000 केसों की जांच करेगी ? एसजी ने बताया 11 केसों की। सीजेआई ने कहा कि जब कानून व्यवस्था आम नागरिकों की सुरक्षा नहीं कर पा रही तो कैसी व्यवस्था है? आपकी रिपोर्ट और मशीनरी काफी आलसी और सुस्त है। स्थानीय पुलिस जांच कर रही है?

नई दिल्‍ली: मणिपुर हिंसा मामले में आज दोपहर 2 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। इससे पहले सीबीआई मणिपुर वायरल वीडियो से जुड़ी दुष्‍कर्म पीडि़त महिलाओं के बयान दर्ज करना चाह रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को ऐसा करने से रोक दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो बजे इस मामले की सुनवाई होगी, तब तक सीबीआई इंतजार करे। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को भी मणिपुर हिंसा मामले में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों की बात सुनी थी।

दरअसल, रेप पीडि़ता महिलाओं की ओर से अदालत को बताया गया कि सीबीआई आज दोपहर में दोनों के बयान लेना चाहती है, लेकिन कोर्ट की सुनवाई तक इस पर रोक लगाई जाए। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, "जब तक इस मामले पर सुनवाई कर फैसला ना हो, सीबीआई को इंतजार करने को कहा जाए।" वकील निज़ाम पाशा ने अदालत के सामने कहा कि सीबीआई पीड़ितों के पास आई है और बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है। उन्हें रोका जाना चाहिए, क्योंकि आज दोपहर 2 बजे सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। हम नहीं चाहते कि सीबीआई जांच हो।

नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र का आज यानि सोमवार को 9वां दिन है। आज संसद की कार्यवाही के दौरान दिल्ली सर्विस बिल पेश किया जा सकता है। आज संसद की कार्यवाही 11 बजे से शुरू हुई। लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने दोनों सदनों में नारेबाजी के साथ हंगामा करना शुरू कर दिया। लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

राघव चड्ढा बोले- लोकतंत्र को बाबूशाही में बदल देगा दिल्ली आर्डिनेंस बिल

आज लोकसभा में पेश किए जाने वाले एनसीटी दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि यह दिल्ली में लोकतंत्र को बाबूशाही में बदल देगा। निर्वाचित सरकार की सभी शक्तियां उनसे छीन ली जाएंगी और बीजेपी द्वारा नियुक्त एलजी को दे दिया जाएगा। ये बिल देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है... ये सब इसलिए किया गया है, क्योंकि बीजेपी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सफलता नहीं देख सकती।

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