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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान सामने आया है। राहुल ने जवाहर लाल नेहरू के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोला है। राहुल ने कहा कि नेहरू जी अपने काम के लिए जाने जाते हैं, न कि सिर्फ उनका नाम था।

आज से लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज से दो दिनों के लिए लेह-लद्दाख के दौरे पर रहेंगे। राहुल लद्दाख प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों से बैठक कर आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कांग्रेस को मजबूत बनाने की रणनीति बनाएंगे।

इससे पहले, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने को लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का आधिकारिक नाम बदलने को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी देश के स्वतंत्रता संग्राम में जवाहरलाल नेहरू के महान योगदान को कभी नहीं छीन सकते।

नई दिल्ली: भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान 3 आज अपने एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गया है। प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल विक्रम अलग हो चुका है। इसरो के मुताबिक, अब 23 अगस्त को शाम 5.45 पर लैंडर चांद की सतह पर लैंडिंग की कोशिश की जाएगी। चंद्रयान-3 बुधवार को, पृथ्वी के इकलौते उपग्रह की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया, तथा चंद्रमा की सतह के और भी करीब आ गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि इसके साथ ही चंद्रयान-3 ने चंद्रमा तक पहुंचने की अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब यह प्रणोदन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की तैयारी करेगा।

इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘आज की सफल प्रक्रिया संक्षिप्त अवधि के लिए आवश्यक थी। इसके तहत चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया, जिसका हमने अनुमान किया था। इसके साथ ही चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब प्रणोदन मॉड्यूल और लैंडर अलग होने के लिए तैयार हैं।''

नई दिल्ली: छेड़छाड़, वेश्या और गृहिणी जैसे शब्द जल्द ही कानूनी शब्दावली से बाहर हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक भेदभाव या असमानता दर्शाने वाले शब्दों के इस्तेमाल करने से बचने के लिए एक हैंडबुक लॉन्च किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने जारी की हैंडबुक

कानून शब्दावली में यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृहिणी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बहस सुनने के लिए एकत्रित हुए। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने हैंडबुक को लॉन्च किया।

सीजेआई ने कहा, ये शब्द अनुचित हैं और अतीत में न्यायाधीशों द्वारा इसका इस्तेमाल किया गया है। हैंडबुक का इरादा आलोचना करना या निर्णयों पर संदेह करना नहीं, बल्कि केवल यह दिखाना है कि अनजाने में कैसे रूढ़िवादिता का उपयोग किया जा सकता है। इस हैंडबुक में लैंगिक अन्यायपूर्ण शब्दों की शब्दावली है। साथ ही इसमें वैकल्पिक शब्द और वाक्यांश सुझाए गए हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है।

नई दिल्ली: अदालतों में सरकारी अफसरों की पेशी पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के लिए सुझाव दाखिल किए हैं। केंद्र ने कहा है कि इसका लक्ष्य न्यायपालिका और सरकार के संबंधों में सुधार लाना है। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, ट्रायल कोर्ट के लिए ड्राफ्ट एसओपी है। सरकारी अधिकारियों को केवल असाधारण मामलों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा जाए, अधिकारियों को तलब करते समय अदालतें संयम बरतें। अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी जाए।

ड्राफ्ट एसओपी में कहा गया है, सरकारी अधिकारियों को केवल असाधारण मामलों में ही व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा जाना चाहिए। अदालतों को सरकारी अधिकारियों को तलब करते समय आवश्यक संयम बरतना चाहिए। अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी जाए।

सरकार द्वारा पारित आदेश से संबंधित किसी भी मामले की सुनवाई आदेश की वैधता निर्धारित करने तक सीमित होनी चाहिए।

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