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नई दिल्ली: इशरत मामले पर भाजपा के भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया है। यह नोटिस इशरत केस में नई जानकारियों पर दिया गया है। भाजपा ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 'फंसाने' की मंशा से इशरत जहां 'फर्जी' मुठभेड़ मामले में पिछली संप्रग सरकार के ढुलमुल रवैये के मुद्दे पर कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को आड़े हाथ लिया। भाजपा ने मांग की कि इस मामले में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं की भूमिका की जांच होनी चाहिए। इशरत जहां मामले पर सोनिया गांधी ने कहा, चिदंबरम ने पहले ही कहा है कि हम पर इसलिए निशाना साधा जा रहा है, क्योंकि हम सत्ता में थे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उस कथित फर्जी मुठभेड़ की सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए, जिसमें इशरत और उसके साथी मारे गए थे। प्रसाद ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने पूरी सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया। भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रसाद ने जांच की मांग के लिए तत्कालीन गृह सचिव जी के पिल्लई और तत्कालीन अवर सचिव आर वी एस मणि के बयान का हवाला दिया।

उन्होंने कहा, 'गृह सचिव के बयानों से काफी संदिग्ध परिस्थितियां पैदा हो गई हैं। तत्कालीन अवर सचिव ने भी इसकी पुष्टि की है कि उनकी अनदेखी कर चिदंबरम ने (मामले के) पूरे स्वरूप में बदलाव करने वाला फैसला किया। प्रसाद ने आगे कहा, 'मोदी और अमित शाह के खिलाफ लगातार मुहिम चलाई गई, जिससे उन्हें किसी न किसी तरह फंसाया जा सके। पूरी सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया गया। भाजपा मांग करती है कि भारत सरकार इसकी जांच कराए। हम मांग कर रहे हैं कि इशरत जहां मामले में पूरे ढुलमुल रवैये की निष्पक्ष जांच हो।' उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भाजपा का आरोप है कि चिदंबरम ने यह सब कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों पर किया। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा फर्जी मुठभेड़ मामले में फिर से जांच चाहेगी, इस पर प्रसाद ने कहा कि वह इसे उस जांच की रिपोर्ट पर छोड़ेंगे, जिसकी मांग भाजपा ने की है। उन्होंने कहा कि जांच में यह भी शामिल किया जाना चाहिए कि कौन किस पर दबाव बना रहा था और देश के सुरक्षा तंत्र एवं उसके मनोबल पर इसका क्या असर पड़ा। प्रसाद ने सवाल किया, 'मोदी से अपनी नफरत के कारण क्या कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया? इस मामले की त्वरित जांच होनी चाहिए।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह मामले की न्यायिक जांच चाहते हैं, इस पर उन्होंने कहा, 'हम उस विकल्प को बंद नहीं कर रहे।'

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