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नई दिल्ली: आर्ट ऑफ लिविंग का 4.75 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी का प्रस्ताव एनजीटी ने ख़ारिज कर दिया है। यही नहीं एनजीटी पर 5 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है और कहा कि रकम का भुगतान एक हफ्ते में करें। एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया था, जिसमें से 25 लाख आर्ट ऑफ़ लिविंग ने जमा करा दिया था, लेकिन यमुना पर हुए प्रोग्राम के बाद 4.75 करोड़ आर्ट ऑफ़ लिविंग ने नहीं दिया और कहा कि वह सिर्फ बैंक गारंटी दे सकती है। नाराज एनजीटी ने कहा कि आपको प्रोग्राम करने की अनुमति इसी शर्त पर दी गयी थी कि आप रक़म समय पर चुकाएंगे, लेकिन आप रकम चुकाने के बजाय अपने वादे से मुकर गए और फिर यह रकम न चुकानी पड़े उसके लिए आपने ढेरों याचिकाएं लगा दीं। एओएल (आर्ट ऑफ लिविंग) का कहना है कि वह इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। वे इस फैसले से खुश नहीं हैं। दिल्ली में यमुना के किनारे मार्च में आर्ट ऑफ लिविंग का महोत्सव हुआ था। इस मामले में आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। आर्ट ऑफ लिविंग ने महोत्सव के पहले दिन 11 मार्च को 25 लाख रुपये दिए थे। शेष रकम अदा करने की डेडलाइन 1 अप्रैल थी। आर्ट ऑफ लिविंग ने ट्रिब्यूनल से कहा था वह बैंक गारंटी के तौर पर बाकी रकम देगा। उन्होंने यह भी कहा था कि साइट का साइंटिफिक असेसमेंट होना चाहिए।

साइट का अब तक सिर्फ विजुअल असेसमेंट हुआ है।

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