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नई दिल्ली: चीन ने अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस मिलाइल को तैनात किए जाने पर भारत को चेतावनी दी है। चीन ने कहा है कि इससे पूर्वोत्तर में सीमा पर स्थिरता बनाए रखने में 'नकारात्मक प्रभाव' पड़ेगा। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन की यह प्रतिक्रिया उस समय आई है जब भारत सरकार ने हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती को मंजूरी दी है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी ने इस महीने की शुरुआत में क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के उन्नत संस्करण से लैस एक नए रेजीमेंट के गठन की मंजूरी दी है। इस नए रेजीमेंट के गठन पर 4300 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह रेजीमेंट पर्वतीय युद्धकौशल में पारंगत होगी। इस नए रेजीमेंट की तैनाती अरुणाचल प्रदेश में की जाएगी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की आधिकारिक मीडिया 'पीएलए डेली' ने कहा है कि सूपर क्रूज मिसाइल की तैनाती वाला भारत का यह फैसला चीन को जवाबी कार्रवाई के लिए उकसा सकता है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल तैनात करने के निर्णय ने चीन की चिंता बढ़ा दी है। चीन की सरकारी मीडिया पीएलए डेली ने भारत सरकार को चेतावनी दी है कि भारत का यह निर्णय सही नहीं है और चीन माकूल जबाव दे सकता है। क्योंकि ब्रह्मोस की तैनाती से तिब्बत और यूनान प्रांत उसके टारगेट में आ गया है। इससे चीन भी प्रभावी कदम उठाने के लिए मजबूर होगा। डेली ने यह भी आरोप लगाया है कि दरअसल भारत ने यह कदम चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में आाधरभूत ढांचे को मजबूत करने एवं तिब्बत और जिनजियांग क्षेत्र में हवाई अड्डा, सड़क, रेल नेटवर्क का विस्तार करने के बाद उठाया है।

डेली ने कहा है कि 'ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह मिसाइल चीन के अंदरूनी इलाकों के लिए खतरा नहीं बन सकती।'

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