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रियो डि जिनेरियो: महिला तीरंदाजों ने रियो ओलंपिक के पांचवें दिन व्यक्तिगत वर्ग में जीत दर्ज की जबकि मनोज कुमार ने मुक्केबाजी रिंग में पूर्व ओलंपिक पदक विजेता को हराया हालांकि निशानेबाजी में जीतू राय क्वालीफाइंग दौर से ही बाहर हो गए । निशानेबाजी में अभी तक भारत की झोली खाली है और जीतू का 50 मीटर एयर पिस्टल से बाहर होना निराशाजनक रहा । उन्हें इस वर्ग में पदक की उम्मीद माना जा रहा था । महिला हाकी टीम को आस्ट्रेलिया ने 6- 1 से हराया । तीरंदाजी में व्यक्तिगत रिकर्व में लैशराम बोंबायला देवी और दीपिका कुमारी अपने अपने वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई । वहीं मनोज ने लंदन ओलंपिक के लाइटवेट कांस्य पदक विजेता एवाल्डास पेत्राउस्कास को वेल्टरवेट ( 64 किलो ) के पहले दौर में हराया । अपना तीसरा ओलंपिक खेल रही 31 बरस की बोंबायला रैंकिंग दौर में 24वें स्थान पर रही । उसने इसके बाद आस्ट्रिया की लौरेंस बेल्डौफ को एलिमिनेशन राउंड में हराया और चीनी ताइपै की लिन शिन चिया को 6-2 से मात दी । दीपिका ने एलिमिनेशन राउंड में जार्जिया की क्रिस्टीन इसेबुआ को 6-4 से और उसके बाद इटली की सरतोरी गुएन्दालिना को 6-2 से हराया । लंदन ओलंपिक में पहले ही दौर में बाहर हुई दीपिका ने 24 -27, 29 -26, 28-26, 28-27 से जीत दर्ज की । मुक्केबाजी में मनोज ने लिथुआनिया के पेत्राउस्कास को तीन दौर में 2-1 से मात दी । अब वह पांचवीं वरीयता प्राप्त उजबेकिस्तान के फजलीद्दीन गेइबनाजारोव से खेलेंगे।

जूडो में अवतार सिंह पुरूषों के 90 किलो वर्ग में रिफ्यूजी ओलंपिक टीम के मिसेंगा पोपोल से हार गए । वहीं भारोत्तोलक सतीश शिवलिंगम पुरूषों के 77 किलो वर्ग में 11वें स्थान पर रहे । राष्ट्रीय रिकार्डधारी शिवलिंगम ने स्नैच में 148 किलो और क्लीन एंड जर्क में 181 किलो समेत कुल 329 किलो वजन उठाया । वह ग्रुप बी में छह भारोत्तोलकों के बीच चौथे स्थान पर रहे । ग्रुप ए की स्पर्धा खत्म होने के बाद वह 14 भारोत्तोलकों में 11वें स्थान पर रहे । भारत को हालांकि पांचवें दिन पदक की उम्मीद राय से थी जिन्होंने दो साल पहले इसी 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। जीतू के अलावा स्पर्धा में हिस्सा ले रहे एक अन्य भारतीय प्रकाश नांजप्पा भी क्वालीफाइंग राउंड में 547 अंक के साथ 25वें स्थान पर रहे। ओलंपिक शूटिंग सेंटर में 28 साल के जीतू छह सीरीज के क्वालीफाइंग राउंड के बाद 12वें स्थान पर रहे। वह पांचवीं सीरीज के बाद चौथे स्थान पर चल रहे थे लेकिन अंतिम सीरीज में खराब प्रदर्शन के साथ बाहर हो गए। जीतू का स्कोर 554 रहा। ओलंपिक में भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीद के रूप में उतरे सेना के इस दुनिया के तीसरे नंबर के निशानेबाज ने हवा के बीच तीसरी और अंतिम सीरीज के खराब प्रदर्शन किया। शीर्ष आठ निशानेबाजों को ही फाइनल में जगह मिलती है।

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