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कोलंबो: पिछले साल दिसंबर के बाद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे शार्न मार्श और कप्तान स्टीव स्मिथ के नाबाद शतकों की मदद से आस्ट्रेलिया ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन लंच तक आज यहां 235 रन बनाये। मार्श (104) और स्मिथ (110) ने अब तक दूसरे विकेट के लिये 214 रन की साझेदारी की है। आस्ट्रेलिया अब श्रीलंका से 120 रन दूर है जिसने पहली पारी में 355 रन बनाये थे। बायें हाथ के बल्लेबाज मार्श ने अपनी पारी में अब तक 16 चौके लगाये हैं जबकि स्मिथ ने नौ चौके और एक छक्का लगाया है। मार्श ने सुबह 64 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी और उन्होंने अपना चौथा शतक लगाया। यह श्रीलंका में उनका दूसरा सैकड़ा है। वह जब 67 रन पर थे तब रंगना हेराथ की गेंद पर उन्हें जीवनदान मिला लेकिन इसके बाद उन्होंने श्रीलंकाई गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। उन्होंने दिलरूवान परेरा की गेंद पर विकेट के पीछे चौका लगाकर अपना शतक पूरा किया। स्मिथ ने सुबह 61 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी। उन्होंने मार्श के कुछ देर बाद अपना 15वां टेस्ट शतक पूरा किया। उन्होंने और मार्श दोनों ने स्पिनरों को निशाने पर रखा जिसके कारण श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने गेंदबाजी में लगातार बदलाव किये।

रियो डि जिनेरियो: ब्रिटिश टेनिस स्टार एंडी र्मे ने रविवार को फाइनल में अर्जेंटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो को हराकर रियो ओलंपिक में पुरूष एकल का स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रचा। र्मे ने डेल पोत्रो को चार घंटे से भी अधिक समय तक चले मैच में 7-5, 4-6, 6-2, 7-5 से हराया। वह ओलंपिक में दो एकल स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गये हैं। उन्होंने इससे पहले लंदन 2012 में भी सोने का तमगा हासिल किया था। दूसरी तरफ वीनस विलियम्स का पांच ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया जबकि राफेल नडाल भी पुरूष एकल में कांस्य पदक हासिल करने में नाकाम रहे। वीनस और उनके साथी राजीव राम को फाइनल में उनकी हमवतन अमेरिकी जोड़ी बैथानी माटेक सैंड्स और जैक सोक ने 6-7, 6-1, 10-7 से हराया। वीनस ने सिडनी ओलंपिक 2000 में महिला एकल का स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने अपनी बहन सेरेना के साथ मिलकर 2000, 2008 और 2012 में महिला युगल में सोने का तमगा हासिल किया था। पुरूष एकल में केई निशिकोरी ने स्पेनिश स्टार नडाल को 6-2, 6-7, 6-3 से हराकर जापान को 96 साल बाद टेनिस में कोई पदक दिलाया। इससे पहले 1920 में जापान ने पुरूष एकल और पुरूष युगल में रजत पदक जीते थे।

रियो डि जिनेरियो: भारत की ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की क्षीण उम्मीद को भी रविवार को तब करारा झटका लगा जब स्टार शटलर साइना नेहवाल ग्रुप चरण में ही पराजित हो गयी जबकि पुरुष हाकी टीम भी सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की टेनिस जोड़ी के साथ बाहर हो गयी। जिमनास्ट दीपा कर्माकर पदक जीतने से चूक गईं। फाइनल में दीपा को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। भारतीय ओलंपिक दल को बड़ा झटका लगा जब पदक की दावेदार साइना महिला एकल के ग्रुप जी के अपने दूसरे मैच में अपने से कम रैंकिंग वाली उक्रेन की मारिया उलीटीना के खिलाफ सीधे गेम में शिकस्त के साथ रियो खेलों से बाहर हो गयी। साइना के घुटने में चोट थी। लेकिन इस निराशाजनक दिन में थोड़ी सी आशा दुनिया के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी श्रीकांत और पीवी सिंधू ने दिलायी। श्रीकांत ने 32 मिनट चले ग्रुप एच के अपने दूसरे मैच में स्वीडन के हेनरी हुर्साकेइनेन को 21-6 21-18 से हराया। सिंधू ने महिला एकल के ग्रुप एम के मैच में 72 मिनट चले मुकाबले में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन ली मिशेल को 19-21 21-15 21-17 से हराने में सफल रहीं। भारतीय दल के लिये और निराशा सानिया-बोपन्ना की जोड़ी से मिली, जिन्हें मिश्रित युगल स्पर्धा के कांस्य पदक के प्ले आफ मैच में चेक गणराज्य के रादेक स्टेपानेक और लुसी हरादसेका से हार का मुंह देखना पड़ा। भारतीय जोड़ी ने लगातार दो जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाकर पदक की उम्मीदें बढ़ा दी थी लेकिन उन्हें एक घंटे 13 मिनट में 1-6 6-7 से पराजय मिली।

रियो डि जिनेरियो: सानिया मिर्जा रविवार को रियो ओलिंपिक की मिश्रित युगल स्पर्धा में अपने जोड़ीदार रोहन बोपन्ना के साथ मिली हार के कारणों को बयां करते समय अपने आंसुओं को छुपाने की भरपूर कोशिश कर रही थीं और उनके पास इस बताने के लिए शब्द नहीं थे. सानिया और बोपन्ना की चौथी वरीय भारतीय जोड़ी कांस्य पदक के मुकाबले में लुसी हरादेका और रादेक स्टेपानेक की चेक गणराज्य की जोड़ी से 1-6, 5-7 से हार गई. सानिया 29 वर्ष की हो चुकी हैं और अपने करियर में तीन बार करियर को खत्म करने वाली गंभीर चोटों से उबरी है, वह बखूबी जानती हैं कि यह उनका अंतिम ओलिंपिक था और उनके पास ओलिंपिक पदक जीतने का यह सर्वश्रेष्ठ मौका था. आंखों में आंसू भरे सानिया ने पत्रकारों से कहा, 'यह कठिन था. इसके बारे में अभी बात करना आसान नहीं है. हमें इसे स्वीकार करना होगा और आगे बढ़ना होगा.' उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानती, यह कठिन था. ओलिंपिक चार साल में आता है. मैं नहीं जानती कि मैं चार साल बाद दोबारा टेनिस खेल पाऊंगी या नहीं.' इस हार ने लिएंडर पेस और महेश भूपति की 2004 एथेंस में पुरुष वर्ग के मैराथन युगल कांस्य पदक मैच की याद ताजा कर दी. सानिया ने कहा कि उन्हें इस दुख से उबरकर डब्ल्यूटीए टूर पर सिनसिनाटी टूर्नामेंट के लिए तैयार होना होगा. सानिया ने कहा, 'टेनिस खिलाड़ी के रूप में हम काफी भाग्यशाली होते हैं, हम सिनसिनाटी जाएंगे और हमारे पास एक और टेनिस मैच जीतने का मौका होगा, लेकिन दुर्भाग्यशाली रहे कि हम आज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सके.

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