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ब्रिसबेन: हार्दिक पंड्या की नाबाद 79 रन की पारी के बावजूद भारतीय टीम शीर्ष क्रम के चरमराने से यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार दिवसीय चतुष्कोणीय ए सीरीज के दूसरे मैच के बारिश से प्रभावित पहले दिन 9 विकेट पर 169 रन ही बना सकी। पंड्या ने 112 गेंद का सामना करते हुए नौ चौके और एक छक्का जमाया। बल्लेबाजी का न्यौता दिये जाने के बाद भारतीय टीम का शीर्ष क्रम चरमरा गया और निचले क्रम ने ही टीम को यह स्कोर बनाने में मदद की। जयंत यादव ने भी भारतीय स्कोरबोर्ड में उपयोगी योगदान दिया, जिन्होंने 69 गेंद में 28 रन की पारी खेली जिसमें चार बार गेंद सीमारेखा के पार गयी। ऑस्ट्रेलिया के लिए केन रिचर्डसन और जैक्सन बर्ड ने तीन तीन विकेट प्राप्त किये। आस्ट्रेलिया ए के कप्तान जो बर्न्‍स ने टास जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। रिचर्डसन :37 रन देकर तीन विकेट: ने झटके देने की शुरूआत की। उन्होंने फैज फजल (शून्य) को आउट किया जो दूसरी स्लिप में खड़े निक मैडिनसन को कैच देकर पवेलियन पहुंचे। करूण नायर (01) आउट होने वाले दूसरे खिलाड़ी रहे, वह हिल्टन कार्टराइट के सीधे थ्रो से रन आउट हुए जिससे मेहमान टीम ने 11 रन के अंदर दो विकेट गंवा दिये। इसके साथ ही भारतीय टीम ने एक भी रन जोड़े बिना तीन विकेट गंवा दिये और टीम 11 रन के स्कोर पर चार विकेट गंवाकर मुश्किल में थी। भारत ए के कप्तान नमन ओझा (19) भी लंच के बाद आउट हो गये, वह बर्ड की गेंद पर पगबाधा आउट हुए जो उनका दिन का दूसरा विकेट रहा।

नई दिल्ली: भारतीय टीम शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले डेविस कप विश्व ग्रुप प्ले ऑफ मुकाबले में पांच बार की चैम्पियन स्पेन से भिड़ने के लिए तैयार है जिसमें स्टार राफेल नडाल सहित विश्व स्तर के खिलाड़ी मौजूद है। स्पेन की टीम एलीट विश्व ग्रुप में स्थान हासिल करने के लिये बेताब है। विश्व ग्रुप प्ले ऑफ मुकाबला हालांकि भारत के एकल खिलाड़ी साकेत मायनेनी (चार) और रामकुमार रामनाथन (1) के लिए अच्छा मौका होगा जिनके पास मिलाकर डेविस कप करियर के नाम पर केवल पांच मैच खेलने का अनुभव है। ये दोनों सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ खुद की परीक्षा ही नहीं करना चाहेंगे बल्कि उनसे काफी कुछ सीखना भी चाहेंगे। भारतीय टेनिस प्रशंसकों के लिये भी यह जीवन में एक बार मिलने वाला मौका होगा क्योंकि उन्हें इस दौरान 14 बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन नडाल को प्रतिस्पर्धी मैच में खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा। यह खिलाड़ी हालांकि पिछले कुछ समय से जूझ रहा है लेकिन उन्हें कभी भी कमतर नहीं माना जा सकता है। साथ ही भारत के पास इतने एटीपी टूर्नामेंट नहीं हैं जिसमें टेनिस स्टार जैसे नडाल, डेविड फेरर (दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी) और फ्रेंच ओपन चैम्पियन फेलिसियानो लोपेज (विश्व रैंकिंग में 26वें स्थान पर) और मार्क लोपेज (युगल में विश्व रैंकिंग में 15वें स्थान पर) आकर खेल सकते हैं।

सिडनी: इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ग्रीम हिक को आज दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी श्रृंखला से पहले आस्ट्रेलिया का विशेषज्ञ बल्लेबाजी कोच बनाया गया । इंग्लैंड के लिये 65 टेस्ट और 120 वनडे खेल चुके हिक को 2013 में क्रिकेट आस्ट्रेलिया का हाई परफार्मेंस कोच चुना गया था । मुख्य कोच डेरेन लीमैन ने कहा ,‘ ग्रीम ने हमारे साथ वेस्टइंडीज दौरे पर काम किया था और हम उनसे काफी प्रभावित हैं । उन्हें सभी हालात में खेलने का काफी अनुभव है । भविष्य में आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी, एशेज श्रृंखला और आईसीसी विश्व कप सभी इंग्लैंड में खेले जाने हैं तो उनका अनुभव काफी काम आयेगा ।’

जयपुर: राजस्थान के चुरू जिले के सार्दुलपुर कस्बे के देवेन्द्र झझारिया के रियो पैरालम्पिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही उनके पैतृक गांव और पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गयी है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने झझारिया के स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। राजस्थान के खेल मंत्री गजेन्द्र सिंह खिवसर ने झझारिया के लिये 75 लाख रुपये नकद, जयपुर में 220 मीटर का प्लाट, इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 25 बीघा भूमि देने की घोषणा की है। राजे ने बधाई सन्देश में कहा, ‘झझारिया ने अपने जज्बे और खेल प्रतिभा से एक नई मिसाल कायम की है। उनकी इस अविस्मरणीय उपलब्धि से न केवल राजस्थान बल्कि पूरा देश गौरवान्वित हुआ है। इस असाधरण प्रदर्शन से प्रदेश के अन्य खिलाड़ियों का भी मनोबल बढेगा और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी।’ गहलोत ने ट्वीट के जरिये कहा, ‘न केवल चुरू और राजस्थान बल्कि पूरा देश झझारिया के पैरालम्पिक खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर गौरवान्वित हो रहा है।’ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने ट्वीट के जरिये कहा कि ‘झझारिया का अभिनंदन, जिन्होंने पैरालम्पिक में भाला फेंक स्पर्धा में अपना ही पिछला रिकार्ड तोडकर स्वर्ण पदक हासिल किया।’ झझारिया के पैतृक गांव में उनकी वयोवृद्व मां ने अपने बेटे के स्वर्ण पदक जीतने पर कहा, ‘मैं उसके लिये खुश हूं।’ इस एथलीट की पत्नी मंजू ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा था कि वे स्वर्ण पदक जीत कर लायेंगे। रात को मैंने परिवार के साथ उनकी स्पर्धा देखी।’ झझारिया के मुरलीपुरा क्षेत्र में स्थित घर पर बड़ी संख्या में रिश्तेदार, मित्र और प्रशंसक पहुंच कर एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। झझारिया ने करीब बारह साल पहले इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। बचपन में पेड़ पर चढते समय उच्चक्षमता की बिजली की लाइन के सम्पर्क में आने से झझारिया का एक हाथ बुरी तरह झुलस गया जिसे बाद में उपचार दौरान शरीर से अलग किया गया था।

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