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नई दिल्ली: बीसीसीआई पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने पूछा कि क्या अनुराग ठाकुर क्रिकेटर हैं? कोर्ट ने अदालत मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम को नए प्रशासक ढूढ़ने को कहा। ऐसा इसलिए क्योंकि कोर्ट का मानना है अधिकारी हटाए जाएं, तो विकल्प होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई को 'कथनी' से नहीं, बल्कि 'करनी' से कोर्ट का सम्मान का सम्मान करना चाहिए. कोर्ट ने साफ किया कि बीसीसीआई को बड़े भुगतान से पहले इजाज़त लेनी होगी। कोर्ट ने इसके लिए लोढ़ा समिति की इजाजत लेने के लिए कहा है। फिलहाल सुनवाई जारी है। बता दें कि जस्टिस आरएम लोढ़ा पैनल और बीसीसीआई के बीच कई दिनों से तनातनी चल रही है। लोढ़ा पैनल की कुछ सिफ़ारिशों को बीसीसीआई मानने के लिए तैयार नहीं है, जिसे लेकर बीसीसीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कड़ी कार्रवाई कर सकता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और लोढ़ा पैनल शुरुआत से ही टकराव के रास्ते पर दिखे है। जब से लोढ़ा कमेटी बनी है बीसीसीआई ने पूरी तरीके से न तो लोढ़ा पैनल के सुझावों को माना है न ही इनकी मदद करती नज़र आई। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के सख़्त रवैये के चलते इन सिफ़ारिशों को क्रिकेट बोर्ड पर जबर्दस्ती मनवाने जैसी बात सामने आ गई है। तीन दिनों पहले लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई के रूटीन खर्च के अलावा बाक़ी के खर्च पर रोक लगाकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को रास्ते पर लाने की कोशिश की। मगर बीसीसीआई ने तीखे तेवर अपनाकर आर-पार की लड़ाई मोल ली है। दरअसल लोढ़ा और बीसीसीआई के बीच शुरुआत से ही टकराव का रुख़ दिखा है।

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल ने आज (बुधवार) दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि मैचों (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) की तैयारी में अगर कोई अधिकारी किसी भी तरह की अड़चन पैदा करता है तो इसकी विफलता का पूरा दोष डीडीसीए अधिकारियों पर आएगा। मुदगल ने पत्र की प्रति बीसीसीआई के महाप्रबंधक (प्रशासन) एमवी श्रीधर और वरिष्ठ अधिकारी अमृत माथुर को भी भेजी है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुदगल ने यह पत्र डीडीसीए के दो संयुक्त सचिवों दिनेश शर्मा और सुभाष शर्मा के पत्र के बाद लिखा है जिन्होंने लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करने के लिए चेतन चौहान सहित सात निदेशकों को बर्खास्त करने की मांग की थी। इनमें से अधिकांश अधिकारियों को मुदगल ने डीडीसीए के निर्बाध संचालन के अलावा अंतरराष्ट्रीय मैचों के आयोजन के लिए चुना है। चीजों से अवगत लोगों का मानना है कि दोनों संयुक्त सचिवों ने यह पत्र अध्यक्ष एसपी बंसल के कहने पर लिखा है जिससे कि 20 अक्टूबर को भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले आगामी वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच में मुश्किलें पैदा की जा सकें। मुदगल ने लिखा, ‘डीडीसीए के सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि सुनिश्चित किया जाए कि उनके अंदरूनी विवाद किसी भी तरह से 20 अक्तूबर 2016 को यहां होने वाले भारत-न्यूजीलैंड एकदिवसीय मैच और मौजूदा घरेलू मैचों के आयोजन में बाधा उत्पन्न नहीं करें।’

इंदौर: भारत और न्यूजीलैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज के आठ अक्तूबर से शुरू होने वाले तीसरे और आखिरी मुकाबले के लिये दोनों मुल्कों की टीमें आज रात यहां पहुंचीं। यह मध्यप्रदेश के क्रिकेट इतिहास का पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच होगा। मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों टीमें कोलकाता से विशेष विमान के जरिये स्थानीय देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पहुंचीं। फिर इन्हें शहर के एक होटल लाया गया। एमपीसीए अधिकारी ने बताया कि भारत और न्यूजीलैंड की टीमें कल छह अक्तूबर को स्थानीय होलकर स्टेडियम में अलग.अलग समय अंतराल में अभ्यास कर सकती हैं। चश्मदीद लोगों के मुताबिक दोनों टीमों के खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिये हवाई अड्डे और होटल परिसर के बाहर बड़ी संख्या में क्रिकेट प्रेमी बरसते पानी में जमा थे। क्रिकेट प्रेमियों की भीड़ के मद्देनजर पुलिस ने इन परिसरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढा समित ने सभी राज्य संघों को ईमेल भेजकर सख्त निर्देश दिए हैं कि बुनियादी ढांचे की सब्सिडी के रूप में हाल में मिले कोष को वे ‘स्थानांतरित या आवंटित’ नहीं करें। ईमेल के अनुसार, ‘पता चला है कि 10 से 20 करोड़ रूपये की राशि प्रत्येक संघ को बुनियादी ढांचे की सब्सिडी और 28 करोड़ रूपये चैम्पियन्स लीग टी20 रद्द होने के मुआवजे के तौर पर दिए गए हैं। बैंकों ने पुष्टि की है कि यह राशि 29 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच जल्दबाजी में आरटीजीएस के जरिये की गई है।’ समिति ने कहा, ‘आपको पता है कि कुछ निर्देशों के मामले में उच्चतम न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है और इस पर छह अक्तूबर 2016 को सुनवाई होनी है। बीसीसीआई का यह कोष स्थानांतरित करना समिति के निर्देशों के विपरीत है और न्यायालय में यह मामला चल रहा है इसलिए आपको निर्देश दिया जाता है कि इस राशि को स्थानांतरित या आवंटित नहीं करें जो आपके संघ को भेजी गई है।’

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