ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया। केन्द्रीय बैंक ने मुख्य दर रेपो को 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखते हुये अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के वास्ते अपने रुख को उदार बनाये रखा है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान एक प्रतिशत से ज्यादा घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। इससे पहले अक्टूबर में जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में यह अनुमान 6.1 प्रतिशत पर था। चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक की यह पांचवी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी।

मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा गया है, ‘‘मौद्रिक नीति समिति ने माना है कि मौद्रिक नीति में भविष्य में कदम उठाए जाने की गुंजाइश बनी हुई है। बहरहाल, मौजूदा आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति आयामों को ध्यान में रखते हुए समिति ने इस समय दरों को अपरिवर्तित रखना उपयुक्त समझा।'' गौरतलब है कि यह माना जा रहा था कि अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक गुरुवार को लगातार छठी बार रेपो दर में कटौती कर सकता है।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार भारत को निवेश का और अधिक आकर्षक स्थान बनाने के लिए नीतियों-कार्यक्रमों में आगे और भी सुधार करने को तैयार है। सीतारमण मंगलवार को यहां भारत और स्वीडन के शीर्ष उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए हाल में उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी। इसमें कंपनियों पर आयकर की दरें घटाने का बड़ा फैसला भी शामिल है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं तो केवल आप को आमंत्रित ही कर सकती हूं और आश्वासन दे सकती हूं कि भारत आगे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में और भी सुधार करने को प्रतिबद्ध है। इसमें बैंकिंग क्षेत्र हो सकता है, बीमा और खनन क्षेत्र हो सकता है और ऐसे अनेक दूसरे क्षेत्र भी हो सकते हैं।’ सीतारमण ने स्वीडन के निवेशकों को भारत में खास कर बुनियादी ढांचा विकास की परियोजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

नई दिल्ली: केन्‍द्र ने राज्‍य सरकारों से प्‍याज की जमाखोरी करने वाले व्‍यापारियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई करने को कहा है। राज्‍यों से प्‍याज का सुरक्षित भंडार बनाने और उपभोक्‍ताओं को उचित मूल्‍य पर उपलब्‍ध कराने को कहा गया है। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने कल सचिव समिति की बैठक में प्‍याज की बढ़ती कीमतों की समीक्षा की। प्‍याज उत्‍पादक ग्‍यारह प्रमुख राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेंस में  गाबा को कीमतों पर अंकुश के लिए किए गए उपायों से अवगत कराया गया। गाबा ने राज्‍यों को निर्देश दिया कि बढ़ते मूल्‍य पर नियंत्रण के लिए प्‍याज की उपलब्‍धता की समीक्षा की जाए।

कैबिनेट सचिव ने राज्‍यों से अपने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभागों के ज़रिए उचित मूल्‍य पर प्‍याज खरीदने और वितरित करने को कहा। केन्‍द्र ने व्‍यापारियों के लिए भंडारण सीमा तय करने के अलावा प्‍याज के निर्यात पर पहले ही पाबंदी लगा दी है और एक लाख बीस हज़ार टन प्‍याज आयात करने का फैसला किया है। बढ़ती कीमतों को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एम.एम.टी.सी. ने ग्‍यारह हज़ार मीट्रिक टन प्‍याज तुर्की से आयात करने का ऑर्डर दिया है। यह खेप इस महीने के अंत तक या जनवरी की शुरुआत में पहुंच जाएगी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकारी निर्माण कंपनी एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड को आम्रपाली समूह के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फंसे आठ प्रोजेक्ट का निर्माण और उनका पजेशन जल्द से जल्द देने का आदेश जारी किया है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस उदय ललित की खंडपीठ ने कंपनी से कहा है कि वो आम्रपाली के जोडिएक, सफायर-1 और 2, सिलिकॉन सिटी-1 और 2, प्रिंसली इस्टेट , ओ2 वैली और सेंचुरियन पार्क का अधूरा निर्माण पूरा करें। इन प्रोजेक्ट में कुल 11258 घर खरीदारों के फ्लैट फंसे पड़े हैं।

सुरेखा परिवार को लगाई लताड़

इस बीच सर्वोच्च न्यायलय ने सुरेखा परिवार को भी लताड़ लगाई है। इस परिवार ने पहले कोर्ट में कहा था कि वो आम्रपाली के कुछ प्रोजेक्ट खरीदना चाहती है। इसके लिए कोर्ट ने सुरेखा परिवार को 167 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था, लेकिन तय तारीख तक उसने यह पैसा जमा नहीं किया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख