नई दिल्ली: केन्द्र ने राज्य सरकारों से प्याज की जमाखोरी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। राज्यों से प्याज का सुरक्षित भंडार बनाने और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने को कहा गया है। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने कल सचिव समिति की बैठक में प्याज की बढ़ती कीमतों की समीक्षा की। प्याज उत्पादक ग्यारह प्रमुख राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में गाबा को कीमतों पर अंकुश के लिए किए गए उपायों से अवगत कराया गया। गाबा ने राज्यों को निर्देश दिया कि बढ़ते मूल्य पर नियंत्रण के लिए प्याज की उपलब्धता की समीक्षा की जाए।
कैबिनेट सचिव ने राज्यों से अपने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभागों के ज़रिए उचित मूल्य पर प्याज खरीदने और वितरित करने को कहा। केन्द्र ने व्यापारियों के लिए भंडारण सीमा तय करने के अलावा प्याज के निर्यात पर पहले ही पाबंदी लगा दी है और एक लाख बीस हज़ार टन प्याज आयात करने का फैसला किया है। बढ़ती कीमतों को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एम.एम.टी.सी. ने ग्यारह हज़ार मीट्रिक टन प्याज तुर्की से आयात करने का ऑर्डर दिया है। यह खेप इस महीने के अंत तक या जनवरी की शुरुआत में पहुंच जाएगी।
इसके अलावा मिस्र से छह हज़ार नब्बे टन प्याज का आयात किया गया है। इसके दिसम्बर के दूसरे सप्ताह तक आ जाने की संभावना है। खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालय देश के 109 बाज़ार केन्द्रों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर 22 आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों पर नज़र रखता है।