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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: केन्‍द्र सरकार ने राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर टोल भुगतान के लिए फास्‍टैग को अनिवार्य करने की तारीख 15 दिसम्‍बर तक बढ़ा दी है। इससे पहले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पहली दिसम्‍बर से फास्‍टैग द्वारा ही राजमार्गों पर टोल भुगतान स्‍वीकार किये जाने की घोषणा की थी। मंत्रालय के बयान में कहा‍ गया है कि ज्‍यादातर नागरिक अब भी कई कारणों से अपने वाहनों को फास्‍टैग से नहीं जोड़ पाये हैं, इसलिए कुछ और समय दिया गया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि इस साल 15 दिसम्‍बर से फास्‍टैग न होने की स्थिति में दोगुना शुल्‍क लिया जाएगा।

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 15 दिसम्‍बर तक फास्‍टैग निशुल्क उपलब्‍ध कराया जाएगा। ईंधन और समय बचाने, प्रदूषण रोकने तथा सुचारू यातायात का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नेशनल इलेक्‍ट्रॉनिक टोल कलेक्‍शन प्रोग्राम शुरू किया है। प्राधिकरण ने माई फास्‍टैग ऐप की शुरुआत भी की है। 

नई दिल्ली: शुक्रवार को जारी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों से एक बार फिर अर्थव्यवस्था में सुस्ती गहराने के संकेत मिले हैं। जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी में सुस्ती दर्ज की गई है। इससे पहले जनवरी-मार्च, 2013 तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.3 फीसदी रही थी, वहीं एक साल पहले की समान अवधि यानी जुलाई-सितंबर, 2018 तिमाही में यह 7 फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी रही थी। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में जीडीपी में 4.8 फीसदी की बढ़ोतरी रही है, जबकि एक साल पहले समान छमाही में 7.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर में स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये थी। जीडीपी के खराब आंकड़ों की मुख्य वजह विनिर्माण और कृषि क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों में सुस्ती रही।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को स्वीकार किया कि आर्थिक वृद्धि थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन इसे मंदी कहने से इनकार कर दिया और फिर जोर देकर कहा कि देश कभी भी मंदी का सामना नहीं करेगा। सीतारमण ने राज्यसभा को दिए सवालों के जवाब में कहा, "अगर आप अर्थव्यवस्था को समझदारी की नजर से देख रहे हैं, तो आप देख सकते हैं कि विकास में कमी आई है, लेकिन यह अभी तक मंदी नहीं है, यह मंदी नहीं होगी।" अर्थव्यवस्था में विकास को पुनर्जीवित करने के लिए उठाए गए बत्तीस कदम अच्छे नतीजे दे रहे हैं।

सीतारमण ने कहा कि देश की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 2009 से 2014 के बीच 6.4 प्रतिशत रही लेकिन 2014 से 2019 के बीच ये 7.5 प्रतिशत हो गई। सीतारमण के इस जवाब के बाद विपक्ष के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर लिया। इस महीने की शुरुआत में, मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने यह कहते हुए कि सकल घरेलू उत्पाद में मंदी पहले की अपेक्षा अधिक लंबी है, भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को चालू वर्ष के लिए घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया था, जबकि पिछला अनुमान 5.8 प्रतिशत था।

मुंबई: रिलायंस कम्‍युनिकेशन्‍स के चेयरमैन अनिल अंबानी और चार निदेशकों ने कम्‍पनी से इस्‍तीफा दे दिया है। यह कम्‍पनी दिवालियेपन की प्रक्रिया से गुजर रही है। कर्ज में फंसी इस कम्‍पनी के मुख्‍य वित्‍त अधिकारी मणि‍कांतन वी. ने भी त्‍यागपत्र दे दिया है। वैधानिक देनदारियों पर उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।

उच्‍चतम न्‍यायालय के फैसले के बाद कम्‍पनी ने कल अपने तिमाही नतीजों की घोषणा की। इसमें जुलाई-सितम्‍बर 2019 की अवधि में 3 खरब 1 अरब 42 करोड़ रुपए की हानि दिखाई गई। किसी भारतीय कम्‍पनी का यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा नुकसान है।

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