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मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (28 फरवरी) को कहा कि अर्थव्यवस्था में स्थिरता दिखाई देना अच्छा संकेत है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रहने के आधिकारिक आंकड़े जारी होने के कुछ ही देर बाद उन्होंने यह कहा। समाचार चैनल सीएनबी टीवी 18 के बिजनेस लीडरशिप पुरस्कार समारोह में सीतारमण ने यह साफ किया कि वह आंकड़े में कोई उछाल आने की उम्मीद नहीं कर रही थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की तीसरी तिमाही में धीमी पड़कर 4.7 प्रतिशत रही। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की यदि बात की जाए, तो जीडीपी वृद्धि 4.5 प्रतिशत थी जो कि संशोधित आंकड़ों में बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बैंकों को खुदरा, आवास और कृषि समेत सभी श्रेणी में यथासंभव कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि हालांकि, सरकार 2008-09 के अनुभव से सीखना चाहती है और सुनिश्चित करना चाहती है कि बाद के वर्ष में ये कर्ज गैर-निष्पादित परिसंपत्ति नहीं बने।

सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार आईसीआईसीआई और आईडीबीआई जैसा विकास वित्त संस्थान सृजित करने की दिशा में काम कर रही है। ये दोनों संस्थान अब पूर्ण रूप से बैंक बन गये हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय राजकोषीय घाटे को काबू में रखते हुए अर्थव्यवस्था के लिए जो भी कर सकती है, वह कर रही है। किसी भी विकल्प को बंद नहीं किया जा रहा।

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