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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मेलबर्न: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने देश के विनिर्माण तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश अवसरों को रेखांकित करते हुए ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों को भारत आने व निवेश करने का न्योता दिया है। जेटली ऑस्ट्रेलिया की चार दिन की यात्रा पर यहां आए हुए थे। अपनी यात्रा के दौरान जेटली ने प्रधानमंत्री मेलकम टर्नबुल, उर्जा मंत्री जोश रफीडनबर्ग, वित्त मंत्री स्काट मोरिसन, वित्त मंत्री मेथियास कोरमन्न व अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। अपनी यात्रा के पहले दिन जेटली ने सिडनी में ‘मेक इन इंडिया’ सम्मेलन का उद्घाटन किया और भारत में विदेशी निवेश पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से विनिर्माण तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र को रेखांकित किया। केनबरा में जेटली ने टर्नबुल से मुलाकात की और व्यापार सहित अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। जेटली ने केनबरा में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित एक विशेष कार्य्रकम में भी भाग लिया जहां वे भारतीय समुदाय के लोगों से मिले। मेलबर्न में वित्त मंत्री ने आस्ट्रेलिया के सेवानिवृत्ति कोषों के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिध मंडल तथा निवेशकों और फिक्की के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की।

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे दी है। इस फैसले से अमेजन और ईबे जैसी विदेशी कंपनियों के अलावा फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी घरेलू कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के दिशानिर्देशों में यह स्पट है कि माल रखकर ई-कॉमर्स के जरिये उसकी खुदरा बिक्री के मॉडल में एफडीआई की अनुमति नहीं होगी। डीआईपीपी के प्रेस नोट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस विक्रेता को भंडारगृह, लॉजिस्टिक्स, ऑर्डर को पूरा करने, कॉल सेंटर, भुगतान लेने और अन्य सेवाओं के रूप में सपोर्ट सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं। हालांकि, इस तरह की इकाइयों का इन्वेंटरी पर स्वामित्व का अधिकार नहीं होगा। इस तरह के स्वामित्व से कारोबारी मॉडल इन्वेंटरी आधारित मॉडल हो जाएगा। दिशानिर्देश में हालांकि कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनी को अपने मार्केट प्लेस पर किसी एक वेंडर या अपने समूह की कंपनी को कुल बिक्री का 25 प्रतिशत से अधिक करने की अनुमति नहीं होगी।

अहमदाबाद: गुजरात में जौहरियों की हड़ताल अब 30 दिन पुरानी हो गई है। इतने दिनों तक जौहरियों की दुकानें पहले कभी भी बंद नहीं रहीं। जौहरी दुकानें छोड़कर रोज सड़कों पर कभी मौन रैली तो कभी बाइक रैली समेत अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। विरोध हो रहा है सोने-चांदी के गहनों पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी का। सरकार से बातचीत हुई है, लेकिन नतीजा नहीं निकल रहा। सरकार कुछ प्रावधानों पर सुधार के लिए तैयार है, लेकिन एक्साइज़ ड्यूटी वापस लेने को तैयार नहीं। एक हाइपावर कमेटी बनाई गई है जोकि 60 दिनों में रिपोर्ट देगी, लेकिन जौहरी इससे संतुष्ट नहीं हैं। लिहाजा, उनकी हड़ताल जारी है। महत्वपूर्ण है कि इस हड़ताल से रोज़ाना हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार, देश में रोजाना पांच से 6,000 करोड़ रुपये का सोने का कारोबार होता है। अब तक देशभर में व्यापार के नुकसान का आंकड़ा एक लाख करोड़ को पार कर गया है, लेकिन समाधान का रास्ता नजर नहीं आ रहा है।

नई दिल्ली: शराब उद्यमी विजय माल्या और उनके समूह की बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइन्स लि. ने बैंकों का बकाया धन चुकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आज  (बुधवार) सीलबंद लिफाफे में एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसमें कहा गया है कि वे स्टेट बैंक और अन्य बैंकों के सिंडिकेट द्वारा दिये गये 6,903 करोड़ रुपए के ऋण में से 4000 करोड़ रुपए सितंबर तक लौटाने को तैयार हैं। न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने बैंकों को उनके इस प्रस्ताव पर अपनी बात रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी। किंगफिशर और माल्या की ओर से खड़े हुए वकील सी एस बैद्यनाथन ने पीठ की कार्रवाई शुरू होते ही बताया कि उन्होंने बैंकों की टोली को एक प्रस्ताव दिया है कि इस समय जो परिस्थितियां हैं उसमें क्या किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव की प्रतियां बैंकों को दे दी गयी है। बैंकों के कंसोर्टियम की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि वह पहले इस प्रस्ताव को पढ़ना चाहेंगे उसके बाद ही इसका जवाब दिया जा सकता है।

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