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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

रियाद: वैश्विक निवेशकों को भारत में आसान कारोबारी माहौल उपलब्ध कराने का वादा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश में पिछली तिथि से कराधान अब बीते दिनों की बात हो चुकी है, लेकिन पिछली सरकार के समय से चले आ रहे दो लंबित मामलों में वह 'कुछ नहीं कर पा रहे हैं' क्योंकि इन मामलों में मुकदमे चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सउदी अरब के उद्यमियों को भारत में रेलवे, रक्षा तथा उर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश का न्योता देते हुए यह भी कहा कि पूरे देश में एक साझा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) अब लागू होने ही वाली है। हालांकि उन्होंने जीएसटी लागू किए जाने के बारे में कोई स्पष्ट समयसीमा बताने से मना किया। गौरतलब है कि जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में लंबित है, जहां सत्तारूढ़ एनडीए का बहुमत नहीं है। लोक सभा इसे पारित कर चुकी है। सउदी अरब की कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों (सीईओ) तथा भारतीय उद्योग व्यापार जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों की बैठक को यहां संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने विदेशी निवेश के लिए विभिन्न क्षेत्रों को खोला है और भारत वैश्विक आर्थिक नरमी के बीच 'उम्मीद की किरण' के रूप में खड़ा है।

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में दुनिया के दस बड़े देशों में भारत छठे स्थान पर पहुंच गया है। भारत ने इस मामले में तीन पायदान की छलांग लगाई है। संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूनिडो) के वार्षिक प्रकाशन के मुताबिक भारत में वर्ष 2015 में इससे पिछले वर्ष के मुकाबले विनिर्माण मूल्य वर्धन (एमवीए) 7.6 प्रतिशत बढ़ा है। भारत का विनिर्माण क्षेत्र के मामले में इससे पहले दुनिया के दस बड़े देशों में नौंवा स्थान था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत अब दुनिया में छठा सबसे बड़ा विनिर्माता देश है।’’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र में वैश्विक उत्पादन की वृद्धि दर 2015 में धीमी पड़कर 2.8 प्रतिशत रह गई। इसमें कहा गया है, ‘‘वैश्विक वृद्धि में आई यह सुस्ती प्रमुख विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में आई गिरावट की वजह से हो सकती है।’’ दुनिया के दस शीर्ष विनिर्माता देशों में चीन सबसे शीर्ष पर है। उसके बाद अमेरिका, जापान, जर्मनी और कोरिया का स्थान है।

नई दिल्ली: शेयर बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि नये सप्ताह में मंगलवार को होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे, विदेशी निधियों के निवेश के रख और तिमाही नतीजों की घोषणा शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे। ट्रेड स्मार्ट ऑनलाइन के संस्थापक निदेशक विजय सिंघानिया ने कहा, सप्ताह के दौरान ब्याज दर में कटौती तथा कंपनियों के नतीजे कारोबारी धारणा को निर्धारित करेंगे। निवेशकों के लिए अगली बड़ी घटना रिजर्व बैंक की नीतिगत समीक्षा बैठक होगी। रिजर्व बैंक मंगलवार को वर्ष 2016-17 के लिए पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति घोषणा करेगा। उन्होंने कहा, संभवत: आगामी मौद्रिक नीति शेयर बाजार की आगे की दिशा को निरपित करने के लिहाज से मुख्य उत्प्रेरक तत्व साबित होगी। उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के अलावा निवेशकों की उम्मीदें मार्च, 2016 तिमाही के कंपनियों के नतीजों पर भी टिकी हैं। भेल द्वारा 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए गुरुवार को अपने नतीजों की घोषणा करेगी।

नई दिल्ली: देश की प्रमुख सिगरेट कंपनियों आईटीसी, गोडफ्रे फिलिप्स और वीएसटी ने सिगरेट पैक पर स्वास्थ्य संबंधी चित्रात्मक चेतावनी के नए नियम के खिलाफ आज एक अप्रत्याशित फैसले में अपने कारखानों में उत्पादन तुरंत प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है। कंपनियों ने कहा है कि सिगरेट पैकेट के 85 प्रतिशत हिस्से पर चित्रात्मक चेतावनी प्रकाशित करने संबंधी नियम संशयपूर्ण हैं। टोबाको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की सदस्य ये कंपनियां देश में सिगरेट पर शुल्क में 98 प्रतिशत योगदान करती है। इनका दावा है कि उनके कारोबार बंद करने से दैनिक 350 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान होगा। टोबाको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (टीआईआई) ने एक वक्तव्य में कहा है, 'तंबाकू उत्पाद के पैकेटों पर ग्राफिक स्वास्थ्य चेतावनी के नीतिगत संशोधन मामले में संशय की स्थिति के चलते सदस्य एक अप्रैल 2016 से आगे सिगरेट विनिर्माण जारी रखने में असमर्थ हैं।' टीआईआई के निदेशक सैयद महमूद अहमद ने भारतीय तंबाकू उद्योग ने 15 मार्च को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था।

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