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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मॉस्को: रूस इस साल के अंत तक केए226टी हेलीकॉप्टरों के लिए भारत के साथ 200 हेलीकॉप्टर संयुक्त निर्माण समझौते पर हस्ताक्षर करेगा। रूस के सरकारी प्रौद्योगिकी निगम रोस्टेक इंटरनेशनल को-ऑपरेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख ने यह जानकारी दी। विक्टर क्लादोव ने आरआईए नोवास्ती को बताया, ‘जहां तक अंतर सरकारी समझौते की बात है, हमें उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक हम एक मसौदा बनाकर भारत के साथ एक करार पर हस्ताक्षर करेंगे। इसी के साथ 2017 के शुरू तक स्थल पर व्यावहारिक कार्य शुरू हो जाएगा।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 24 दिसंबर की रूस यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित समझौते में कम से कम 200 हेलीकॉप्टरों के उत्पादन का उल्लेख है।

नई दिल्ली: देश में चार-पांच दूरसंचार कंपनियों का एक कार्टेल (गुट) एक अरब ग्राहक जोड़े हुए है और प्रतिदिन 250 करोड़ रुपये कमा रहा है पर वे सेवा को बेहतर बनाकर कॉल ड्राप रोकने के लिए अपने नेटवर्क पर जरूरी निवेश नहीं कर रही हैं। सरकार ने सुप्रीम को आज (गुरूवार) यह जानकारी दी। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘करीब चार-पांच दूरसंचार कंपनियों का एक कार्टेल (गुट) है जिनके ग्राहकों की संख्या एक अरब है। ये कंपनियां आउटगोइंग काल (अपने नेटवर्क से की गयी काल) के जरिए प्रतिदिन 250 करोड़ रुपये की कमाई कर रही हैं। इनके कारोबार की वृद्धि जबरदस्त है, लेकिन वे कॉल ड्रॉप पर अंकुश के लिए सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने को अपने नेटवर्क पर बहुत कम निवेश कर रही हैं।’ भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से उपस्थित रोहतगी ने न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ तथा न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ के समक्ष नियामक द्वारा दूरसंचार कंपनियों पर लगाए गए जुर्माने को उचित बताया। उन्होंने कहा कि यह जुर्माना 280 करोड़ रुपये है, हजारों करोड़ रुपये नहीं, जैसा कि दूरसंचार कंपनियां दावा कर रही हैं।

नई दिल्ली: ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने कथित रूप से बिना मंजूरी के निर्माण के मामले में रीयल्टी कंपनी सुपरटेक से ग्रेटर नोएडा में 1,000 से अधिक फ्लैटों को सील करने को कहा है। प्राधिकरण ने सुपरटेक को इस संदर्भ में 11 अप्रैल 2016 को नोटिस दिया था। हालांकि सुपरटेक ने दावा किया कि ग्रेटर नोएडा में 20 एकड़ में फैली आवासीय परियोजना ‘जार’ के तहत बनी या बन रही सभी 1,853 इकाइयां अनाधिकृत नहीं हैं और पूरी तरह सुरक्षित तथा वैध हैं। यह दूसरा मौका है जब सुपरटेक को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा है। इससे पहले, अप्रैल 2014 में इलाहबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा में कंपनी की आवासीय परियोजना के दो 40 मंजिला टावरों को गिराने का आदेश दिया था। इस आदेश को सुपरटेक ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। प्राधिकरण ने बिल्डर से मंजूरी प्राप्त 844 इकाइयों के अलावा सभी आवासीय इकाइयों को सील करने को कहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आगाह किया है कि अगर कंपनी ने 30 दिनों में आवासीय इकाइयों को सील करने में नाकाम रहती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नई दिल्ली: संकट में फंसे उद्योगपति विजय माल्या ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि बैंकों को उनकी विदेशों में चल और अचल संपत्तियों के बारे में सूचना पाने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वह 1988 से ही एनआरआई हैं। माल्या की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है, ‘संपत्तियों का ब्योरा सिर्फ भारत में संपत्तियों तक सीमित रहना चाहिए और प्रवासी भारतीय के रूप में विदेशी संपत्तियों की सूचना देने की जरूरत नहीं है। यहां तक कि आयकर रिटर्न में आयकर अधिकारियों को भी इसकी जानकारी देने की जरूरत नहीं है।’ उद्योगपति ने दावा किया वह आयकर और विदेशी मुद्रा विनियमन उद्देश्य से 1988 से एनआरआई है। उच्चतम न्यायालय ने माल्या को निर्देश दिया है कि वह 21 अप्रैल तक देश विदेश में अपनी तथा अपने परिवार की संपत्तियों का खुलासा करें। साथ ही शीर्ष अदालत ने उनसे यह भी संकेत देने को कहा है कि वह कब उसके समक्ष पेश होंगे। हलफनामे में माल्या ने दावा किया एक एनआरआई के रूप में उन्हें विदेशी संपत्तियों का खुलासा करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि साथ ही उनके तीन बच्चे और पत्नी सभी अमेरिकी नागरिक हैं और उन्हें भी विदेशी संपत्तियों का खुलासा करने की जरूरत नहीं है। ऋण देते समय विदेशी संपत्तियों पर विचार नहीं किया गया।

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