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नई दिल्ली: सरकार सभी प्रमुख जिलों में सितंबर, 2017 तक भारतीय डाक भुगतान बैंक की 650 शाखाएं स्थापित करने की योजना बना रही है। ये शाखाएं सभी प्रमुख जिला मुख्यालयों में शुरू की जाएंगी। दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज सभी डाक कर्मियों को भेजे एक पत्र में यह जानकारी दी है। प्रसाद ने पत्र में कहा, ‘डाक भुगतान बैंकों की स्थापना 800 करोड़ रुपये के निवेश से की जाएगी। सभी प्रमुख जिला मुख्यालयों में 650 शाखाएं शुरू करने की योजना है, जिससे यह डाक विभाग की गहन पहुंच का लाभ उठा सकें।’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 जून को 800 करोड़ रुपये के निवेश से भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सितंबर, 2017 तक 650 शाखाओं को परिचालन में लाने की योजना है। 2018-19 तक इसके दायरे में पूरे देश को लाया जाएगा। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि सितंबर, 2017 तक 650 शाखाएं पूरी तरह परिचालन में आ जाएं। डाक विभाग 3.5 लाख कर्मियों के साथ भुगतान बैंक शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईडीबीआई बैंक के रिण चूक मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या की 1,411 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, हमने मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत विजय माल्या और यूबी लि़ की 1,411 करोड़ रुपये (बाजार मूल्य के हिसाब से) की संपत्तियां कुर्क की हैं। माल्या की अस्थायी रूप से कुर्क संपत्तियों में 34 करोड़ रुपये की बैंक जमा, बेंगलुर और मुंबई में एक-एक फ्लैट (2,291 वर्ग फुट तथा 1,300 वर्ग फुट), चेन्नई में एक औद्योगिक प्लाट (4.5 एकड़), कुर्क में एक कॉफी बागान (28.75 एकड़), यूबी सिटी में एक आवासीय तथा वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्र तथा बेंगलुर में किंगफिशर टावर (84,0279 वर्ग फुट) शामिल है। इन संपत्तियों की कुर्की आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपये के रिण चूक या डिफाल्ट मामले में की गई है। माल्या की ठप विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस पर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। माल्या दो मार्च को भारत से बाहर चले गए थे। एजेंसी ने सीबीआई द्वारा पिछले साल दायर एफआईआर के आधार पर माल्या और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दायर किया है। एजेंसी किंगफिशर एयरलाइंस के वित्तीय ढांचे की भी जांच कर रही है और यह भी पता लगा रही है कि कर्ज हासिल करने के लिए कहीं रिश्वत तो नहीं दी गई थी।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत का रूख कर शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा घोषित करने की मांग की है। एक कथित बैंक कर्ज फर्जीवाड़े के मामले में माल्या के खिलाफ की जा रही धनशोधन की जांच के सिलसिले में ईडी ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने की मांग की है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह सीआरपीसी की धारा 82 के तहत एक आदेश पारित कर माल्या को भगोड़ा घोषित कर दे, क्योंकि उनके खिलाफ बहुत सारे गिरफ्तारी वॉरंट लंबित हैं। इसमें धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत जारी किया गया एक गैर-जमानती वॉरंट भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अदालत ईडी की अर्जी पर 13 जून को आदेश पारित कर सकती है। अधिकारियों ने बताया, ‘माल्या के खिलाफ विभिन्न मामलों में बहुत सारे गिरफ्तारी वॉरंट लंबित पड़े हैं जिसमें चेक बाउंस का भी एक मामला है और धनशोधन के मामले में भी उनकी तलाश है। एजेंसी ने मामले की जांच की स्थिति से अदालत को अवगत करा दिया है और माल्या को जांच में शामिल होने की जरूरत है।’ उन्होंने बताया कि इस मामले में मुंबई की उसी विशेष पीएमएलए अदालत का रूख किया गया है जिसने पिछले दिनों माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया था।

नई दिल्‍ली : महंगाई बढ़ने के संकेतों और वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल के बढ़ते दामों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी करते हुए नीतिगत ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। जानकारी के अनुसार, आरबीआई ने ब्‍याज दरों में यथास्थिति बनाए रखा। ऐसे में अब ईएमआई में बदलाव और इसमें बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। आरबीआई ने मुख्य नीतिगत दर 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी। रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया। आरबीआई के अनुसार, अप्रैल के मुद्रास्फीति आंकड़े से इसकी भावी दिशा कुछ अनिश्चित हो गई है। आरबीआई ने कहा कि मौद्रिक नीति का रुख उदार बना हुआ है। आरबीआई ने कॉरपोरेट मुनाफे और खपत में बढ़ोतरी का उल्लेख करते हुए 2016-17 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा। रिजर्व बैंक ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सातवें वेतन आयोग के लागू होने पर मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का जोखिम है। रिजर्व बैंक जल्दी ही बैंकों की ओर से ऋण की सीमांत लागत दर के ढांचे के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि महंगाई बढ़ने की आशंका से रेट में कटौती नहीं की गई। खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि यदि हालात सुधरे तो ब्‍याज दरों में कटौती संभव है।

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