नई दिल्ली : महंगाई बढ़ने के संकेतों और वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल के बढ़ते दामों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी करते हुए नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। जानकारी के अनुसार, आरबीआई ने ब्याज दरों में यथास्थिति बनाए रखा। ऐसे में अब ईएमआई में बदलाव और इसमें बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। आरबीआई ने मुख्य नीतिगत दर 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी। रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया। आरबीआई के अनुसार, अप्रैल के मुद्रास्फीति आंकड़े से इसकी भावी दिशा कुछ अनिश्चित हो गई है। आरबीआई ने कहा कि मौद्रिक नीति का रुख उदार बना हुआ है। आरबीआई ने कॉरपोरेट मुनाफे और खपत में बढ़ोतरी का उल्लेख करते हुए 2016-17 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा। रिजर्व बैंक ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सातवें वेतन आयोग के लागू होने पर मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का जोखिम है। रिजर्व बैंक जल्दी ही बैंकों की ओर से ऋण की सीमांत लागत दर के ढांचे के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि महंगाई बढ़ने की आशंका से रेट में कटौती नहीं की गई। खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हालात सुधरे तो ब्याज दरों में कटौती संभव है।
राजन ने कहा कि हम डालर, रुपया दोनों की तरलता पर नजर रखेंगे और उसी के अनुरुप कदम उठाएंगे। रघराुम राजन ने कहा सरकार, मौजूदा पदाधिकारी रिजर्व बैंक गवर्नर के कार्यकाल विस्तार पर फैसला लेते हैं। राजन का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है।