ताज़ा खबरें

नई दिल्ली: 500 और 1000 रुपये के नोट को प्रचलन से खत्म करने की घोषणा के बाद लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए आगामी शनिवार और रविवार को भी बैंक खुले रहेंगे।इस फैसले के साथ ही बैंक ग्राहकों को राहत मिलती नजर आ रही है। अब वह अपना पुराना नोट आराम से जाकर बैंक में बदल सकेंगे।इसके अलावा बैंक का समय भी बढ़ाते हुए चार के बजाय छह बजे तक कर दिया गया है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि गुरुवार से 500 और 2000 के नए नोट भी उपलब्ध हो जाएंगे।गौरतलब है कि एक हजार और 500 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा करने के साथ ही अफरा तफरी का माहौल हो गया है। जो नोट कल तक प्राथमिकता बने हुए थे, वह मंगलवार की शाम से दहशत का कारण बन गए। सरकार के आदेश के बावजूद पेट्रोल पंपों पर 500 और एक हजार के नोटों को लेने से पंप कर्मी कतराने लगे।कई जगह पर तकरार भी देखी गई। वहीं एटीएम पर हाल यह हो गया कि लोग 400 रुपये से ज्यादा निकालने में घबरा रहे थे।एटीएम पर लोगों की भीड़ देखी गई। कुछ एटीएम पर तो 100 के नोट समाप्त हो गए। गौरतलब है कि मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट को अवैध घोषित किए जाने के बाद बुधवार को सभी बैंकों में पब्लिक डीलिंग नहीं हुई और एटीएम भी बंद रहे, जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 500 और हज़ार रुपयों की पाबंदी के बड़े असर जो भी हों, लेकिन बुधवार सुबह दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

नई दिल्ली: कालेधन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए हैं। इसके बाद सोने के दाम में उछाल आया है। आधी रात से सोने की कीमत में भी भारी उछाल आया है। सोने का भाव प्रति तोला 4000 रुपया बढ़ गया है। मुंबई में प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत में 4000 रुपये का इजाफा हुआ है। छिटपुट सौदों के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में में कल सोना 30,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रहा जबकि चांदी 250 रुपये के सुधार के साथ 43,850 रुपये प्रति किलो पर पहुंची। बाजार सूत्रों के अनुसार विदेशों में मजबूती के रख के अलावा स्थानीय हाजिर बाजार में औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की उठान बढ़ने से चांदी में सुधार दर्ज हुआ। दूसरी ओर सोना 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता की कीमत क्रमश: 30,850 रुपये और 30,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर अपरिवर्तित बंद हुए। कल के कारोबार में इसमें 300 रुपये की गिरावट रही।

मुंबई: शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स 1600 अंकों की गिरावट के साथ खुला। यह सीधे सीधे एग्जिट पोल में हिलेरी क्लिंटन पर डोनाल्ड ट्रंप को बढ़त का असर तो है ही, लेकिन सबसे बड़ा असर है 500-1000 रु के नोट बंद करने के सरकार के फैसले का। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के शुरूआती रुझानों में डोनाल्ड ट्रंप के अच्छे प्रदर्शन के बीच येन, यूरो के मुकाबले डॉलर में गिरावट दर्ज की गई। सुबह 7.15 बजे निफ्टी फयूचर्स सिंगापुर एक्सचेंज पर 148 अंक यानी 1.72 फीसदी गिरावट के साथ ट्रेड करता देखा गया। शुरुआती कारोबार में 1.5 फीसदी चढ़ने के बाद जापान का निक्केई 2.26 फीसदी गिर गया। इन दिनों शेयर बाजार क्लिंटन की ओर झुकते नतीजों से प्रोत्साहित महसूस करते देखे गए हैं क्योंकि उनकी जीत यह सुनिश्चित करेगी कि अमेरिका की वर्तमान समय की नीतियां नए प्रेजिडेंट के चुनाव के बाद भी जारी रहेंगी। भारतीय अर्थव्यवस्था का करीब 40 फीसदी हिस्सा स्मॉल और मीडियम साइज इंटरप्राइज से प्रभावित है जोकि नकदी ट्रांजैक्शन पर चलता है। अर्थशास्त्री कहते हैं कि सरकार की इस घोषणा से इन कारोबारों पर असर पड़ेगा और इस असर से देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी। शेयर बाजारों में सभी जोखिम प्रबंधन प्रणालियों और निगरानी प्रणालियों को मजबूत कर दिया गया है जिससे कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने व अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनावी नतीजों के मद्देनजर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव से निपटा जा सके।

मुंबई: विदेशी ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी का मानना है कि रिजर्व बैंक दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में एक और दौर की कटौती करेगा। एचएसबीसी ने कहा कि पिछली नीति में केंद्रीय बैंक ने नरम रूख अपनाया है ऐसे में आगामी मौद्रिक समीक्षा में एक और कटौती की उम्मीद है जिसके बाद मध्यावधि में वह यथास्थिति कायम रखेगा। एसएसबीसी इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी ने कहा, ‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा सर्वसम्मति से ब्याज दरों में कटौती के पक्ष लिए जाने के बाद हमारा मानना है कि केंद्रीय बैंक दिसंबर की समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की और कटौती करेगा। हालांकि, हमारा मानना है कि दिसंबर के बाद और कटौती नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति बढ़ाने वाले कारकों मसलन सातवें वेतन आयोग के भुगतान के मद्देनजर आवास किराया भत्ता, वस्तु एवं सेवा कर का क्रियान्वयन और राजकोषीय घाटे के लक्ष्य की संभावित समीक्षा से रिजर्व बैंक मध्यम अवधि में ब्याज दरों में और कटौती नहीं करेगा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख