नई दिल्ली: सरकार से नियामक पर तीन प्रतिशत ब्याज सब्सिडी चाहने वाली कंपनियों को अब मोबाइल उपकरणों में 20 फीसदी से अधिक और दूरसंचार उपकरणों में 40 फीसदी स्थानीय कलपुर्जों का इस्तेमाल करना होगा। सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है। दूरसंचार विभाग ने इस बारे में एक ओदश जारी किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि केवल वे ही कंपनियां ब्याज सब्सिडी पाने की हकदार होंगी जो कि अपने उत्पादों का पूरा विनिर्माण देश में करती हैं न कि केवल एसम्बली करती हैं। आदेश के अनुसार सहायता की पात्रता के लिए मोबाइल उपकरणों में सीआईएफ (लागत,बीमा और भाड़ा खर्च मिला कर) प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले विदेशी साधनों का अनुपात 80 फीसदी से कम होना चाहिए। मोबाइल उद्योग के संगठन इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन तथा इलेक्ट्रोनिक उपकरण निर्माताओं के संगठन एलसिना ने इस कदम का स्वागत किया है लेकिन निर्यात को बढावा देने के लिए अधिक लाभों की मांग की है।
आईसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने कहा,‘यह सकारात्मक कदम है लेकिन निर्यात के लिए विस्तृत पैकेज की जरूरत है।’