नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी तथा उसकी मातृ कंपनी सुजुकी मोटर सस्ती लागत की हाइब्रिड कारों के विकास पर काम कर रही हैं। देश में पर्यावरणनुकूल वाहनों की बढ़ती मांग के बीच मारुति भारतीय बाजार में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है। मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि हाइब्रिड प्रौद्योगिकी वाली छोटी कारों के विकास को कंपनी तथा उसकी मातृ कंपनी सुजुकी दोनों के लिए रूचि वाला क्षेत्र बताया। भार्गव ने कहा कि हम हरित प्रौद्योगिकी वाली छोटी कारों के बाजार का दोहन करना चाहते हैं। हालांकि, टोयोटा जैसी बड़ी कंपनियां अभी बड़े वाहनों पर ध्यान दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत में हाइब्रिड प्रौद्योगिकी वाली छोटी कार बनाना एक बुद्धिमानी भरा कदम होगा, क्योंकि अभी दुनिया में छोटी कारों या कम लागत वाली कारों के लिए कोई हाइब्रिड प्रौद्योगिकी नहीं है। मुझे लगता है कि इसका विकास किया जाना चाहिए। हम और सुजुकी इस पर काम कर रहे हैं।’ हालांकि, भार्गव ने इस तरह का वाहन लाने के लिए कोई समयसीमा नहीं बताई। फिलहाल मारुति सुजुकी एर्टिगा एमपीवी तथा प्रीमियम सेडान सियाज में मामूली हाइब्रिड प्रौद्योगिकी की पेशकश करती है। मारुति के बेड़े में अभी 15 मॉडल हैं। भारतीय यात्री वाहन बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत की है।
कंपनी ने 2020 तक सालाना 20 लाख इकाई की बिक्री का लक्ष्य तय किया है। इस वित्त वर्ष में कंपनी को 16 लाख इकाइयों के उत्पादन की उम्मीद है। मारुति सुजुकी द्वारा जापान के बाजार में और मॉडलों के निर्यात की योजना के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा कि कंपनी पहले बलेनो हैचबैक पर प्रतिक्रिया का इंतजार करेगी। जापान को पहली बार भारत में बने मॉडल बलेनो का निर्यात किया गया है। भार्गव ने कहा, ‘पहले हम बलेनो पर प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे। किसी देश में किसी मॉडल के निर्यात के करीब एक वर्ष बाद ही उस पर प्रतिक्रिया का अंदाजा लगता है।’ उन्होंने कहा कि जापान अपने उत्पादों की बिक्री के लिए विदेशी वाहन कंपनियों के लिए परंपरागत रूप से कठिन बाजार रहा है। जापान के लोग अपने घरेलू कंपनियों के अलावा सिर्फ अमेरिका व जर्मनी की कंपनियों के वाहनों को पसंद करते हैं। मारुति सुजुकी ने अभी तक जापान के बाजार के लिए भारत में बनी 2,300 बलेनो हैचबैक का निर्यात किया है। नए निर्यात बाजारों के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने अफ्रीका महाद्वीप को लेकर उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अफ्रीका आने वाले समय में काफी संभावनाएं पेश करेगा। आगामी वर्षों में अफ्रीका में आय का स्तर काफी उंचा होगा और वे उचित कीमत वाली कारें खरीदना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कंपनी को बेहतर प्रतिक्रिया मिलती है तो वह ऐसे निर्यात बाजारों में उत्पादन सुविधाएं विकसित कर सकती है।