मुंबई: शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स 1600 अंकों की गिरावट के साथ खुला। यह सीधे सीधे एग्जिट पोल में हिलेरी क्लिंटन पर डोनाल्ड ट्रंप को बढ़त का असर तो है ही, लेकिन सबसे बड़ा असर है 500-1000 रु के नोट बंद करने के सरकार के फैसले का। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के शुरूआती रुझानों में डोनाल्ड ट्रंप के अच्छे प्रदर्शन के बीच येन, यूरो के मुकाबले डॉलर में गिरावट दर्ज की गई। सुबह 7.15 बजे निफ्टी फयूचर्स सिंगापुर एक्सचेंज पर 148 अंक यानी 1.72 फीसदी गिरावट के साथ ट्रेड करता देखा गया। शुरुआती कारोबार में 1.5 फीसदी चढ़ने के बाद जापान का निक्केई 2.26 फीसदी गिर गया। इन दिनों शेयर बाजार क्लिंटन की ओर झुकते नतीजों से प्रोत्साहित महसूस करते देखे गए हैं क्योंकि उनकी जीत यह सुनिश्चित करेगी कि अमेरिका की वर्तमान समय की नीतियां नए प्रेजिडेंट के चुनाव के बाद भी जारी रहेंगी। भारतीय अर्थव्यवस्था का करीब 40 फीसदी हिस्सा स्मॉल और मीडियम साइज इंटरप्राइज से प्रभावित है जोकि नकदी ट्रांजैक्शन पर चलता है। अर्थशास्त्री कहते हैं कि सरकार की इस घोषणा से इन कारोबारों पर असर पड़ेगा और इस असर से देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी। शेयर बाजारों में सभी जोखिम प्रबंधन प्रणालियों और निगरानी प्रणालियों को मजबूत कर दिया गया है जिससे कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने व अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनावी नतीजों के मद्देनजर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव से निपटा जा सके।
वैसे शेयर बाजार विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। एलआईसी म्यूचुअल फंड के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर सरवना कुमार ने कहा कि यदि आप भारतीय अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह बहुत अच्छा कदम है। इससे मुद्रास्फीति पर लगाम लगेगी और वित्तीय घाटा कम होगा। काले धन पर भी लगाम लगेगी। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इकॉनमी में इस कदम से 'कुछ उथल पुथल देखी जा सकती है लेकिन वह कुछ समय के लिए होगी'। बाजार विशेषज्ञ अंबरीश बालिगा ने यह ट्वीट किया। विशेषज्ञों की राय में रीयल एस्टेट स्टॉक्स में मार्केट पर आज बुरा असर पड़ देखा जा सकता है।