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गुरुग्राम (हरियाणा): वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऋण वसूली मामलों के तेजी से निपटान पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि बैंकों का कर्ज लेकर समय पर नहीं लौटाने वालों को नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के तहत बचाव के असीमित अवसर नहीं दिये जा सकते हैं। जेटली ने कहा, ‘यह सामान्य न्यायिक अथवा अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया नहीं है जिसमें लोगों को बचाव के लिये असीमित अवसर दिये जाते हैं क्योंकि स्वाभाविक न्याय प्रक्रिया को अस्वाभाविक तरीके से लंबा खींचा जायेगा तो विवाद कभी समाप्त नहीं होंगे। इसलिये जहां तक कर्ज नहीं लौटाने के मामले हैं उनमें वसूली प्रक्रिया को और बेहतर और सक्षम बनाना होगा।’ देशभर में विभिन्न ऋण वसूली न्यायाधिकरणों में पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि के करीब 95,000 मामले लंबित हैं। जेटली ने आज यहां ऋण वसूली पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, ‘इसलिये हर ऐसे मामले में जहां संबंधित पक्ष मामले को लंबा खींचने में कामयाब रहता है देश के निवेश परिवेश को नुकसान पहुंचाता है। बैंकों का पैसा यदि इस तरह डिफाल्टरों के पास फंसा रहेगा तो बैंक दूसरों को कर्ज नहीं दे पायेंगे। दूसरे लोग इस धन को उत्पादक कार्यों में इस्तेमाल कर सकते थे, जिसका देश को फायदा मिलता।’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का इरादा कानूनी बदलावों के साथ बैंकों को ज्यादा अधिकार देकर वसूली प्रक्रिया को अधिक दक्ष और प्रभावी बनाने का है।

नई दिल्ली : प्रगति मैदान में 14 नवंबर से शुरू होने वाले भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में इस बार देश-विदेश की करीब 7,000 कंपनियों के भाग लेने की उम्मीद है। इनमें चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका और बांग्लादेश सहित 24 देशों की 150 से अधिक कंपनियां अपने उत्पादों को प्रदर्शित करेंगी। पाकिस्तान का नाम भागीदार देशों की सूची में नहीं है। मेले की आयोजक संस्था ‘भारत व्यापार संवर्धन संगठन - इटपो’ के महाप्रबंधक जे. गुना शेकरन ने बताया कि पहली बार व्यापार मेले के टिकट ‘ऑनलाइन’ उपलब्ध होंगे। चुनिंदा मेट्रो रेल स्टेशनों और प्रगति मैदान के प्रवेश द्वार के अलावा ऑनलाइन भी टिकट उपलब्ध होंगे। शेकरन ने बताया कि 36वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार ‘दक्षिण कोरिया’ भागीदार देश होगा जबकि ‘बेलारूस’ फोकस देश के तौर पर शामिल होगा। इसके अलावा अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, चीन, कुवैत, सिंगापुर, म्यांमार, ईरान, श्रीलंका, तुर्की, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका सहित 24 देश इसमें भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और झारखंड भागीदार देश होंगे जबकि हरियाणा फोकस राज्य के तौर पर मेले में भाग लेगा। इस साल ‘डिजिटल इंडिया’ आईआईटीएफ-2016 की मुख्य विषय वस्तु होगी। केन्द्र सरकार के मंडपों और सभी राज्य मंडपों में इसे प्राथमिकता से दिखाया जायेगा।

नई दिल्ली : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर से बढ़ोतरी की गई है। शनिवार आधी रात के बाद से पेट्रोल के दाम में प्रति लीटर 89 पैसे प्रतिलीटर और डीजल के दाम में 86 पैसे प्रतिलीटर की बढ़ोतरी हो जाएगी। तेल कंपनियों द्वारा कीमतों में इजाफे के बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 67.34 रुपये होगी और एक लीटर डीजल के लिए 55.98 रुपये चुकाने होंगे। अक्टूबर के आखिरी में दिवाली की वजह से कीमतों में वृद्धि नहीं की गई थी। इससे पहले 15 अक्टूबर को भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए थे। पेट्रोल के दाम जहां 1.34 रुपये प्रति लीटर बढ़े थे तो डीजल के दाम में 2.37 रुपये का इजाफा किया गया था।

नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के लिये चार स्तरीय कर दरें तय करने के बाद शुक्रवार को केन्द्र और राज्यों के बीच विभिन्न करदाता इकाइयों पर अधिकार क्षेत्र को लेकर सहमति नहीं बन सकी। इससे जीएसटी को एक अप्रैल 2016 से लागू करने के प्रयासों को झटका लग सकता है। जीएसटी लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जीएसटी परिषद की आज दूसरे दिन की बैठक में करदाता इकाइयों पर अधिकार क्षेत्र को लेकर सहमति नहीं बन सकी। किस तरह की इकाइयां राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आयेंगी और किस तरह की इकाइयों पर पर केन्द्र सरकार का अधिकार होगा, इस बारे में कोई निर्णय नहीं हो सका। परिषद की कल से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के पहले दिन गुरुवार को जीएसटी के लिये पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय कर दरों का अहम् फैसला किया गया। परिषद की अब 9 और 10 नवंबर को होने वाली बैठक को निरस्त कर दिया गया है। इस बैठक में जीएसटी को समर्थन देने वाले विधेयकों के मसौदों को अंतिम रूप दिया जाना था। राज्यों के वित्त मंत्रियों की इस मुद्दे पर अब 20 नवंबर को अनौपचारिक बैठक होगी। वित्त मंत्री अरण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की अगली बैठक अब 24-25 नवंबर को होगी। जेटली ने इससे पहले उम्मीद जताई थी कि जीएसटी से जुड़े दूसरे विधेयकों को 22 नवंबर तक अंतिम रूप दे दिया जायेगा।

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