- Details
मुंबई: टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री के उत्साह को बढ़ाने वाले घटनाक्रम में समूह की होटल कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) के स्वतंत्र निदेशकों ने शुक्रवार को मिस्त्री के नेतृत्व में ‘सर्वसम्मति’ से विश्वास जताया। निदेशक मंडल की यहां हुई बैठक से पहले कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से मिस्त्री के नेतृत्व में भरोसा जताया गया। इन स्वतंत्र निदेशकों में दीपक पारेख और नादिर गोदरेज भी शामिल थे। आईएचसीएल इस समय घाटे में है। कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों में गौतम बनर्जी, केकी दादीसेठ, विभा रिषि और इरीना वित्तल भी हैं। कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसके स्वतंत्र निदेशकों ने सर्वसम्मति से मिस्त्री के नेतृत्व पर भरोसा जताया है और कंपनी को रणनीतिक दिशा देने और उसका नेतृत्व करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की।
- Details
हैदराबाद: इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन का मानना है कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग का ‘स्वर्ण काल’ खत्म नहीं हुआ है और इसका वक्त फिर से वापस आ सकता है, भले ही यह अभी मंदी के दौर से गुजर रहा हो। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 की वैश्विक मंदी के बाद भी यह क्षेत्र वापस उभरकर आया था। वह वर्ष 2007 से 2011 के बीच इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक रहे। गोपालकृष्णन ने कहा, ‘मैं इस बात को भरोसे के साथ कह सकता हूं कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग रोजगार निर्माण का इंजन बना रहेगा। यह वृद्धि करना जारी रखेगा। इसकी वृद्धि दोहरे अंकों में हो सकती है।’ उन्होंने पिछली कुछ तिमाहियों में इसकी वृद्धि एकल अंक में रहने पर इसके पिछड़ने की धारणा को दरकिनार करते हुए कहा कि आईटी कंपनियों के लिए यह ‘नयी सामान्य’ वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘आईटी सेवाओं की वृद्धि में कमी आई है। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए यह 12-15 प्रतिशत के बजाय आठ-नौ प्रतिशत रह सकती है। अगले साल की वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर निर्भर करेगी।’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के अलावा और कौन सा क्षेत्र है जो एक साल में अच्छे वेतनमान वाली एक से दो लाख नौकरियां पैदा कर रहा हो? वह यह नहीं कह सकते कि भारतीय आईटी सेवा उद्योग का ‘स्वर्ण काल’ बीत चुका है।
- Details
मुंबई: बंबई शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला आज लगातार पांचवें दिन जारी रहा तथा सेंसेक्स 156 अंक टूटकर करीब चार महीने के निचले स्तर 27,274.15 अंक पर आ गया। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव नतीजों को लेकर अनिश्चितता से निवेशक सतर्क हैं। फार्मा कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली का दौर चला। नए सम्वत् वर्ष के पहले सप्ताह में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स में जहां 667.36 अंक या 2.38 प्रतिशत तथा निफ्टी में 204.25 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट आई। अमेरिकी चुनाव में बाजार की पसंदीदा हिलेरी क्लिंटन अब डोनाल्ड ट्रंप से पिछड़ती नजर आ रही हैं। ऐसे में वैश्विक स्तर पर कमजोरी के रूख के बीच यहां भी विदेशी कोष और खुदरा निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। जीएसटी परिषद द्वारा कर ढांचे को अंतिम रूप दिए जाने के बावजूद बाजार को राहत नहीं मिली। इस बीच, जेनेरिक दवाएं बनाने वाली फार्मा कंपनियों की अमेरिकी जांच की खबरों से फार्मा कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट आई। सनफार्मा का शेयर 7.45 प्रतिशत टूट गया, डॉ रेड्डीज में 5.67 प्रतिशत, ल्यूपिन में 3.57 प्रतिशत तथा सिप्ला में 2.60 प्रतिशत की गिरावट आई। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स आज 156.13 अंक या 0.57 प्रतिशत टूटकर 27,274.15 अंक पर आ गया। यह 8 जुलाई के बाद इसका सबसे निचला बंद स्तर है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 27,498.91 से 27,193.61 अंक के दायरे में रहा। पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स में 511.23 अंक का नुकसान दर्ज हुआ। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 51.20 अंक या 0.60 प्रतिशत के नुकसान से 8,433.75 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान यह 8,504 से 8,400.25 अंक के दायरे में रहा।
- Details
नई दिल्ली: देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने आज कहा कि टाटा की छोटी कार नैनो सिर्फ एक या दो वजह से असफल नहीं रही, बल्कि यह पूरी तरह ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पाई। भार्गव ने कहा कि दोपहिया रखने वाला जब कार खरीदता है तो वह कार जैसी सुविधा भी चाहता है। वह उसे सिर्फ परिवहन के लिए किसी साधन के रूप में नहीं देखता। उन्होंने यहां एक परिचर्चा में कहा, ‘मेरा मानना है कि नैनो कुल मिलाकर ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रही। सिर्फ एक या दो कारणों से नहीं पूर्ण रूप से।’ उन्होंने कहा कि इस मूल्य पर परियोजना चुनौती है। साथ ही यह ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा करने की चुनौती भी है। भार्गव ने हालांकि, दोहराया कि रतन टाटा को आम लोगों को सस्ती कार उपलब्ध कराने के प्रयास का श्रेय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टाटा का नैनो के पीछे विचार दोपहिया वाहन रखने वालों को एक सुरक्षित परिवहन का साधन उपलब्ध कराना था, जिसकी सराहना की जानी चाहिए।
- देश
- प्रदेश
- आलेख
- वक्फ विधेयक पर जेपीसी बैठक का विपक्षी सदस्यों ने किया बहिष्कार
- संसद में अडानी और संभल पर हंगामा, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
- किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
- दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान
- आप हारें तो ईवीएम खराब, जीते तो सब ठीक रहता है: सुप्रीम कोर्ट
- 'जम्मू-कश्मीर में पहली बार मनाया गया संविधान दिवस': पीएम मोदी
- बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए देशभर में चलाएंगे अभियान: खड़गे
- 'संविधान, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की आधारशिला': राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
- संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
- संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
- शिंदे या फडणवीस, कौन बनेगा मुख्यमंत्री? अजित पवार हैं किंग मेकर
- संभल हिंसा: बख्शे नहीं जाएंगे उपद्रवी, पत्थरबाजों के लगेंगे पोस्टर
- कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
- हाईकोर्ट ने राहुल की नागरिकता पर गृह मंत्रालय से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
- 'रोज सफाईकर्मियों के साथ चाय-नाश्ता करें आप विधायक': केजरीवाल
- संभल में सर्वे के दौरान बीजेपी नेता लगा रहे थे भड़काऊ नारे: अखिलेश
- एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, अब कौन होगा महाराष्ट्र का अगला सीएम
- दिल्ली में आज फिर एक्यूआई 400 पहुंचा, हाइब्रिड मोड में स्कूल क्लास
- हिंसक हुआ उदयपुर के पूर्व राजघराने का विवाद, पैलेस के बाहर पथराव
- ग्रैप में ढील: दिल्ली-एनसीआर में हाइब्रिड मोड पर खुलेंगे स्कूल-कॉलेज
- अमेरिका में एक ऐसा राज्य जो दूसरे देशों के लोगों के लिए है धनकुबेर!
- महाराष्ट्र और झारखंड़ चुनाव नतीजे तय करेंगे पीएम मोदी का भविष्य
- इंडोनेशिया में नई वीजा पॉलिसी के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी
- खूंखार इजरायली खुफिया एजेंसी "मोसाद" ऐसे देती है टारगेट को अंजाम
- झारखंड चुनाव में इस बार आदिवासी महिलाएं तय करेंगी सत्ता का ताज
- महाराष्ट्र:ओबीसी वोटरों की ताकत से किला फतह करना चाहती है बीजेपी
- धर्म निरपेक्ष दलों के समर्थन पर निर्भर होगी अब तीसरी मोदी सरकार
- अयोध्या, काशी और मथुरा वाले यूपी में मोदी को मिल रही है शिकस्त
- जाट लैंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को नुकसान का संकेत
- लोकसभा सीटों का बंटवारा एनडीए के लिए भी कम सिरदर्द नहीं होगा