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नई दिल्ली: बड़े मूल्य के प्रतिबंधित नोटों के जरिए समानांतर अर्थव्यवस्था चलाने के गोरखधंधे पर अंकुश के लिए 1000 और 500 रपये के पुराने नोटों के लेनदेन करने और अपने पास एक निश्चित सीमा से अधिक संख्या में रखने को गैरकानूनी एवं दंडनीय अपराध बनाने संबंधी अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी प्रदान कर दी है। विनिर्दिष्ट बैंक नोट :दायित्व का समापन: अध्यादेश-2016 के तहत चलन से बाहर किए गए बड़े मूल्य के नोटों को रखना और उनका लेनदेन करना कानूनी अपराध है जिसमें न्यूनतम 10,000 रपये के जुर्माने का प्रावधान है। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने आज बताया कि पुराने प्रतिबंधित नोटों को कारोबार के लिए इस्तेमाल से रोकने के लिए यह अध्यादेश जरूरी था। उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि प्रतिबंधित नोटों के माध्यम से कोई समानांतर अर्थव्यवस्था चले।’’ सरकार ने विदेश से आने वाले प्रवासी भारतीयों को चलन से बाहर किए गए नोटों को बदलवाने के लिए 30 जून तक मौका दिया है। वे इन्हें रिजर्व बैंक के विनिर्दिष्ट कार्यालयों पर बदलवा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने साथ लाए गए पुराने प्रतिबंधित नोटों के बारे में हवाईअड्डों पर सीमा शुल्क विभाग को संख्या सहित पूरा ब्यौरा देना होगा। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ऐसे प्रवासी भारतीयों को रिजर्व बैंक की विनिर्दिष्ट शाखाओं में बंद किए गए नोट जमा कराते समय सीमा शुल्क विभाग में दाखिल ब्यौरा भी प्रस्तुत करना होगा, झूठा ब्यौरा देने पर न्यूनतम 50,000 रपये या प्रस्तुत नोटों के कुल मूल्य में से जो भी अधिक होगा, उतना जुर्माना देना होगा।
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नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने बैंकों से आज का काम खत्म होने तक उनके यहां जमा किये गये प्रतिबंधित 500 और 1,000 रुपये के नोट के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। इन नोटों को बैंकों में जमा करने का आज आखिरी दिन था। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को जमा करने की सुविधा आज समाप्त होने के साथ सभी बैंकों 30 दिसंबर को ही इस बारे में पूरी सूचना ई-मेल से उपलब्ध करायें।’ सार्वजनिक, निजी, ग्रामीण तथा सहकारी बैंकों समेत सभी बैंकों से जमा किये इन पुराने नोटों की सूचना एकत्रित करने की व्यवस्था करने को कहा गया है। 500 और 1000 के पुराने नोट आज जमा करने वाली बैंकों की शाखाओं को 31 दिसबंर तक रिजर्व बैंक के किसी निर्गम कार्यालय या करेंसी चेस्ट में जमा कराना होगा। इसमें डीसीसीबी (जिला केंद्रीय सहकारी बैंक) शामिल नहीं है। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि उच्च राशि के पुराने नोट 31 दिसंबर 2016 को कामकाजी समय समाप्त होने के बाद बैंकों के पास उपलब्ध नकदी का हिस्सा नहीं होंगे।
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नई दिल्ली: मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस जियो ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से कहा है कि उसका ताजा वायॅस और डाटा पेशकश मौजूदा नियमनों का उल्लंघन नहीं करती हैं।इन नियमनों के तहत प्रचार के लिए किसी तरह की पेशकश की अवधि 90 दिन की अवधि के लिए हो सकती है। ट्राई ने कंपनी से अपनी मुफ्त कॉल और डाटा पेशकश को बढ़ाकर 31 मार्च, 2017 तक करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा था। प्रचार के लिए पेशकश की 90 दिन की अवधि 4 दिसंबर को समाप्त हो गई है। जियो ने ट्राई को अपनी हैपी न्यू ईयर पेशकश के बारे में विस्तार से नोट भेजा है। इसमें बताया गया है कि उसकी यह पेशकश शुरआती पेशकश से कैसे भिन्न है और यह बाजार बिगाड़ने वाली नहीं है। ट्राई ने 20 दिसंबर को जियो को पत्र भेजकर पूछा था कि क्यों न उसकी हैपी न्यू ईयर पेशकश को नियामकीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन माना जाए।
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नई दिल्ली: टाटा संस ने अपने हटाए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री पर गोपनीयता नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनसे सभी वर्गीकृत दस्तावेज लौटाने को कहा है। साथ ही कंपनी ने मिस्त्री से 48 घंटे के अंदर यह हलफनामा देने को भी कहा गया है कि वह भविष्य में ऐसी सूचनाओं का खुलासा नहीं करेंगे। तीन दिन में मिस्त्री को भेजे कए दूसरे कानूनी नोटिस में टाटा संस ने आरोप लगाया है कि मिस्त्री गलत तरीके तथा बेईमानी से गोपनीय सूचनाएं कंपनी के परिसर के बाहर बिना सहमति के लेकर गए। टाटा संस ने मिस्त्री से उनके पास मौजूद सभी गोपनीय सूचनाएं लौटाने को कहा है। साथ ही मिस्त्री से कहा गया है कि वह इन दस्तावेजों की प्रतियां भी अपने पास नहीं रखें। नमक से साफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाले 103 अरब डालर के समूह ने मिस्त्री से 48 घंटे में यह हलफनामा भी देने को कहा है कि वह सभी गोपनीय दस्तावेजों की गोपनीयता बनाए रखेंगे और इसका खुलासा किसी को भी नहीं, संबद्ध इकाइयों, संबंधियों या परिवार के सदस्यों को भी नहीं करेंगे। इससे पहले मंगलवार को टाटा संस ने मिस्त्री पर गोपनीयता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था। मिस्त्री की परिवार की निवेश कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में उनको हटाए जाने के खिलाफ जो अपील दायर की थी उसमें कंपनी के दर्जनों संवेदनशील और गोपनीय दस्तावेज नत्थी किए गए थे।
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