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नई दिल्ली: देश में नोटबंदी के बीच दिसंबर 2016 में वाहन-बिक्री 18.66 प्रतिशत घट गयी। पिछले 16 साल में वाहनों की बिक्री में यह सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। आटोमोबाइल कंपनियों के संगठन ‘सियाम’ के ताजा आंकड़ों के अनुसार स्कूटर, मोटरसाइकिल और कारों सहित ज्यादातर वाहनों की श्रेणी में दिसंबर में भारी गिरावट दर्ज की गई। गत आठ नवंबर को 1000 और 500 के पुराने नोटों का चलन बंद करने की सरकार की घोषणा के बाद जनता के पास नकदी की तंगी से वाहन बिक्री पर इसका असर दिख रहा है। सियाम के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2016 में विभिन्न श्रेणियों के वाहनों की बिक्री 18.66 प्रतिशत घटकर 12,21,929 रही। वहीं एक साल पहले दिसंबर में कुल मिलाकर 15,02,314 थी। सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘दिसंबर 2000 के बाद यह विभिन्न प्रकार के वाहनों की बिक्री में आई सबसे बड़ी गिरावट है। उस समय गिरावट 21.81 प्रतिशत थी। इसकी बड़ी वजह नोटबंदी के से ग्राहकी का ठंडा पड़ना है।’ उन्होंने कहा कि दिसंबर में हल्के वाणिज्यिक वाहनों की श्रेणी को छोड़कर वाहनों की अन्य सभी श्रेणियों में बिक्री कम हुई है। हल्के वाहनों की श्रेणी में बिक्री 1.15 प्रतिशत बढ़कर 31,178 वाहन रही है। माथुर ने हालांकि, कहा कि वाहन बिक्री में कमी अस्थाई है, लेकिन वाहन बिक्री में तेजी आना इस बात पर निर्भर करता है कि आगामी बजट में उपभोक्ताओं की धारणा में सुधार के लिये कौन से उपाय किये जाते हैं।

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई राशि की जांच पड़ताल में सरकार को करीब तीन से चार लाख करोड़ रुपये की आय में कर चोरी का पता चला है। यह राशि नोटबंदी के बाद 500, 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने की 50 दिन की अवधि में जमा कराई गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग को इनकी जांच पड़ताल करने को कहा गया है जिसके बाद 3-4 लाख करोड़ रुपये की संदिग्ध कर- अपवंचना वाली राशि जमा कराने वालों को नोटिस भेजे जायेंगे। अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास अब काफी आंकड़े उपलब्ध हैं। इनके विश्लेषण से पता चलता है कि नोटबंदी के बाद 60 लाख से अधिक बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई। इस दौरान कुल 7.34 लाख करोड़ रुपये की राशि बैंक खातों में जमा कराई गई।’उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न बैंक खातों में 10,700 करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय सहकारी बैंकों में विभिन्न खातों में जमा कराई गई 16,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की भी जांच परख कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद 25,000 करोड़ रुपये निष्क्रिय पड़े बैंक खातों में जमा कराये गये जबकि आठ नवंबर 2016 के बाद 80,000 करोड़ रुपये के कर्ज का नकद राशि में भुगतान किया गया। उल्लेखनीय है कि सरकार ने आठ नवंबर 2016 को अचानक 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से वापस ले लिये थे।

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों के लिए बिना किसी अतिरिक्त खर्च के क्रेडिट या डेबिट कार्ड से ईंधन के भुगतान की सुविधा 13 जनवरी के बाद भी जारी रहेगी। सरकार का कहना है कि कार्ड से लेन-देन पर वाणिज्यिक-प्रतिष्ठान कटौती शुल्क (एमडीआर) का बोझ कौन उठाए, इस पर बैंकों और तेल कंपनियों के बीच बातचीत चल रही है। गौरतलब है कि कल पेट्रोलपंपों ने धमकी दे दी थी कि वे 13 जनवरी के बाद कार्ड से भुगतान लेना बंद कर देंगे क्यों कि बैंक उनसे कार्ड मशीन से भुगतान पर एक प्रतिशत एमडीआर शुल्क मांग रहे हैं। सरकार ने लाखों ग्राहकों के लिए संकट की इस स्थिति को टालने के एक दिन बाद यह बयान दिया है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘वाणिज्यिक-प्रतिष्ठान कटौती शुल्क (एमडीआर) रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार ही लागू किया जाएगा। पर इसका बोझ किस पर पड़े, इस बारे में तेल विपणन कंपनियां और बैंकों के बीच बातचीत चल रही है।’ उन्होंने कहा, ‘हम कल ही आश्वासन दे चुके थे कि चूंकि पेट्रोल पंप मालिक कमीशन एजेंट के रूप में काम करते हैं, इस लिए हम उन पर कार्ड भुगतान खर्च का बोझ नहीं डालेंगे।’ बैंक बाद में सहमत हुए कि वे पांच दिन और एमडीआर में छूट देते रहेंगे। इसके बाद पेट्रोल पंपों ने कार्ड से भुगतान लेना बंद करने की अपनी योजना को 13 जनवरी तक टाल दिया था।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नोटबंदी के बाद अधिकतर राज्यों में वैट क्लेक्शन बढ़ा है और टैक्स में बढोतरी हुई। उन्होंने बताया कि अप्रैल—दिसंबर 2016 में प्रत्यक्ष कर कलेक्शन 12.01 प्रतिशत बढ़ा। जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद टैक्स में बढ़ोत्तरी हुई है अप्रैल से दिसंबर के बीच प्रत्यक्ष कर में 12.01 फीसदी और अप्रत्यक्ष कर में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2016 में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 31.6 प्रतिशत बढ़ी है। दिसंबर 2016 में गोल्ड के कारण कस्टम्स ड्यूटी में छह फीसदी की कमी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि नवंबर 2016 की अपेक्षा दिसंबर 2016 में अप्रत्यक्ष कर में 12.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि 8 नवंबर को पीएम मोदी ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट अमान्य करार दे दिए थे। मोदी सरकार के मुताबिक, कालेधन की धरपकड़ के लिए यह फैसला लिया गया।

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