- Details
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल बैंकों से गरीबों तथा निम्न मध्यम वर्ग को ऋण में प्राथमिकता देने को कहा था। इसके बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) आज अपनी विभिन्न परिपक्वता अवधि की बेंचमार्क ऋण दरों में 0.9 प्रतिशत कटौती की घोषणा की। नई दरें आज से प्रभावी होंगी। माना जा रहा है कि अन्य बैंक भी ऐसा कदम उठा सकते हैं। एसबीआई ने एक साल की अवधि की कोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) को 8.90 से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया है।प्रधानमंत्री ने कल बैंकों से गरीबों तथा मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने को कहा था। उन्होंने कहा था, ‘बैंकों की स्वायत्तता का सम्मान करते हुए मैं उनसे कहूंगा कि वे अपनी परंपरागत प्राथमिकताओं से आगे बढ़ते हुए गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग तथा मध्यम वर्ग पर ध्यान दें।’ उन्होंने कहा, ‘भारत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रहा है। बैंकों को इस अवसर को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। उन्होंने जनहित में तत्काल उचित फैसले करने चाहिए।’ इसी तरह एक दिन के कर्ज के लिए ब्याज दर को 8.65 से घटाकर 7.75 प्रतिशत किया है। तीन साल की अवधि के ऋण के लिए इसे 9.05 प्रतिशत से घटाकर 8.15 प्रतिशत किया गया है। बैंक ने एक महीने, तीन महीने, छह महीने तथा दो साल के कर्ज पर भी ब्याज दर में इसी अनुपात में कटौती की है।
- Details
मुंबई: आरबीआई ने चलन से बाहर किये गए उच्च मूल्य के पुराने नोट बदलने के वास्ते प्रवासी भारतीयों सहित उन लोगों के लिए आज रात शर्तें जारी की जो कल तक ऐसा करने में असफल रहे थे। अमान्य किये गए उच्च मूल्य के नोट बैंकों में जमा करने का कल अंतिम दिन था। आरबीआई ने आज देर शाम जारी एक बयान में कहा कि भारतीय नागरिक जो नौ नवम्बर से 30 दिसम्बर तक विदेश में थे, वे इस सुविधा का लाभ 31 मार्च 2017 तक उठा सकते हैं और प्रवासी भारतीय जो इस अवधि के दौरान विदेश में थे, वे चलन से बाहर हुए अपने नोट 30 जून 2017 तक बदल सकते हैं। उसने कहा, ‘पात्र निवासी भारतीयों के लिए नोट बदलने की कोई सीमा नहीं है, प्रवासी भारतीयों के लिए यह संबंधित फेमा नियमों के तहत होगी (25 हजार रूपये प्रति व्यक्ति)’ आरबीआई ने कहा कि नागरिक इस सुविधा का इस्तेमाल अपनी निजी क्षमता में इस अवधि के दौरान एक बार कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए पहचान पत्र के साथ ही इसका सबूत मुहैया कराना होगा कि वे अवधि के दौरान विदेश में थे और उन्होंने नोट बदलने की सुविधा का इस्तेमाल इससे पहले नहीं किया है।
- Details
नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद देशभर में कालाधन पकड़ने के लिए आयकर विभाग द्वारा मारे गए 1,000 से ज्यादा छापों में कुल 4,313 करोड़ रुपये से ज्यादा का कालाधन पकड़ा गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 29 दिसंबर तक के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार आयकर विभाग ने अपने सभी छापों में कुल 4,313.79 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है और 554.6 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए हैं। सूत्रों ने बताया कि आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद विभाग ने संदिग्ध कर चोरी के मामलों को पकड़ने के लिये देशभर में 1061 छापे मारे। इसके अलावा कर चोरी और हवाला गतिविधियों को लेकर विभाग ने विभिन्न इकाइयों को 5,058 नोटिस भी जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि इन छापों में विभाग ने 106.89 करोड़ रुपये की नई मुद्रा (अधिकतर 2000 रुपये के नोट) और 91.99 करोड़ रुपये के आभूषण इत्यादि भी जब्त किए हैं। इस प्रकार आयकर विभाग ने 29 दिसंबर तक कुल 4,313.79 करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी है।
- Details
नई दिल्ली: चलन से बाहर किए गए 500 और 1,000 रपये के पुराने नोट जमा कराने की 50 दिन की समयसीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई। हालांकि, सरकार की ओर से बैंकों से नकदी निकासी पर लगी साप्ताहिक 24,000 रुपये की निकासी सीमा को हटाए जाने के बारे में कोई संकेत नहीं है। नोटबंदी के 50वें दिन भी एटीएम और बैंकों के बाहर कतारें देखी गईं। हालांकि, कतार पहले के मुकाबले काफी छोटी थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस अवसर पर कहा कि रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त मात्रा में नकदी है और नकदी की आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है। वित्त मंत्री से जब यह पूछा गया कि नकद निकासी पर जारी प्रतिबंध सीमा कब हटाई जायेगी। उन्होंने कहा कि जब भी निर्णय लिया जायेगा, उसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा। लोगों के पास हालांकि, अभी भी रिजर्व बैंक की प्राधिकृत शाखाओं पर पुराने अमान्य नोट जमा कराने का समय है। रिजर्व बैंक काउंटर पर वाजिब कारण बताकर 31 मार्च तक 500, 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराये जा सकते हैं। सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के अमान्य नोट एक सीमा से अधिक रखने को अवैध और दंडात्मक बनाये जाने संबंधी एक अध्यादेश भी जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर को अचानक 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से वापस लिये जाने की घोषणा की थी। इसके बाद 10 नवंबर से बैंकों ने पुराने नोट स्वीकार करने शुरू किये।
- देश
- प्रदेश
- आलेख
- अडानी मुद्दे पर विपक्ष के हंगामें के चलते संसद में कामकाज रहा ठप
- वक्फ विधेयक पर जेपीसी बैठक का विपक्षी सदस्यों ने किया बहिष्कार
- संसद में अडानी और संभल पर हंगामा, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
- किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
- दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान
- आप हारें तो ईवीएम खराब, जीते तो सब ठीक रहता है: सुप्रीम कोर्ट
- 'जम्मू-कश्मीर में पहली बार मनाया गया संविधान दिवस': पीएम मोदी
- बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए देशभर में चलाएंगे अभियान: खड़गे
- 'संविधान, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की आधारशिला': राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
- संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
- संभल में मस्जिद के सर्वे से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मेंं सुनवाई आज
- दिल्ली में हो सकता है महाराष्ट्र में बीजेपी के अगले मुख्यमंत्री पर फैसला
- सोरेन ने ली सीएम पद की शपथ, समारोह में विपक्ष के नेता रहे मौजूद
- शिंदे या फडणवीस, कौन बनेगा मुख्यमंत्री? अजित पवार हैं किंग मेकर
- संभल हिंसा: बख्शे नहीं जाएंगे उपद्रवी, पत्थरबाजों के लगेंगे पोस्टर
- कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
- हाईकोर्ट ने राहुल की नागरिकता पर गृह मंत्रालय से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
- 'रोज सफाईकर्मियों के साथ चाय-नाश्ता करें आप विधायक': केजरीवाल
- संभल में सर्वे के दौरान बीजेपी नेता लगा रहे थे भड़काऊ नारे: अखिलेश
- एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, अब कौन होगा महाराष्ट्र का अगला सीएम
- अमेरिका में एक ऐसा राज्य जो दूसरे देशों के लोगों के लिए है धनकुबेर!
- महाराष्ट्र और झारखंड़ चुनाव नतीजे तय करेंगे पीएम मोदी का भविष्य
- इंडोनेशिया में नई वीजा पॉलिसी के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी
- खूंखार इजरायली खुफिया एजेंसी "मोसाद" ऐसे देती है टारगेट को अंजाम
- झारखंड चुनाव में इस बार आदिवासी महिलाएं तय करेंगी सत्ता का ताज
- महाराष्ट्र:ओबीसी वोटरों की ताकत से किला फतह करना चाहती है बीजेपी
- धर्म निरपेक्ष दलों के समर्थन पर निर्भर होगी अब तीसरी मोदी सरकार
- अयोध्या, काशी और मथुरा वाले यूपी में मोदी को मिल रही है शिकस्त
- जाट लैंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को नुकसान का संकेत
- लोकसभा सीटों का बंटवारा एनडीए के लिए भी कम सिरदर्द नहीं होगा