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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: अब देश में खतरनाक चीनी मांझे का इस्तेमाल नहीं होगा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पूरे देश में इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। एनजीटी ने कहा कि नाइलॉन या किसी भी सिंथेटिक मटेरियल से बना जो नष्ट न होने लायक हो उसके निर्माण, आयात, बिक्री और इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध होगा। इन खतरनाक मांझों की वजह से हर साल देश के अलग-अलग हिस्सों से भयावह हादसे की खबरें आती रहती हैं। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने 'पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल' (पेटा) के मामले में यह फैसला सुनाया है। एनजीटी ने कहा है कि सभी राज्य व संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव तत्काल प्रभाव से खतरनाक नाइलॉन व सिंथेटिक मांझे के निर्माण, बिक्री, भंडारण, खरीद और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं। पीठ ने कहा कि संबंधित राज्य सरकार, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी इस फैसले को लागू कराने के लिए जिम्मेदार होंगे। अगर कोई फैसले का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पीठ ने कहा कि चीनी मांझों की वजह से मनुष्यों के साथ-साथ पशु, पक्षियों के घायल होने की खबरें भी हमें आए दिन सुनने को मिलती हैं।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया ने लागत कम करने के उद्देश्य से घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी श्रेणी के यात्रियों के लिए मांसाहारी भोजन बंद करने का फैसला लिया है। एयरलाइन ने आज एक वक्तव्य जारी कर कहा कि "एयर इंडिया ने बरबादी रोकने, लागत कम करने तथा केटरिंग सेवा में सुधार के लिए घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी श्रेणी में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने का फैसला लिया है।" एयरलाइन के सूत्रों ने बताया कि यह फैसला पिछले महीने लागू किया गया। इससे पहले तक एयर इंडिया में सभी यात्रियों को वेज या नॉन-वेज खाने के बीच विकल्प दिया जाता था लेकिन पिछले महीने इस विकल्प को समाप्त कर दिया गया है।

नई दिल्ली: भारत को अगले तीन दशक तक लगातार 9 से 10 फीसदी की दर से विकास करना है। तो यहां 'तकनीकी छलांग' लगाने की जरूरत है, जो तभी संभव हो सकती है, जब स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का गठन किया जाए। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने शनिवार को यह बातें कही। उन्होंने कहा कि ऐसी पारिस्थितिकी तंत्र का गठन तभी हो सकता है, जब माता-पिता और संस्थान 'विफल होने की संस्कृति' को स्वीकार करें। फेसबुक पर लाइव इंटरैक्शन के दौरान नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि दोहरे अंकों में वृद्धि दर तभी हासिल हो सकती है, जब भारत अपनी युवा पीढ़ी को नौकरी ढूंढने वाले से नौकरी देने वाले में तब्दील कर दे। कांत ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, "बड़ी कंपनियां रोजगार पैदा नहीं करती है, युवा कंपनियां ही रोजगार पैदा करती हैं। इसलिए हमें भारी मात्रा में प्रौद्योगिकी और नवाचार की आवश्यकता होगी।'

नई दिल्ली: केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को मिलने वाले सस्ते राशन की कीमत में इस साल भी बढ़ोतरी नहीं करेगी। यह लगातार पांचवां ऐसा साल होगा जब सरकार ने ऐसा फैसला लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाले सस्ते राशन की कीमतें जून 2018 तक स्थिर रहेंगी। पासवान ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत मंत्रालय को हर तीन साल के अंतराल पर सस्ते राशन की कीमत की समीक्षा कर इसमें संशोधन करना होता है। इसके तहत पिछले साल की गई पहली समीक्षा में कीमतें जून 2017 तक स्थिर रखने के फैसले को मंत्रालय ने एक और साल के लिए बढ़ा दिया है। नतीजतन सस्ते राशन के तहत पात्र परिवारों को मिलने वाला मोटा अनाज एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से, गेंहू दो रुपये प्रति किलोग्राम और चावल तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पहले की तरह मिलता रहेगा। पासवान ने इस फैसले को गरीबों के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता बताया।

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