नई दिल्ली: जीएसटी लागू होने के तीन दिन के भीतर दिल्ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित 22 राज्यों ने जांच चौकियां (चेकपोस्ट) हटा दी हैं। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस पहल से राज्यों की सीमा पर ट्रकों की कतार और प्रदूषण से निजात तो मिलेगी ही, साथ ही अर्थव्यवस्था को भी सालाना 2300 करोड़ रुपये की बचत होगी। वित्तमंत्रालय ने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे अहम राज्यों ने जीएसटी लागू होने के तीन दिन के भीतर जांच चौकियां समाप्त कर दी हैं। इससे राज्यों की सीमाओं पर ट्रकों की लंबी कतारें देखने को नहीं मिलेंगी। मंत्रालय ने कहा कि असम, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और कुछ पूर्वोत्तर के राज्यों सहित आठ अन्य राज्य भी चेकपोस्ट हटाने की प्रक्रिया में हैं। राज्य सीमा चौकियां सामान तथा गंतव्य के हिसाब से कर अनुपालन की जांच करती हैं। इससे वस्तुओं की आपूर्ति में तो विलंब होता ही है, साथ ही ट्रकों की कतारें लगने से पयार्वरण प्रदूषण भी बढ़ता है। विश्व बैंक के मुताबिक चेकपोस्ट पर ट्रकों के खड़े होने भर से अर्थव्यवस्था को 2300 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
लेकिन देश में जीएसटी के लागू होने से एकल बाजार बनाने और वस्तुओं और सेवाओं की बिना रुकावट आवाजाही का रास्ता साफ हो गया है। वित्त मंत्रालय ने तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट पर 1 जुलाई से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क हटा दिया है। जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद यह कदम उठाया गया है। राजस्व विभाग ने 27 फरवरी 2010 की केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिसूचना निरस्त कर दिया। यह अधिसूचना तंबाकू पर उत्पाद शुल्क से संबद्ध था। गौरतलब है कि जीएसटी संविधान (संशोधन) कानून केंद्र को तंबाकू, तंबाकू उत्पाद, कच्चा तेल, डीजल,पेट्रोल, प्राकृतिक गैस एवं एटीएफ (विमान ईंधन)पर उत्पाद शुल्क लागने की अनुमति देता है। टि्वटर पर जीएसटी को लेकर 30 जून से 2 जुलाई के बीव 10 लाख से अधिक टि्वट किए गए। टि्वटर इंडिया की प्रमुख (सार्वजनिक नीति एवं सरकार) महिमा कौल ने एक बयान में कहा कि लोगों ने जीएसटी के बारे में अपने विचार प्रकट करने और बातचीत के लिए टि्वटर का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी की शुरुआत के दौरान इतनी संख्या में ट्वीट अभिव्यक्ति के लिए इस सोशल साइट के बेहतर जगह होने को प्रतिबिंबित करता है।