नई दिल्ली: केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को मिलने वाले सस्ते राशन की कीमत में इस साल भी बढ़ोतरी नहीं करेगी। यह लगातार पांचवां ऐसा साल होगा जब सरकार ने ऐसा फैसला लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाले सस्ते राशन की कीमतें जून 2018 तक स्थिर रहेंगी। पासवान ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत मंत्रालय को हर तीन साल के अंतराल पर सस्ते राशन की कीमत की समीक्षा कर इसमें संशोधन करना होता है। इसके तहत पिछले साल की गई पहली समीक्षा में कीमतें जून 2017 तक स्थिर रखने के फैसले को मंत्रालय ने एक और साल के लिए बढ़ा दिया है। नतीजतन सस्ते राशन के तहत पात्र परिवारों को मिलने वाला मोटा अनाज एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से, गेंहू दो रुपये प्रति किलोग्राम और चावल तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पहले की तरह मिलता रहेगा। पासवान ने इस फैसले को गरीबों के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता बताया।
उन्होंने कहा कि इससे खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चिन्हित किए गए 80.55 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा।