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इस्लामाबाद: रूस की थलसेना की एक टुकड़ी शुक्रवार को पाकिस्तान पहुंची जो शनिवार से शुरू हो रहे पहले संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास में भाग लेगी यह अभ्यास शीतयुद्ध काल के दो पूर्व विरोधियों के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों को प्रदर्शित करता है सेना प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा ने कहा, 'रूसी जमीनी बलों की एक टुकड़ी पहले पाक-रूस संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए पहुंची है' रूसी सैनिक 24 सितंबर से 10 अक्टूबर तक दो हफ्तों के लिए इस देश में रहेंगे दोनों देशों के करीब 200 सैनिक दो हफ्तों के 'फ्रेंडशिप 2016' नाम के सैन्य युद्धाभ्यास में भाग लेंगे यह युद्धाभ्यास ऐसे समय होगा, जब मास्को और इस्लामाबाद के बीच रक्षा संबंध मजबूत हुए हैं और इस्लामाबाद अत्याधुनिक रूसी युद्धक विमान खरीदने पर विचार कर रहा है पाकिस्तान ने मई 2011 में ऐबटाबाद में सीआईए के गुप्त छापे में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अमेरिका से रिश्तों में खटास आने के बाद अपनी विदेश नीति के विकल्पों को बढ़ाने का फैसला किया था

न्यूयार्क: सीरिया में शांति योजना को बचाने में अमेरिका और रूस के नाकाम रहने के बाद सीरियाई शासन ने विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी अलेप्पो में ताजा हमला किया। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी और रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोज ने इस संकट के समाधान के लिए न्यूयार्क में आयोजित वार्ता में दो दर्जन अंतरराष्ट्रीय दूतों को एकत्र किया। अमेरिका ने रूस से कहा कि वह सीरियाई सत्ता की वायुसेना को हमला करने से तत्काल रोकने का वादा करे लेकिन रूस से ऐसा करने से इनकार कर दिया जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय सीरिया समर्थन समूह की बैठक समाप्त हो गई। केरी ने कहा कि वह इस सप्ताह असफल हुए संघषर्विराम को फिर से लागू करने के तरीकों को खोजने के लिए रूसी अधिकारियों से फिर से मिलने के लिए तैयार हैं लेकिन राजनयिक इसे लेकर निराशावादी थे। केरी ने कल संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसे हासिल करने का एकमात्र मार्ग यह है कि संघर्ष के उस क्षेत्र में जिनके पास वायु शक्ति है, वे इसका इस्तेमाल करना बंद कर दें।’

इस्लामाबाद: उरी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया है। जुबानी जंग जारी है. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने दावा किया है कि गुरुवार रात करीब 10.20 बजे उन्होंने इस्लामाबाद के ऊपर एफ़-16 विमान उड़ते देखे। ये विमान रोशनी के गोले फेंक रहे थे और इनसे तेज आवाजें आ रही थीं। हामिद मीर ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी। गौरतलब है कि हाल ही में भारत के उरी सेक्टर में हमले हुए थे। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी पाक पीएम नवाज़ शरीफ को दुनियाभर में आलोचना का सामना करना पड़ा, जो आतंकी बुरहान वानी को लीडर बता रहे हैं। वहीं भारतीय सेना ने उरी हमले के बाद कहा था कि इस हमले का सही समय पर जवाब दिया जाएगा। हामिद मीर के मुताबिक, जब हमने पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों से संपर्क किया तो पता चला कि रात के समय युद्ध अभ्यास किया जा रहा है। अधिकारियों की ओर से बेफ़िक्र रहने की बात कही गई. इसे पाकिस्तानी एयरफोर्स की रूटीन एक्सरसाइज कहा गया। लाहौर-इस्लाबाद के बीच जो मोटर-वे है, उसमें दो जगह ऐसी बनाई गई हैं, जहां पर फाइटर जेट लैंड कर सकें, गुरुवार रात इसी मोटर-वे पर लैंडिंग का अभ्यास हुआ। डॉन न्यूज के पत्रकार कल्बे अली ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि अमूमन हर साल प्रैक्टिस होती है, लेकिन भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल के बीच इसे ज्यादा गंभीरता से लिया गया। वैसे यह भी एक तथ्य है कि पाकिस्तान सेना का एयरबेस रावलपिंडी में है, जो इस्लामबाद से सटा हुआ शहर है। कुछ किलोमीटर के दायरे में ही पाकिस्तानी सेना के कई संवेदनशील ठिकाने हैं। ऐसे में जब कोई लड़ाकू विमान उड़ता है तो उसकी गूंज शहर में बसने वालों को भी सुनाई पड़ती है।

वाशिंगटन: आतंकी संगठन आईएस ने इराक में अमेरिकी और ईराकी सैनिकों पर रासायनिक हमले शुरू कर दिए हैं। यह जानकारी गुरुवार को पेंटागन ने दी। हालांकि, इस हमले से किसी सैनिकों के हताहत होने की खबर नहीं है। अमेरिकी सेना के नेवी कैप्टन जैफ डेविस ने बताया कि यह हमला मंगलवार को क्याराह एयरबेस पर किया गया है, जहां अमेरिकी और इराकी सैनिकों का शिविर है। इस क्षेत्र को सैनिकों ने जुलाई माह में आईएस के कब्जे से मुक्त कराया था। उन्होंने बताया कि ये रासायनिक हथियार (मस्टर्ड गैस) रॉकेट और मोर्टार के जरिये छोड़े गए थे। इन रासायनिक हमलों में प्रयोग होने वाली मस्टर्ड गैस अत्यंत ज्वलनशील होती है जो शरीर में फफोले, अंधापन और स्थायी विकृति जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इराक में तैनात अमेरीकी सैनिक रासायनिक हथियारों से बचाव के लिए अक्सर गैस मास्क को पहन कर तैनात रहते हैं। डेविस ने बताया, इस हमले से हमारे मिशन को कोई नुकसान नहीं हुआ है और ना ही हम सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे अपने अभियान से पीछे हटने वाले हैं। अमेरिका द्वारा इराक पर 2014 से आईएस के आतंकियों पर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब आतंकी संगठन ने अमेरिकी सैनिकों पर रासायनिक हमला किया हो। सीरिया में अलेप्पो शहर के बुधवार रात लड़ाकू विमानों से भारी बमबारी की गई, जिनमें कई लोगों के मारने की आशंका है। यह जानकारी सीरियन आब्जर्वेटरी फार ह्यूमन राइट्स ने दी। हालांकि, यह हमला किसने किया इसका खुलासा अब तक नहीं हो सका है। उधर, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने रूस से अलेप्पो में हवाई हमला तुरंत बंद करने की मांग की है।

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