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न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दा हल किए बिना भारत और पाकिस्तान के बीच शांति कायम नहीं हो सकती। शरीफ ने भारत पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया। पाक पीएम ने कहा कि कश्मीर की नई पीढ़ी ने आजादी की मांग उठाई है और श्रीनगर से सोपोर तक कर्फ्यू की परवाह किए बिना महिलाएं और बच्चे सड़कों पर निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा मारा गया कश्मीर का युवा नेता बुरहान वानी युवाओं की नई आवाज बनकर उभरा है। सुरक्षाबलों की कार्रवाई में तमाम लोगों के मारे जाने के अलावा पैलेट गन से सैकड़ों ने आंखों की रोशनी गंवाई हैं। लिहाजा पाकिस्तान ने कश्मीर में भारत द्वारा मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र को एक दस्तावेज सौंपने का फैसला किया है। शरीफ ने कहा कि वार्ता सिर्फ पाकिस्तान के फायदे के लिए ही नहीं है, यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। लेकिन भारत ने वार्ता के लिए पूर्व शर्त रख दी है। जबकि पाकिस्तान हमेशा एक कदम आगे जाकर सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहा है। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान को खुद आतंकवाद से पीड़ित है और दूसरे देशों द्वारा प्रायोजित और समर्थित आतंकवाद का शिकार है। शरीफ ने आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का उल्लेख किया। संयुक्त राष्ट्र की अगुआई में जनमत संग्रह कराने की मांग करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र को अपना वादा पूरा करना चाहिए।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के असैन्यीकरण की आवाज भी उठाई। शरीफ ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय दक्षिण एशिया में पैदा हो रहे खतरे को नजरअंदाज कर रहा है। पाक भारत के साथ हथियारों की होड़ में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन अपने सुरक्षा हितों की अनदेखी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार परमाणु संपन्न राष्ट्र होने के नाते पाक परमाणु अप्रसार को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।

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