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बीजिंग: मध्य चीन के हुबेई प्रांत में भारी सूखे के कारण पिछले तीन सप्ताह से ज्यादा समय से 2.37 लाख से अधिक लोग पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। प्रांत के बाढ़ नियंत्रण एवं सूखा राहत विभाग मुख्यालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस माह की शुरुआत से अब तक इस प्रांत में औसतन 10.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह मात्रा सामान्य बारिश का महज 10 प्रतिशत है। इसमें कहा गया कि प्रांत का उत्तर-पश्चिमी हिस्सा सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों- शियान और यिचांग में 2.37 लाख लोग और 1.7 लाख मवेशी पेयजल की कमी का सामना कर रहे हैं। इस बीच, 1.23 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन सूखे के कारण प्रभावित हुई है। इसके कारण इस साल की फसल के लिए भारी चुनौतियां पैदा हो गई हैं। प्रांतीय सरकार ने सूखाग्रस्त गांवों और कस्बों में राहत के लिए पानी से भरे वाहन भेजे हैं।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने कहा है कि भारत में राजनीतिक शरण मांगने वाले बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती के प्रत्यर्पण के लिए वह इंटरपोल की मदद लेगा। एक मीडिया रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। पाकिस्तान सरकार ने बुगती के प्रत्यर्पण के लिए इंटरपोल को पत्र लिखने का फैसला किया है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने गृह मंत्री निसार अली खान के हवाले से कहा है, ‘ब्रह्मदाग बुगती के प्रत्यर्पण के लिए संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) अगले कुछ दिन में इंटरपोल को एक औपचारिक अनुरोध भेजेगी।’ पाकिस्तान ने कल भारत को चेतावनी दी थी कि बुगती को शरण देकर वह ‘आतंकवाद का आधिकारिक प्रायोजक’ बन जाएगा। स्विट्जरलैंड में रह रहे बुगती ने मंगलवार को जिनेवा स्थित भारतीय दूतावास का रूख कर भारत में शरण दिए जाने की मांग की थी और भरोसा जताया था कि नई दिल्ली से सकारात्मक जवाब आएगा। भारतीय गृह मंत्रालय को राजनीतिक शरण की मांग संबंधी बुगती का आवेदन प्राप्त हो चुका है और वह इस पर विचार कर रहा है। बुगती बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष और संस्थापक हैं। वह बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर खान बुगती के पोते हैं। पाकिस्तानी थलसेना ने 2006 में नवाब अकबर खान बुगती की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान सरकार ने 2010 में बुगती के पाकिस्तान से अफगानिस्तान के रास्ते जिनेवा भागने में भारत पर उनकी मदद करने का आरोप लगाया था।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज भारत को चेतावनी दी कि बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती को शरण देकर वह आतंकवाद का आधिकारिक प्रायोजक बन जाएगा। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्वीट किया, ‘भारत द्वारा बुगती को शरण देना किसी देश द्वारा आतंकवादी को आसरा देने के समान होगा। इस तरह वह (भारत) आतंकवाद का आधिकारिक प्रायोजक बन रहा है।’ आसिफ के बयान से पहले यह बात सामने आई थी कि भारत में राजनीतिक शरण मांगने की बुगती की अर्जी कल गृह मंत्रालय को मिली, जो इसका अध्ययन कर रहा है। स्विट्जरलैंड में रह रहे बुगती ने मंगलवार को जिनेवा में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था और भारत में शरण मांगी थी। उन्होंने नयी दिल्ली से सकारात्मक जवाब का विश्वास जताया था। बुगती बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष और संस्थापक हैं। रविवार को जिनेवा में पार्टी की एक बैठक में शरण मांगने का निर्णय लिया गया। वह बलूच के राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर बुगती के पौत्र हैं जिनकी 2006 में पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी थी। पाकिस्तान सरकार ने बुगती के 2010 में अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान से जिनेवा चले जाने में मदद के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था।

वाशिंगटन: अमेरिका में पुलिस द्वारा अश्वेत लोगों को गोली मारने की विभिन्न घटनाओं के बाद देश में उत्पन्न अशांत स्थिति की पृष्ठभूमि में रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने आज आरोप लगाया कि इसके लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता हिलेरी क्लिंटन प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं। पेनसिलवेनिया में ट्रम्प ने कहा, ‘जो लोग समाज में नस्लवादी बलों के रूप में पुलिसकर्मियों को बढ़ावा दे रहे हैं जिसका मेरी प्रतिद्वंद्वी समर्थन कर रही हैं वे लोग हमारे देश को प्रभावित कर रही अशांति के लिए प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं और गरीबों को तकलीफ पहुंचा रहे हैं।’ चुनाव के मद्देनजर इस महत्वपूर्ण राज्य में एक प्रभावशाली रैली को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा कि एक नेता का काम दूसरों की जगह लेना, और चीजों को उनकी विचारधारा से देखना है। उन्होंने कहा, ‘जो लोग हिलेरी क्लिंटन का समर्थन नहीं करते, उन्हें वह निंदनीय और कभी नहीं सुधरने वाला बताती हैं। लेकिन मेरा समर्थन नहीं करने वाले किसी भी व्यक्ति को मैं एक ऐसा अमेरिकी नागरिक बताता हूं जिसे कानून के तहत समानता का अधिकार प्राप्त है।’ 70 वर्षीय ट्रम्प ने कहा कि अन्य शहरों को नागरिकों के लिए सुरक्षित बनाने के लिहाज से हम सभी को पुलिस के साथ मिलकर काम करना चाहिए, पुलिस के खिलाफ नहीं। उन्होंने कहा, सड़कों पर दंगे शांतिपूर्ण जीवन की इच्छा रखने वाले सभी नागरिकों के लिए खराब है। ट्रम्प ने कहा, ‘इसे खत्म करना होगा। इन हिंसक प्रदर्शनों के प्रमुख पीड़ित कानून को मानने वाले अफ्रीकी-अमेरिकी हैं, जो इन समुदायों में रहते हैं और अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करना चाहते हैं।’

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