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वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उस विधेयक को लेकर वीटो का इस्तेमाल किया है जिसमें 9/11 हमलों के पीड़ितों के परिजनों को सउदी अरब के खिलाफ मुकदमे की अनुमति दिए जाने की बात की गई है। राष्ट्रपति ने इस आशंका के कारण वीटो इस्तेमाल किया कि इस कदम का अमेरिका के राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ओबामा ने कल कहा कि ‘आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय’ (जेएएसटीए) अधिनियम को रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाली कांग्रेस के दोनों चैम्बरों ने पारित कर दिया था। इस विधेयक के पारित होने से संप्रभुता संबंधी पुराना अंतरराष्ट्रीय सिद्धांत खतरे में पड़ जाता और इससे अमेरिकी हितों एवं विदेश में रह रहे देश के नागरिकों पर बुरा प्रभाव पड़ता। उन्होंने कहा कि यह विधेयक अमेरिकी ‘फॉरेन सोवरन इम्युनिटीज एक्ट’ के प्रावधानों एवं पुराने मानकों के अनुरूप नहीं है और इससे देश में सभी विदेशी सरकारों को मिली न्यायिक प्रक्रिया से छूट निजी वादियों के केवल इन आरोपों के आधार पर छिन जाती कि किसी विदेशी सरकार के देश से बाहर किए गए कार्यों का उस समूह या व्यक्ति से कोई संबंध या भूमिका है जिसने अमेरिका के भीतर आतंकवादी हमला किया। ओबामा ने कहा, ‘इस विधेयक के पारित होने से अधूरी सूचना के आधार पर निर्णय लिए जाएंगे और इससे विदेशी सरकारों की दोषसिद्धि एवं अमेरिका के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में उनकी भूमिका को लेकर विभिन्न अदालतों के विभिन्न निष्कर्षों पर पहुंचने का जोखिम पैदा होगा।’ उन्होंने कहा, ‘किसी आतंकवादी हमले के पीछे किसी विदेशी सरकार का हाथ हो सकने के संकेतों पर प्रतिक्रिया देना हमारे लिए न तो प्रभावशाली और न ही समन्वित तरीका है।’
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वॉशिंगटन: वॉशिंगटन के एक मॉल में आज हुई गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि दो घायल हो गए। पुलिस इस मामले में कम से कम एक व्यक्ति की तलाश कर रही है जिसे ‘हिस्पैनिक पुरुष’ बताया जा रहा है। हिस्पैनिक उन लोगों को कहा जाता है जो स्पेनिश (स्पेन में बोली जाने वाली भाषा) बोलते हैं। सार्जेंन्ट मार्क फ्रांसिस ने सिएटल से करीब 100 किमी उत्तर में बर्लिंगटन के कास्केड मॉल में हुई गोलीबारी के बारे में बताया कि पुलिस कम से कम एक हमलावर की तलाश कर रही है और मॉल के स्टोरों की तलाश कर रही है। वॉशिंगटन स्टेट पेट्रोल के प्रवक्ता फ्रांसिस ने ट्वीट किया, ‘मॉल में गोलीबारी में चार लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। पुलिस के पहुंचने से पहले हमलावर भाग गए या गया। हमलावरों या हमलावर के बारे में पता नहीं है। संभवत: एक ही हमलावर था. पुलिस अब मॉल को खाली करा रही है।’ उन्होंने बताया कि संदिग्ध हमलावर को पुलिस के पहुंचने से पहले मॉल से निकलकर इंटरस्टेट पांच राजमार्ग की ओर जाते देखा गया था। उन्होंने कहा, ‘हम हमलावर की तलाश कर रहे हैं और सभी सुरागों को जांच रहे हैं।’ स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार हमलावर (स्थानीय समयानुसार शुक्रवार) शाम करीब सात बजे यहां के एक स्टोर मैकेज के जरिये मॉल में घुसा था। स्थानीय पुलिस ने हमलावर की उम्र 20 से 25 साल के बीच बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार वह दुबला पतला था, उसके काले बेतरतीब बाल थे और उसने काले रंग की शर्ट पहन रखी थी। फ्रांसिस ने बताया कि हमलावर एक ‘हिस्पैनिक पुरुष’ था। अधिकारी ने बताया, "बर्लिगटन में कासकेड मॉल क्षेत्र से बचें।" अधिकारी का कहना है कि इस हादसे में जीवित बचे लोगों को बस से पास से गिरजाघर ले जाया गया।
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जिनिवा: बलोचिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए यूरोपीय संघ ने शुक्रवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी। यूरोपीय संघ के वाइस-प्रेजिडेंट आर. जारनेकी ने कहा कि पाकिस्तान यदि बलोच लोगों पर ज्यादती पर रोक नहीं लगाता और उनके मानवाधिकारों का हनन जारी रखता है तो ईयू इस्लामाबाद पर आर्थिक एवं राजनीतिक प्रतिबंध लगा सकता है। जारनेकी ने एएनआई से कहा, 'मानवाधिकारों पर चर्चा के दौरान मैंने यूरोपीय संघ से कहा कि यदि कोई सहयोगी देश मानवाधिकारों एवं मानकों को स्वीकार नहीं करता तो ऐसी स्थिति में हमें प्रतिक्रिया देनी चाहिए और आर्थिक क्षेत्र से जुड़े और इस तरह के प्रतिबंध लगाने की मांग करनी चाहिए।' गौरतलब है कि यहां लोगों ने मौन धारण कर पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों ने बलोचिस्तान में अपना जीवन गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। लोगों से मिलने के बाद जारनेकी ने कहा, 'पाकिस्तान के साथ हमारे आर्थिक एवं राजनीतिक संबंध हैं। पाकिस्तान यदि बलोचिस्तान के प्रति अपनी नीति नहीं बदलता तो हम इस्लामाबाद और पाकिस्तान की सरकार के प्रति अपना नजरिया बदलेंगे।' वाइस-प्रेजिडेंट ने कहा कि इस्लामाबाद का रवैया दोहरा है, एक तरफ तो वह दुनिया के सामने अपना साफ चेहरा दिखाता है जबकि दूसरी ओर वह मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के सभी 28 सदस्यों को बलोच लोगों पर पाकिस्तान की क्रूरता के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। जारनेकी ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार पर नियंत्रण वहां की सेना का है। उन्होंने कहा कि बलोचिस्तान के लोगों को यह समझना चाहिए कि ईयू उनके साथ है।
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नई दिल्ली: इजरायल ने भारत को सीमा पर लगी बाड़ को मजबूत बनाने में अपनी विशेषज्ञता से मदद करने की शुक्रवार को पेशकश की और जोर दिया कि दोनों देश सीमा पार से आतंकवाद सहित विभिन्न मोर्चे पर समान चुनौतियों का सामना करते हैं। भारत में इजरायली राजदूत डेनियल कार्मोन द्वारा की गयी यह टिप्पणी रविवार को उरी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर काफी महत्व रखती है। उस हमले में शामिल आतंकवादी संभवत: पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा पार कर आए थे। उन्होंने कहा कि उनका देश घटनाक्रम पर नजर रख रहा है और जोर दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का स्थायी पहलू होगा। कार्मोन ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की पिछली इजरायल यात्रा के दौरान उन्हें सीमाओं पर देश की तैयारियों को दिखाया गया था। उन्होंने कहा, ‘हमारा संदेश है, हां, इजरायल के पास विशेषज्ञता है, क्योंकि यह खतरे के साए में रहा है। हम भी समान चुनौतियों का सामना करते हैं। हमारे पास समाधान है। हम समाधान के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।’ उन्होंने तेल अवीव में होने वाले आगामी एचएलएस और साइबर सम्मेलन के बारे में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, ‘हमने अन्य क्षेत्रों में दिखाया है कि हम सहयोग कर सकते हैं और यह यहां भी हो सकता है तथा होना चाहिए।’ उरी हमले के बारे में पूछे जाने पर कार्मोन ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा, रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ इजरायल का सहयोग पहले भी था, अब भी है और आगे भी बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद का मुकाबला करने की आवश्यकता है। ऐसा करने के लिए रणनीतिक तरीका है।
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