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न्यूयॉर्क: पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने कहा है कि वाशिंगटन में सत्ता परिवर्तन का भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं होगा। मेनन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘भारत-अमेरिका संबंध अब तक भारत में और अमेरिका में भी द्विदलीय रहे हैं। बीते 15 वर्षों में दोनों तरफ के हर राजनीतिक गठजोड़ द्वारा बदलाव की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है।’ उनसे सवाल किया गया था कि वह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन अथवा डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाली सरकार के बीच संबंधों को कैसे देखते हैं। वह न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के साउथ एशिया सेंटर में आयोजित एक परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘इसका संबंध पर कोई असर नहीं होगा। मेरा विश्वास है कि दोनों देशों के संबंध उस दायरे से कहीं आगे जाता है जहां व्यक्तित्व थोड़ा-बहुत बदलाव कर सकते हैं। मैं आशा करता हूं कि सही हूं।’ मेनन ने सेवानिवृत्ति के बाद अपनी पहली पुस्तक ‘च्वाइसेज: इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ लिखी है। परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ‘स्वाभाविक साझेदार’ हैं क्योंकि वे एक दूसरे की जरूरतों के संदर्भ में पूरक हैं।
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संयुक्त राष्ट्र: जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए पेरिस समझौता शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय कानून बन गया। वैज्ञानिकों की उम्मीद से कहीं अधिक तेजी से पृथ्वी के गर्म होने की बढ़ती आशंकाओं के बीच यह ऐतिहासिक समझौता यह जाहिर करता है कि विश्व के देश ‘ग्लोबल वार्मिंग’ से निपटने को लेकर गंभीर हैं। अब तक 95 देश इस समझौते में औपचारिक तौर पर शामिल हुए हैं। ये देश वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की दो तिहाई से अधिक हिस्से के लिए जवाबदेह हैं। यह समझौता ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस सीमित करने की मांग करता है। आने वाले हफ्तों और महीनों में कई और देशों के इस समझौते में शामिल होने की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव बान की मून की योजना सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ वार्ता कर लोगों और पृथ्वी के लिए इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने की है। यह बातचीत इस बारे में हो कि वे लोग पेरिस समझौते के लक्ष्यों में कैसे योगदान देंगे। दुजारिक ने कहा, ‘बरसों से, उन्होंने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को सचमुच में महसूस करने वाले हमलोग पहली पीढ़ी के हैं और आखिरी भी, जो इसके बुरे परिणाम को सार्थक तरीके से रोक सकते हैं। वैज्ञानिक ने उस गति की सराहना की है जिससे यह लागू हुआ है। इसके तहत समझौता पर 192 पक्षों ने पेरिस में पिछले दिसंबर में हस्ताक्षर किये ।
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जैक्सनविले: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन के समर्थन में चुनावी रैलियां आयोजित करने को लेकर देश के राष्ट्रपति बराक ओबामा की आलोचना की और उन्हें ‘कैंपेनर इन चीफ’ कहा। ट्रंप ने उत्तर कैरोलिना के सालेमा में एक चुनावी रैली में कहा कि ‘कैंपेनर इन चीफ’ ओबामा प्रचार करने के अलावा कुछ नहीं करते। पुलिस के अनुसार, इस रैली में करीब 18,000 लोगों ने भाग लिया जिसे अमेरिकी मानकों के हिसाब से बड़ी संख्या माना जाता है। ट्रंप ने कहा, ‘आप जानते हैं कि ‘उन्हें हमारी नौकरियां चुराने वाले मेक्सिको से नौकरियां वापस लाने के लिए काम करने दीजिए। उन्हें हमारी कमजोर हो चुकी सेना के पुनर्निर्माण पर काम करने दीजिए। इसके बजाए वह उस उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं जो एफबीआई की जांच के दायरे में है।’ ओबामा ने कल फ्लोरिडा में दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने इस सप्ताह से प्रचार शुरू किया है। इन कार्यक्रमों में हजारों लोग शामिल हुए। ट्रंप ने कहा, ‘हमें ऐसा राष्ट्रपति चाहिए जो अपना काम करे। मैं हाल में मियामी से आया हूं और वहां से आते समय मैंने एयर फोर्स वन को देखा। तब मैंने खुद से पूछा कि इसमें कौन हो सकता है और उसमें हमारे राष्ट्रपति थे।
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रोम: संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने आज कहा कि लीबिया तट के पास प्रवासियों से भरे एक जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने से कम से कम 110 लोगों के डूबकर मरने की आशंका है तथा एक अन्य नौका में गड़बड़ी की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। यूएनएचसीआर के प्रवक्ता कारलोटा सामी ने बताया, ‘140 लोगों के साथ जा रहा जहाज लीबिया से रवाना होने के कुछ ही घंटे बाद बुधवार को डूब गया। केवल 29 लोगों को बचाया जा सका।’ लीबिया से करीब 20 समुद्री मील दूर नार्वे के सिएम पायलट ने सबसे पहले बचाव अभियान चलाया और लोगों को पानी से निकाला। पानी में काफी घंटे तक रहने के कारण उन सबकी हालत बहुत खराब थी। समुद्र से 12 शवों को भी निकाला गया। पानी से निकाले गए लोगों को इतालवी तटरक्षक ने लांपेडुसा द्वीप पर भेजा। दो महिलाओं सहित बचाए गए लोगों ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को बताया कि उनका मानना है कि केवल उन लोगों को ही बचाया जा सका है और बाकी 125 लोग डूब गए हैं। माल्टा स्थित एमओएएस (माइग्रेंट ऑफशोर ऐड स्टेशन) द्वारा संचालित टोपाज रेस्पांडर पर सवार एक फोटोग्राफर के मुताबिक भूमध्यसागर में आज कम से कम दो राहत अभियान चलाए गए।
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