न्यूयॉर्क: पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने कहा है कि वाशिंगटन में सत्ता परिवर्तन का भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं होगा। मेनन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘भारत-अमेरिका संबंध अब तक भारत में और अमेरिका में भी द्विदलीय रहे हैं। बीते 15 वर्षों में दोनों तरफ के हर राजनीतिक गठजोड़ द्वारा बदलाव की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है।’ उनसे सवाल किया गया था कि वह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन अथवा डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाली सरकार के बीच संबंधों को कैसे देखते हैं। वह न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के साउथ एशिया सेंटर में आयोजित एक परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘इसका संबंध पर कोई असर नहीं होगा। मेरा विश्वास है कि दोनों देशों के संबंध उस दायरे से कहीं आगे जाता है जहां व्यक्तित्व थोड़ा-बहुत बदलाव कर सकते हैं। मैं आशा करता हूं कि सही हूं।’ मेनन ने सेवानिवृत्ति के बाद अपनी पहली पुस्तक ‘च्वाइसेज: इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ लिखी है। परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ‘स्वाभाविक साझेदार’ हैं क्योंकि वे एक दूसरे की जरूरतों के संदर्भ में पूरक हैं।
मेनन ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-अमेरिका पहले से कहीं बेहतर हैं क्योंकि दोनों देश समुद्री सुरक्षा से लेकर आतंकवाद विरोधी लड़ाई तक कई मुद्दों पर आगे बढ़ रहे हैं।