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काहिरा: इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह ने यहां रविवार को एक कॉप्टिक ईसाई चर्च में हुए आत्मघाती बम हमले की जिम्मेदारी ली है और हमले को ‘बहुईश्वरवाद’ के खिलाफ जंग कहा। इस हमले में 25 लोगों की मौत हो गई। आतंकी समूह ने ऑनलाइन जारी किए गए एक बयान में कहा है कि आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक बेल्ट से खुद को उड़ा लिया था। जिहादी संगठन ने कहा, ‘मिस्र में और सभी जगहों पर सभी नास्तिकों और विश्वासघातियों को पता है कि बहुईश्वरवाद पर हमारी जंग जारी है और अल्ला ताला की इजाजत से खिलाफत का शासन उनका खून बहाता रहेगा ताकि देशद्रोह नहीं हो। धर्म पूरी तरह अल्ला के लिए है।’ मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने पीड़ितों के लिए आयोजित शोकसभा में सोमवार को हिस्सा लिया। राष्ट्रपति ने कहा कि इस हमले में महमूद शफ़ीक मोहम्मद मुस्तफा नामक 22 वर्षीय युवक का हाथ था। उन्होंने बताया कि इस हमले के संबंध में एक महिला सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मध्य काहिरा के अब्बासिया जिले में स्थित सेंट पीटर्स चर्च में रविवार को सुबह करीब दस बजे प्रार्थना सभा के दौरान हुए विस्फोट में 25 लोग मारे गए तथा करीब 50 लोग घायल हो गए थे। विस्फोट इतना भीषण था कि इसका असर चर्च से लगे सेंट मार्क्‍स कैथेड्रल तक हुआ।

ढाका: बांग्लादेश ने 1971 के मुक्ति संग्राम में शहीद हुए बुद्धिजीवियों को आज श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत हजारों लोगों ने राजधानी में इन शहीदों को श्रद्धांजलि दी। ढाका स्थित शहीद बुद्धिजीवी स्मारक पर आयोजित राजकीय समारोह में हामिद और हसीना ने शहीदों के सम्मान में खड़ा होकर मौन रखा। सेना ने तुरही से ‘लास्ट पोस्ट’ की धुन बजाई। पाकिस्तानी सैनिक और उनके बांग्ला भाषी राजाकर सहयोगियों और अन्य सहायक बलों ने नौ महीने तक चले युद्ध के दौरान स्वतंत्रता समर्थक बुद्धिजीवी समुदाय के कई सदस्यों का नरसंहार किया था। इसमें चिकित्सक, प्रोफेसर, लेखक और शिक्षक शामिल थे। बताया जाता है कि मुक्ति संग्राम में 10 लाख से अधिक लोग मारे गए थे। आक्रमणकारी पाकिस्तानी बलों पर अंतिम जीत से महज दो दिन पहले 14 दिसंबर 1971 को अल-बद्र और अल शम्स मिलिशियाओं ने सम्मानित शिक्षाविदों और पेशेवर लोगों की हत्या के लिए व्यवस्थित अभियान चलाया था। तत्कालीन बांग्लादेश सरकार और विजयी स्वतंत्रता सेनानियों को हालांकि बर्बर नरसंहार की जानकारी 16 दिसंबर 1971 के बाद मिली। राष्ट्र ने आज ऐसे दिन शहीद बुद्धिजीवियों को याद किया है, जब ज्यादातर शीर्ष अपराधियों को पिछले तीन वषरें में युद्ध के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों में फांसी दी जा चुकी है। राजधानी के मीरपुर इलाके में शहीद बुद्धिजीवियों की याद में बनाए गए स्मारक को तैयार किया गया था। राष्ट्रपति हामिद और प्रधानमंत्री हसीना ने वहां पुष्पचक्र चढ़ाकर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी। तत्कालीन अमेरिकी प्रेस कोर ने बंगाली बुद्धिजीवियों की जघन्य हत्या के बारे में रिपोर्ट किया था। यह नरसंहार युद्ध के अंतिम दिनों में हुआ था।

मनीला: फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने कहा है कि जब वह देश एक दक्षिणी शहर के मेयर थे, तब पुलिस के सामने मिसाल कायम करने के लिए उन्होंने खुद संदिग्ध अपराधियों की हत्या की थी। दुतेरते ने ये टिप्पणियां सोमवार रात को उद्योगपतियों के समक्ष दिए एक भाषण में कीं। यहां वह अवैध नशीले पदाथरें के उन्मूलन के अपने अभियान पर चर्चा कर रहे थे। दुतेरते के 30 जून को राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक इस अभियान के तहत पुलिस और अज्ञात हमलावरों ने हजारों लोगों की हत्या की है। मौजूदा आपराधिक युद्ध के दौरान पुलिस द्वारा संदिग्धों को मारे जाने के मुद्दे पर बोलने के बाद दुतेरते ने कहा कि जब वह दक्षिणी शहर दवाओ के मेयर थे, तब उन्होंने ऐसे ही प्रयासों का नेतृत्व किया था। इस बड़े शहर पर उन्होंने लगभग 20 साल तक शासन किया था। फिलीपीन के राष्ट्रपति भवन में भाषण देते हुए दुतेरते ने कहा कि दवाओं में मैं इसे खुद अंजाम दिया करता था। मैं ऐसा पुलिस को यह दिखाने के लिए करता था कि जब मैं इसे कर सकता हूं तो आप क्‍यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि मैं मोटरसाइकिल पर बैठकर दवाओ में जाता था और सड़कों पर गश्त करता था और विवादों को खोजता था। मैं वाकई विवादों की तलाश में रहता था ताकि मैं किसी की हत्या कर सकूं। दुतेरते ने अपनी अपराध-रोधी क्रूर तरकीबों के लिए मानवाधिकार समूहों और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा की जाने वाली उनकी आलोचना का भी जवाब दिया और अपनी कार्रवाई को जारी रखने का संकल्प लिया।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज कहा कि उसने महत्वपूर्ण वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर रूस के साथ पहली बार विचार विमर्श किया। इससे शीत युद्ध के दौर के दो प्रतिद्वंद्वी देशों के संबंधों में गर्मजोशी बढ़ने के संकेत मिलते हैं। विदेश कार्यालय ने कल हुई चर्चाओं से संबंधित एक बयान में कहा, ‘13 दिसंबर को विदेश मंत्रालय (इस्लामाबाद) में पाकिस्तान-रूस के बीच क्षेत्रीय मुद्दों पर पहला विचार विमर्श हुआ।’ इस दौरान कई क्षेत्रीय मुद्दों और साथ ही आर्थिक सहयोग एवं संपर्क सहित परस्पर हित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गयी। बयान के अनुसार, ‘दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण वैश्विक एवं क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया।’ बैठक में फैसला हुआ कि विचार विमर्श का अगला चरण 2017 में मॉस्को में होगा। रूसी पक्ष का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्रालय मे तीसरे सीआईएस विभाग के प्रमुख एलेक्जेंडर वी स्तर्निक ने जबकि पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के महानिदेशक (पश्चिम एशिया) अहमद हुसैन दायो ने किया। यह बैठक दोनों देशों के संबंधों में बढ़ती गर्मजोशी के बीच हुई। इससे पहले सिंतबर में रूस ने पाकिस्तान के साथ अपना पहला सैन्य अ5यास किया था और साथ ही उसे हथियारों की बिक्री भी शुरू कर दी।

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