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वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज देश के विदेश मंत्री के तौर पर एक्सॉनमोबिल के सीईओ रेक्स टिलरसन को चुना। हालांकि टिलरसन के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ करीबी संबंधों के कारण इस मनोनयन की गहन जांच की जा सकती है। ट्रंप ने एक बयान में कहा कि उनकी दृढता, विशाल अनुभव और भूराजनीति की गहरी समझ उन्हें (टिलरसन) विदेश मंत्री पद के लिए उत्कृष्ट पसंद बनाती है। ट्रंप की तरह टिलरसन (64) का औपचारिक रूप से विदेश नीति का कोई अनुभव नहीं है लेकिन विश्व की सबसे बडी उर्जा कंपनी की तरफ से यूरेशिया और पश्चिमी एशिया में बड़े समझौते करके उन्होंने विश्व के कई नेताओं के साथ करीबी संबंध स्थापित किये हैं। टिलरसन विदेश मंत्री पद के संभावितों में वास्तव में छुपे रूस्तम थे लेकिन वे इन लोगों में विजेता बनकर उभरे। संभावितों में न्यूयार्क के पूर्व मेयर रूडी जियुलियानी, 2012 के रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी और सीनेट विदेश संबंध समिति के प्रमुख सीनेटर बाब कार्कर शामिल थे। ट्रंप ने टिलरसन को विश्वस्तरीय खिलाड़ी बताया है और हस्तांतरण दल के इस बात पर जोर देने की संभावना है कि तेल उद्योग की रूपरेखा तय करने वाले भूराजनीतिक कारकों की जानकारी और जटिल बातचीत का उनका अनुभव अमेरिकी कूटनीति के नेतृत्व तथा विदेश मंत्रालय के प्रबंधन के लिए सीधे तौर पर महत्वपूर्ण है।

सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से कहा कि पूर्व विदेश मंत्रियों कोंडोलीजा राइस और जेम्स बेकर एवं पूर्व रक्षा सचिव बाब गेट्स ने ट्रंप को टिलरसन के नाम की सिफारिश की। सूत्रों ने कहा कि ट्रंप और टिलरसन समान कारोबारी पृष्ठभूमि और विश्व को लेकर समान नजरिया रखते हैं और ट्रंप का उनके साथ सहजता का एक स्तर है। टिलरसन के मनोनयन की सीनेट द्वारा गहन जांच की जा सकती है क्योंकि उन्होंने कई वर्षों तक बहुराष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनी की तरफ से रूस एवं पश्चिमी एशिया में काम किया है। टिलरसन को दुनियाभर में ‘बिग आयल’ के चर्चित चेहरों में से एक माना जाता है।

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