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बीजिंग: वर्ष 1962 के युद्ध के बाद सीमा पार कर जाने पर 50 साल से अधिक समय तक भारत में बसा रहा एक चीनी सैनिक आज अपने भारतीय परिवार के सदस्यों के साथ अपने संबंधियों से मिलने के लिए यहां पहुंचा। वांग क्वी (77) नामक इस चीनी सैनिक को लेने के लिए उसके करीबी चीनी संबंधियों के अलावा चीनी विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास के अधिकारी भी पहुंचे। वांग दिल्ली से बीजिंग आने वाले विमान में अपने बेटे, बहू और पोती के साथ आए हैं। पांच दशक से भी अधिक समय पहले सीमा पार कर जाने वाले वांग जब पहली बार अपने चीनी संबंधियों से वापस मिले तो उनसे गले लगकर भावुक हो उठे। हवाईअड्डे पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया, ‘यह एक भावनात्मक पुनर्मिलन था।’ वांग के साथ उनका बेटा विष्णु वांग (35), बहू नेहा और पोती खनक वांग थी। हालांकि उनकी भारतीय पत्नी सुशीला भारत में ही रूकीं। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि वांग और उनके परिवार के सदस्य बाद में शांक्सी प्रांत स्थित प्रांतीय राजधानी शियान गए। वहां से उन्हें उनके मूल गांव शू झाई नान कुन ले जाया जाएगा। वांग का चीन लौटना इसलिए संभव हो सका क्योंकि भारत और चीन ने वांग और उनके भारतीय परिवार की चीन यात्रा और फिर अपनी मर्जी से वापसी के तरीकों पर काम किया। भारत और चीन के बीच 1962 के युद्ध के कुछ ही समय बाद वांग को उस समय पकड़ा गया था, जब वह भारतीय क्षेत्र में दाखिल हो गए थे। वर्ष 1969 में जेल से छूटने के बाद वह मध्यप्रदेश के बालघाट जिला स्थित तिरोदी गांव में बस गए।
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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अगले सप्ताह तक आव्रजन से जुड़े एक ‘नए’ शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने के बारे में विचार कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह यकीन भी जताया कि सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाए गए आव्रजन प्रतिबंध को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई वह जीत लेंगे। एंड्रयूज वायु सैन्य अड्डे से फ्लोरिडा जाते समय एयर फोर्स वन में सवार संवाददाताओं से ट्रंप ने कहा, ‘हम उस लड़ाई को जीत लेंगे। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि संवैधानिक तौर पर इसमें समय लगता है लेकिन हम उस लड़ाई को जीत लेंगे। हमारे पास दूसरे भी बहुत से विकल्प हैं, जिनमें एक बिल्कुल नया आदेश लाना भी शामिल है।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका इरादा एक नया शासकीय आदेश जारी करने का है तो ट्रंप ने कहा, ‘हां, ऐसा हो सकता है। सुरक्षा के कारण हमें तेजी दिखाने की जरूरत है। इसलिए ऐसा संभव है।’ ट्रंप ने कहा कि वह ‘‘नाइन्थ यूएस सर्किट कोर्ट के फैसले के सम्मान में’ अगले सप्ताह तक प्रतिक्रिया देने का इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘शायद सोमवार या मंगलवार’। ट्रंप ने कहा कि आव्रजन से जुड़े नए शासकीय आदेश में सुरक्षा उपाय शामिल होंगे। ट्रंप ने कहा, ‘नए सुरक्षा उपाय। हमारे यहां बेहद कड़ी जांच होती है। मैं इसे सघन जांच कहता हूं और हम सुरक्षा के लिहाज से बेहद मजबूत होने जा रहे हैं। हमारे देश में आने वाले लोग वे होंगे, जो यहां अच्छे काम के लिए आना चाहते हैं।’
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जोहानिसबर्ग: अंगोला के एक फुटबॉल स्टेडियम में भगदड़ मचने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।अंगोला और पुर्तगाल की मीडिया के अनुसार, यह दुर्घटना कल उत्तरपश्चिमी शहर उइगे के एक स्टेडियम में हुई। दुर्घटना इस लिए हुई क्योंकि सैकड़ों लोग स्टेडियम के एक दरवाजे की ओर दौड़े पड़े और इस दौरान कुछ लोग गिर गए और पैरों के नीचे दब गए।पुर्तगाली समाचार एजेंसी लूसा ने कहा कि मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं। जिनकी मौत दम घुटने से हुई।एंगोला की सरकारी समाचार एजेंसी लूसा और एंगोप के अनुसार, मरने वालों की संख्या 17 है। अंगोला के राष्ट्रपति जोस एडुआडरे दोस सांतोस ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को घायलों की मदद करने के साथ ही जांच शुरू करने का निर्देश दिया। दर्शक राष्ट्रीय गिराबोला प्रतिस्पर्धा में घरेलू टीम सांता रीता डी कासिया और रीक्रिएटिवो डी लिबोला के बीच पहले मैच को देखने के लिए गए हुए थे।
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वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सात मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है। संघीय अपीलीय अदालत ने इन देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश से संबंधित ट्रंप के कार्यकारी आदेश को निरस्त करने वाले अदालती फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। संघीय अपीलीय अदालत ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने एकमत से यह फैसला दिया जिसका अर्थ यह है कि इन सात देशों के नागरिक जिनके अमेरिका में प्रवेश पर ट्रंप ने 27 जनवरी के अपने कार्यकारी आदेश के जरिये प्रतिबंध लगा दिया अब अमेरिका की यात्रा कर सकेंगे। यह देश ईरान, इराक, सीरिया, यमन, लीबिया, सूडान व सोमालिया हैं। ट्रंप ने अदालत के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। फैसला आने के तुरंत बाद ट्रंप ने कहा कि वह इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, अदालत में मिलेंगे, देश की सुरक्षा खतरे में है! न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने अदालत के फैसले को 'राजनीतिक फैसला' करार दिया और कहा कि उनका प्रशासन सर्वोच्च न्यायालय में आसानी से इस मामले में जीत जाएगा। ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने शुरुआती कार्यकारी आदेशों में से एक के जरिये ईरान, इराक, सीरिया, यमन, लीबिया, सूडान व सोमालिया के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर 90 दिनों के लिए अस्थाई रोक लगा दी थी, ताकि संघीय सुरक्षा एजेंसियां इस प्रक्रिया की बारीकी से जांच कर सकें।
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