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बीजिंग: चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है कि पाकिस्तानी क्षेत्र पर नियंत्रण की भारतीय सेना की ‘कोल्ड स्टार्ट’ की नीति भयभीत करने वाली है, लेकिन इससे परमाणु-संपन्न पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ‘एकतरफा’ जीत सुनिश्चित नहीं होगी। सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ में प्रकाशित एक आलेख में कहा गया है, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु-संपन्न देश हैं। कोल्ड स्टार्ट की रणनीति भयभीत करने वाली प्रतीत होती है और दोनों देशों की सैन्य क्षमता में अंतर है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ आसानी से एकतरफा जीत हासिल कर सकता है।’ आलेख में कहा गया है, ‘सच्चाई यह है कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा में उल्लेखनीय तौर पर मजबूत है और उसके परमाणु हथियारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।’ समाचार पत्र में कहा गया है कि दक्षिण एशिया को लेकर अमेरिका की भविष्य की विदेश नीति में अनिश्चितता के मद्देनजर पहले से रूकी हुई भारत-पाकिस्तान की शांति प्रकिया अब नाजुक स्थिति में पहुंच गयी है।

वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के शासकीय आदेश को वापस लेने की किसी संभावना से इंकार करते हुए इस मुकदमे को जीतने का विश्वास जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह यात्रा प्रतिबंध बड़े कानूनी परीक्षण का सामना कर रहा है। टम्पा से एंड्रयूज वायु सैन्य अड्डे तक के लिए ट्रंप के साथ एयर फोर्स वन में यात्रा कर रहे पत्रकारों से व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा कि कानून साफ तौर पर राष्ट्रपति के साथ है। संविधान राष्ट्रपति के साथ है। हमारी जनता की सुरक्षा के लिए जो कुछ हमारे देश के हित में है, उसके बारे में राष्ट्रपति एक व्यापक समझ रखते हैं। हमें यकीन है कि इस मामले में जीत हमारी होगी। अंतिम निर्णय से पहले अपीली अदालत ने दोनों पक्षों को अदालत के सामने अपना पक्ष दायर करने को कहा है। शुक्रवार को एक संघीय न्यायाधीश ने यात्रा प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी थी। अमेरिकी सरकार ने इस प्रतिबंध का बचाव करते हुए इसे राष्ट्रपति के अधिकार का वैध उपयोग बताया है। अदालत आज शाम को इस मामले की सुनवाई करेगी। हालांकि स्पाइसर ने शासकीय आदेश को वापस लेने की किसी संभावना से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि शासकीय आदेश अमेरिका के लोगों के सर्वोच्च हित के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की पहली प्राथमिकता देश के लोगों की सुरक्षा करना है।

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष के कार्यों की तुलना अमेरिकी सरकार के कामों से करते हुए व्लादिमीर पुतिन का बचाव किया और कहा कि दुनियाभर में कई लोगों ने अमेरिका की गलतियों के कारण जान गंवाई है। ट्रंप ने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘हमने क्या किया है, इस पर भी नजर डालिए। हमने कई गलतियां की है। मैं शुरूआत से इराक में युद्ध के खिलाफ रहा हूं।’ रूस के राष्ट्रपति को ‘हत्यारा’ कहे जाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कई गलतियां की गई है। कई लोग मारे गए हैं। मेरा भरोसा कीजिए, आस पास बहुत से हत्यारे हैं।’ ट्रंप ने कहा, ‘कई हत्यारे हैं। हमारे यहां कई हत्यारे हैं। आपको क्या लगता है कि हमारा देश निर्दोष है?’ उन्होंने कहा कि वह आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में रूस का सहयोग करना चाहेंगे। ट्रंप ने कहा कि वह पुतिन का सम्मान करते हैं लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि वह साथ-साथ ही चलेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं कई लोगों का सम्मान करता हूं लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि मैं उनके साथ बिल्कुल मिलकर चलूंगा। वह अपने देश का नेतृत्व कर रहे हैं। मेरा कहता हूं कि रूस के साथ मिलकर काम नहीं करने से बेहतर है कि उसके साथ मिलकर काम किया जाए, खासकर यदि रूस आईएसआईएस और दुनियाभर में इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारी मदद करता हैं, जो एक बड़ी लड़ाई है..।’

बीजिंग: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की हाल ही में गठित रॉकेट फोर्स ने 1000 किलोमीटर से ज्यादा की मध्यम दूरी की उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-16 के साथ अभ्यास किया। इस मिसाइल की जद में भारत, जापान और अमेरिका समेत कई देश आते हैं। अपने हथियारों के तंत्र के बारे में गोपनीयता बरतने वाली पीएलए ने मध्यम दूरी की उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-16 के साथ हाल ही में अभ्यास करते सैनिकों का एक वीडियो जारी किया। चीन की रॉकेट फोर्स सेना के शस्त्रागार में अलग-अलग मारक क्षमता की मिसाइलों की देखरेख करने वाला विशेष सैन्य दल है। रॉकेट फोर्स मिसाइल ब्रिगेड के सैनिकों के प्रशिक्षण को दिखाने के लिए जारी की गयी फुटेज में बैलिस्टिक मिसाइल के साथ कई प्रक्षेपण यान दिख रहे हैं। यह तीसरी बार है जब डीएफ-16 मिसाइल सार्वजनिक रूप से दिखायी दी है। आधिकारिक मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाके में चीन के दावों के जवाब में ज्यादा कठोर नीति अपनाने का संकेत दिया है जिसके मद्देनजर चीन, अमेरिका के साथ सैन्य तनाव बढ़ने की आशंका के चलते अपनी तैयारियों को पुख्ता कर रहा है। एक सेवानिवृत मेजर जनरल और अब एक रणनीतिक शोधकर्ता शू ग्वांग्यू ने कहा कि डीएफ-16 1000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक के लक्ष्य को भेद सकती है।

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