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इस्लामाबाद: वरिष्ठ राजनयिक तहमीना जांजुआ को सोमवार को पाकिस्तान का विदेश सचिव नियुक्त किया गया। पाकिस्तान में इस महत्वपूर्ण पद पर आसीन होने वाली वह पहली महिला हैं।विदेश कार्यालय ने कहा कि तहमीना निवर्तमान विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी का स्थान लेंगी। विदेश विभाग ने कहा, ‘तहमीना जांजुआ मार्च, 2017 के पहले सप्ताह में विदेश सचिव का पदभार संभालेंगी।’ मीडिया में आई पहले की खबरों के अनुसार भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित इस पद की दावेदारी में सबसे आगे चल रहे थे। तहमीना जिनिवा में संयुक्त राष्ट्र में स्थानीय प्रतिनिधि और राजदूत के तौर पर सेवा दे रही हैं।विदेश विभाग ने कहा कि वह संजीदा राजनयिक हैं और उनके पास 32 साल से अधिक का अनुभव है। उन्होंने इस्लामाबाद स्थित कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय और न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री हासिल की। तहमीना दिसंबर, 2011 से अक्तूबर, 2015 तक इटली में पाकिस्तान की राजदूत रहीं।

लाहौर: पाकिस्तान में सोमवार शाम को पंजाब विधानसभा के बाहर हुए आत्मघाती हमले में 16 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में लाहौर के डीआईजी यातायात मोबिन अहम और एसएसपी जाहिद गोंदल, डीएसपी परवेज बट शामिल हैं। करीब 58 लोग घायल हुए हैं। लाहौर के पुलिस अधिकारी अमीन वैंस ने कहा कि हमला माल रोड में विधानसभा के चेयरिंग क्रास गेट पर हुए हमले में पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया। गेट पर सैकड़ों केमिस्ट और दवा कंपनियों के प्रतिनिधि कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। वैंस के मुताबिक, जैसे ही मोबिन हड़ताल खत्म करने का ऐलान करने वाले थे, तभी एक मोटरसाइकिल सवार स्टेज के पास पहुंच गया और धमाका कर दिया। उन्होंने कहा कि डीआईजी अहमद इससे पहले बलूचिस्तान में एक आतंकी हमले में बाल-बाल बचे थे। पंजाब के कानून मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि धमाका इतना तेज था कि उसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। हमले के बाद सेना ने इलाके की घेराबंदी कर दी और अस्पतालों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेनाध्यक्ष जनरल आसिफ कमर बाजवा ने हमले की कड़ी निंदा की है। राष्ट्रीय आतंकरोधी एजेंसी ने सात फरवरी को अलर्ट में पंजाब सरकार को लाहौर विधानसभा और गवर्नर हाउस के निकट आतंकी हमले की चेतावनी जारी की थी। प्रांतीय सरकार ने कहा कि अलर्ट के बाद कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, लेकिन भीड़ के बीच हमलावर ने सबको चकमा दे दिया।

वाशिंगटन: व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के लिए आव्रजन से जुड़े नए नियम जारी कर सकते हैं। अधिकारी ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने विवादित यात्रा प्रतिबंध के जरिए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम नहीं किया है। राष्ट्रपति के सहयोगी स्टीफन मिलर ने ‘फॉक्स न्यूज संडे’ से कहा कि संघीय अपीली अदालत द्वारा प्रतिबंध पर न्यायिक समीक्षा होने तक रोक लगा दिए जाने के कारण ट्रंप ‘हर संभव विकल्प पर विचार और काम कर रहे हैं।’ व्हाइट हाउस या तो उच्चतम न्यायालय में एक आपात अपील दायर करके निचली अदालतों के आदेश के संदर्भ में अपने पक्ष का बचाव कर सकते हैं या फिर एक नया विधायी आदेश जारी कर सकते हैं। अंतिम विकल्प ट्रंप ने खुद ही शुक्रवार को पेश किया था। मिलर ने एनबीसी के ‘मीट द प्रेस’ में कहा, ‘हम नए और अतिरिक्त उपायों पर विचार कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आव्रजन हमारे देश और इसके मूल्यों के प्रति शत्रुता रखने वाले लोगों को हमारे देश में प्रवेश करवाने का माध्यम न बन जाए।’ आज जब ट्रंप कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू से मुलाकात करेंगे तो यह मुद्दा उठना तय है। ट्रंप द्वारा प्रतिबंध की घोषणा किए जाने पर त्रुदू ने कहा था कि अमेरिका का उत्तरी पड़ोसी उन लोगों का खुली बाहों से स्वागत करता है, जो ‘अत्याचार, आतंक और युद्ध’ से बचकर भाग रहे हैं।

वाशिंगटन: पाकिस्तान की दशकों पुरानी कश्मीर नीति पर सवाल उठाते हुए देश के एक पूर्व शीर्ष दूत ने कहा है कि इस मसले को सुलझाने से भी आतंकवाद, साम्प्रदायिक संघर्ष की चुनौती समाप्त नहीं होगी या तालिबान अफगानिस्तान में ‘पुरानी इस्लामी व्यवस्था’ स्थापित करने के अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ेगा। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने शुक्रवार को कहा, ‘कश्मीर की समस्या सुलझ जाने पर भी साम्प्रदायिक आतंकवाद कैसे समाप्त होगा, क्योंकि साम्प्रदायिक आतंकवाद का मतलब उन लोगों की हत्या करना है जो आपके धार्मिक सम्प्रदाय के नहीं हैं। कश्मीर की समस्या का समाधान करने से तालिबान नहीं रकेगा जिसका लक्ष्य अफगानिस्तान में पुरानी इस्लामी व्यवस्था को पैदा करना है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए कभी कभी.. पाकिस्तान की ओर से इसे एक अति राष्ट्रवादी दलील बना दिया जाना और कभी कभी बहुत ही आसानी से यह कह देना कि अमेरिका में पाकिस्तान के रख को लेकर हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.. हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष सही मायने में अपने रख के बारे में सोचें।’ हक्कानी ने करीब एक दर्जन शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान यह बात कही। इस रिपोर्ट में ट्रंप प्रशासन से अपील की गई है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रख अपनाए।‘ए न्यू यूएस अप्रोच टू पाकिस्तान: एनफोर्सिंग एड कंडिशंस विदाउट टाइज’ नामक इस रिपोर्ट को ‘द हेरीटेज फाउंडेशन’ के लिस कर्टिस और ‘हडसन इंस्टीट्यूट’ के हक्कानी ने लिखा है। इसमें पाकिस्तान को ‘आतंकवाद का प्रायोजक देश’ घोषित करने की सिफारिश के अलावा बाकी सब कुछ कहा गया है। इसमें पाकिस्तान की ओर तेज, स्पष्ट अमेरिकी दृष्टिकोण अपनाने की बात की गई है।

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