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बोगोटा: कोलंबिया के राष्ट्रपति ने वामपंथी विद्रोहियों के साथ देश के शांति समझौते का समर्थन करने के लिए अमेरिका की तरफ से दिये जाने वाले धन के अनुमोदन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सहयोग करने के लिए कहा है। ट्रंप और राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस के बीच कल फोन पर हुई 25 मिनट की बातचीत के दौरान यह अनुरोध किया गया। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह दोनों नेताओं की पहली बातचीत थी। ओबामा प्रशासन ने कोलंबिया के रिवोल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेज के साथ शांति समझौते का समर्थन करने के लिए इस वर्ष 450 मिलियन डालर की सहायता करने की योजना बनाई थी। लेकिन कांग्रेस को अभी धन प्रदान करने की मंजूरी देनी बाकी है। सैंटोस के सहयोगियों के अनुसार, ट्रंप ने कहा है कि वह कोलंबिया को लगातार समर्थन जारी रखने के पक्ष में हैं। सहयोगियों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले वर्ष के नोबेल पुरस्कार विजेता को भविष्य में व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण भी दिया है।

बेरूत: तुर्की के सैनिक और संबद्ध सीरियाई विद्रोही सहयोगी उत्तरी सीरिया में इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले अल-बाब शहर में प्रवेश कर गये हैं। सीरिया की सरकारी सेना भी जिहादी गढ़ के करीब पहुंच गई है।यह जानकारी एक निगरानी तंत्र ने जानकारी दी। तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु ने सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा कि अल-बाब में आईएस के साथ संघर्ष में तुर्की का एक सैनिक मारा गया और एक अन्य घायल हो गया।जिहादियों को शहर से बाहर निकालने के लिए तुर्की के सैन्य बल और संबद्ध सहयोगी दल अभियान चला रहे हैं। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि तुर्की के सैनिक और संबद्ध सीरियाई विद्रोही सहयोगी दल के लड़ाके पश्चिम की तरफ से अल-बाब में प्रवेश कर गये हैं और जिहादियों के साथ भीषण संघर्ष के बाद इसके पश्चिमी उपनगरों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया है। ब्रिटेन स्थित निगरानी तंत्र ने बताया कि संघर्ष में तुर्की ने अल-बाब पर गोलाबारी और हवाई हमले भी किये। इसने बताया कि तुर्की की गोलाबारी और हवाई हमले में कम से कम छह नागरिकों की मौत हो गई। तुर्की के नेतृत्व वाले सैनिक उत्तर, पूर्वी और पश्चिम की तरफ से आगे बढ़ रहे हैं, जबकि सीरिया सरकार के सैनिक दक्षिण की तरफ से आगे बढ़ रहे हैं।

बुखारेस्ट: भ्रष्टाचार रोधी कानूनों को खत्म करने के सरकार के प्रयास से नाराज हजारों लोगों ने रोमानिया के प्रमुख शहरों में मार्च निकाला। राजधानी बुखारेस्ट स्थित प्रमुख सरकारी स्थल पर जहां आज मुख्य रैली का आयोजन किया गया था वहां तापमान के शून्य से नीचे होने के बावजूद भी करीब 3,000 लोग एकत्रित हुए। प्रदर्शनकारी जो वाम की ओर झुकाव रखने वाली सोशल डेमोक्रेटिक सरकार से अपना कदम वापस लेने की मांग कर रहे हैं वे चिल्ला रहे थे ‘हम विरोध कर रहे हैं, हम पीछे नहीं हटेंगें।’ ‘सोशल डेमोक्रेटिक’ पिछले साल दिसंबर में ही सत्ता में आई थी। ‘नेशनल एगरप्रेस’ समाचार एजेंसी के अनुसार टिमिसोआरा में 3,000 और क्लजु और सिबियु में 2,500 लोगों सहित देश के अन्य हिस्सों में 8,000 लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

बीजिंग: चीन की सरकारी मीडिया ने आज कहा कि ‘एक चीन’ की नीति पर अपने पहले के बयान को वापस लेने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला यह संकेत है कि वह अपने नये काम के बारे में ‘सीख’ रहे हैं और वह चीन-अमेरिका के संबंधों के बीच रुकावट नहीं बनना चाहते हैं। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से पहली बार टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान ‘एक चीन’ नीति का अनुसरण करने की ट्रंप की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। अमेरिका पहले इस नीति का अनुसरण करता रहा है जिसके तहत चीन, ताइवान को अपना ही हिस्सा बताता है। अखबार ने कहा कि ट्रंप ने चीन के बारे में अपने पहले के रूख को बदल लिया है। अखबार ने एक संपादकीय में कहा, ‘पद संभालने के बाद ट्रंप और उनकी टीम ने चीन के बारे में अपना रूख बदल लिया है। ट्रंप ने चीन के मूल हितों को चुनौती देना बंद कर दिया है और इसके बजाय बीजिंग के प्रति सम्मान दिखाया है।’ गौरतलब है कि पद संभालने से पहले ट्रंप ने कहा था कि वह ‘एक चीन की नीति का अनुसरण करने के लिए बाध्य’ नहीं है और उन्होंने ताइवान के राष्ट्रपति से सीधा फोन पर बात कर प्रोटोकॉल तोड़ा था। चीन का मानना है कि ताइवान उसका एक पृथकतावादी प्रांत है और उसे अपने अधिकार क्षेत्र में वापस लाया जाना चाहिये और अगर इसके लिए बलप्रयोग जररी हो तो वह भी करना चाहिये।

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