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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के साथ बातचीत के दौरान यू-टर्न लेते हुए दशकों पुरानी ‘एक चीन’ नीति का सम्मान करने पर सहमति जताई है। ट्रंप और शी की फोन पर हुई बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और राष्ट्रपति ट्रंप चीनी राष्ट्रपति शी के अनुरोध पर ‘एक चीन’ की नीति का सम्मान करने पर राजी हो गए।’ चीनी सरकारी मीडिया की खबर के अनुसार, शी ने ट्रंप की ओर से एक चीन नीति को दी गई मंजूरी की सराहना की है। व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका और चीन के प्रतिनिधि आपसी हित से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत और चर्चा करेंगे। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति शी के बीच फोन पर हुई बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण थी और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के देश के लोगों को शुभकामनाएं दीं।’ व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों ने एक-दूसरे को अपने-अपने देश आने का न्योता भी दिया। दोनों नेताओं के बीच चली ‘लंबी बातचीत’ के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप और शी बेहद सफल नतीजों वाली आगामी बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। ट्रंप ने अपने निर्वाचन के बाद कहा था कि ताइवान पर ‘एक चीन’ की नीति पर बात हो सकती है और वह इसके प्रति पूर्णत: प्रतिबद्ध नहीं हैं। चीन ने पलटवार करते हुए कहा था कि ताइवान को चीनी भूभाग का हिस्सा बताने वाली ‘एक चीन’ की नीति पर ‘बातचीत नहीं की जा सकती।

चीन ताइवान को अपने से अलग हुए प्रांत के रूप में देखता है और मानता है कि वह वापस उसका हिस्सा बनेगा। चीन कहता है कि उसके साथ द्विपक्षीय संबंध रखने वाले सभी देशों को ‘एक चीन’ की नीति का पालन करना चाहिए। ट्रंप ने बीजिंग पर कई बार अनुचित व्यापारिक कार्यों, मुद्रा हेर-फेर और दक्षिण चीन सागर में सैन्य तैनाती का भी आरोप लगाया है। दिन में अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा था कि ट्रंप का मानना है कि चीन और अमेरिका के बीच सकारात्मक संबध दोनों देशों के हितों में है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा मानना है कि (अमेरिका और चीन का संबंध) निश्चित तौर पर हमारे लिए महत्वपूर्ण है और राष्ट्रपति इस बात को समझते हैं। वह चीन के बारे में निष्पक्ष तौर पर बोल चुके हैं। वह हमारे राष्ट्रीय और आर्थिक हितों को स्पष्ट तरीके से समझते हैं। वह चीनी बाजार तक पहुंचने की हमारी कंपनियों की इच्छा को समझते हैं और हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हितों को भी समझते हैं।’ स्पाइसर ने जोर देते हुए कहा कि ट्रंप चीन के साथ एक फलदायी और सकारात्मक संबंध चाहते हैं। ट्रंप ने जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ अपनी निर्धारित बैठक की पूर्व संध्या पर शी को पत्र लिखा था और उसके बाद दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है। शी ने राष्ट्रपति ट्रंप के शपथग्रहण के मौके पर उन्हें बधाई संदेश भेजा था। ट्रंप ने शी और चीन की जनता को लैंटर्न फेस्टिवल की मुबारकबाद देने के लिए पत्र भेजा था।

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