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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि आतंकवाद के खतरे से मुकाबला कर उसे शिकस्त देनी चाहिए और भरोसा जताया कि उनका प्रशासन यह लक्ष्य हासिल करने में सक्षम होगा। उन्होंने कल देश के नाम अपने साप्ताहिक रेडियो एवं वेब संबोधन में कहा, ‘आतंकवाद का खतरा.. मेरी बात मानिए, यह एक खतरा है जिसका मुकाबला कर उसे शिकस्त देनी चाहिए और हम शिकस्त देंगे।’ ट्रम्प ने इस हफ्ते कहा था कि वह इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिले थे और उन्हें इस्राइल की सुरक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को लेकर आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अपने प्रिय सहयोगी इस्राइल के साथ अटूट बंधन की पुष्टि की और मेरे दोस्त प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का व्हाइट हाउस में स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात थी। ट्रम्प ने कहा, मैंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सामने बेहतर सुरक्षा एवं स्थिरता की दिशा में इस्राइल और हमारे दूसरे सहयोगियों एवं भागीदारों के साथ काम करने को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

लॉस एंजिलिस: इस साल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में दलाईलामा को आमंत्रित करने के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के फैसले से चीनी विद्यार्थियों में आक्रोश है जो इस चुनाव को टकराव के तौर पर देखते हैं। कैलीफोर्निया सान डियागो विश्वविद्यालय ने कहा कि उसने निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता के ‘वैश्विक जिम्मेदारी एवं मानवता की सेवा’ के संदेशों के प्रचार के प्रयास के तहत उन्हें आमंत्रित किया है। हालांकि चीनी विद्यार्थियों एवं विद्वानों के एसोसिएशन एवं अन्य संगठनों ने इस पर एतराज किया है और 81 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता को चीन को बांटने की मंशा वाला अलगाववादी नेता करार दिया। विद्यार्थी एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘दलाईलामा न केवल धार्मिक नेता है बल्कि एक राजनीतिक निर्वासित हैं जो मातृभूमि को विभाजित करने और राष्ट्रीय एकता को नष्ट करने में लंबे समय से लगे हुए हैं।’

न्यूयार्क: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोदी ने आरोप लगाया कि कश्मीरियों को आत्मनिर्धारण के अधिकार से ‘वंचित’ रखने के कारण हाल में कश्मीर में ‘विस्फोटक स्थिति’ पैदा हुई जिससे क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के सामने खतरा आया। उन्होंने कहा कि हाल में वहां भड़की आग का मुख्य कारण कश्मीर के लोगों को ‘आत्मनिर्धारण के अधिकार से वंचित’ रखा जाना है जिसका उनसे ‘सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा स्वतंत्र जनमत संग्रह के जरिये वादा किया गया था। इससे वहां क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा पर खतरा पैदा हुआ। मलीहा ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के मिशन में ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के उपलक्ष्य पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक कश्मीर ‘आजाद’ नहीं हो जाता, पाकिस्तान कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्धारण के अधिकार के लिए उनके ‘संघर्ष’ को ‘नैतिक, राजनीतिक एवं कूटनीतिक समर्थन’ देता रहेगा। उन्होंने कहा कि अपनी सरकार की तरफ से वह संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मंचों पर सक्रियता से कश्मीर का मुद्दा उठा रही है, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र नेतृत्व एवं साथ ही सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के साथ बैठकों के दौरान भी यह मुद्दा उठाया जिन्होंने (अध्यक्ष) तब पाकिस्तान के अनुरोध पर सुरक्षा परिषद को मुद्दे से अवगत कराया।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधक कानून के दायरे में लाकर उसके आतंकवाद से संबंध होने को मौन स्वीकृति दे दी है। डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक पंजाब सरकार ने सईद और उसके करीबी सहयोगी काजी काशिफ को आतंकवाद निरोधक कानून (एटीए) की चौथी अनुसूची में डाल दिया है। इस सूची में तीन अन्य लोगों अब्दुल्ला ओबद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद के नाम भी शामिल किए गए हैं। सईद सहित चार अन्य को उसकी पार्टी और राजनीतिक सहयोगियों के गुस्से और हंगामे के बीच 30 जनवरी को नजरबंद किया गया था। सईद को 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद भी नजरबंद किया गया था लेकिन 2009 में अदालत ने उसे रिहा कर दिया था। खबर के अनुसार गृह मंत्रालय ने इन पांच लोगों की पहचान जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत के सक्रिय सदस्य के रूप में की है। मंत्रालय ने आतंकवाद निरोधक विभाग को इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। खबर के मुताबिक चौथी अनुसूची में सिर्फ नाम शामिल होना ही यह बताता है कि उस व्यक्ति का किसी न किसी तरह से आतंकवाद से संबंध हैं। इस सूची में शामिल लोगों को यात्रा प्रतिबंध और संपत्तियों की जांच का सामना करना पड़ सकता है।

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